Bihar Politics News: अखिलेश के बयान पर भड़की नीतीश कुमार की पार्टी, ‘संकीर्ण राजनीति’ करने के आरोप पर किया पलटवार, जानें क्या कहा?

Bihar Politics News: अखिलेश के बयान पर भड़की नीतीश कुमार की पार्टी, ‘संकीर्ण राजनीति’ करने के आरोप पर किया पलटवार, जानें क्या कहा?
Last Updated: 11 अक्टूबर 2024

राजीव रंजन प्रसाद ने अखिलेश यादव पर जेपी की जयंती के दिन 'संकीर्ण राजनीति' करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर श्रद्धांजलि अर्पित करने का विचार था, तो अखिलेश यादव को आधी रात का समय चुनने के बजाय जयंती के दिन का चयन करना चाहिए था।

पटना: नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल (यूनाइटेड) ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के हालिया बयान पर तीखा पलटवार किया है। यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होने की सलाह दी थी। इस पर जेडीयू ने सपा अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए परिवारवाद का मुद्दा उठाया। जद (यू) ने कहा कि समाजवादी विचारक जयप्रकाश नारायण ने जिन जीवन मूल्यों को अपनाया, अगर अखिलेश यादव ने उनमें से कुछ भी अपनाया होता, तो समाजवादी पार्टी पर 'एक परिवार' का वर्चस्व नहीं होता।

अखिलेश यादव ने आरोप में क्या कहा?

अखिलेश यादव ने लखनऊ में जयप्रकाश नारायण की जयंती पर श्रद्धांजलि देने से 'समाजवादियों' को रोके जाने का आरोप लगाया और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार से समर्थन वापस लेने का आग्रह किया। यादव ने बृहस्पतिवार रात जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) में प्रवेश रोकने के लिए टिन की चादरों से मुख्य द्वार बंद करने पर योगी आदित्यनाथ की सरकार की कड़ी आलोचना की।

उन्होंने यह भी कहा कि बहुत से 'समाजवादी' लोग सरकार का हिस्सा हैं और व्यवस्था को चलाने में सक्रिय हैं। यादव ने कहा, “बिहार के मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) भी समय-समय पर जयप्रकाश नारायण जी के बारे में बात करते रहते हैं। वास्तव में, वह जेपी के आंदोलन से ही (एक राजनेता के रूप में) उभरे हैं। यह एक अवसर है कि उन्हें उस सरकार से समर्थन वापस ले लेना चाहिए, जो समाजवादियों को जयप्रकाश की जयंती पर उन्हें याद करने से रोक रही हैं।

अखिलेश की टिप्पणीहैरतअंगेज' - राजीव रंजन

जद (यू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने अखिलेश यादव की टिप्पणी को 'हैरतअंगेज' करार देते हुए नसीहत दी कि उन्हें लोकनायक जयप्रकाश नारायण को केवल श्रद्धांजलि तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए। उन्होंने एक बयान में कहा, "जीवन मूल्यों के लिए जयप्रकाश नारायण आजीवन संघर्षरत रहे। उन्होंने संपूर्ण क्रांति की अवधारणा दी। यदि अखिलेश यादव ने उन जीवन मूल्यों को तरजीह दी होती, तो समाजवादी पार्टी पर एक परिवार का संपूर्ण आधिपत्य नहीं दिखता।"

राजीव रंजन प्रसाद ने यह भी आरोप लगाया कि अखिलेश यादव ने जेपी की जयंती के दिन 'संकीर्ण राजनीति' की और कहा कि श्रद्धांजलि देने के लिए आधी रात का चयन करने के बजाय उन्हें जयंती के दिन का चयन करना चाहिए था। उन्होंने कहा, "ऐसे महामानवों की स्मृति में जब भी कोई दिवस आयोजित किए जाते हैं, तो जनता ऐसी संकीर्ण राजनीति पसंद नहीं करती हैं।"

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