Fight in Waqf Board Meeting: वक्फ बोर्ड की बैठक में भाजपा और टीएमसी के सांसदों के बीच हुई झड़प, घायल हुए तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी

Fight in Waqf Board Meeting: वक्फ बोर्ड की बैठक में भाजपा और टीएमसी के सांसदों के बीच हुई झड़प, घायल हुए तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी
Last Updated: 10 घंटा पहले

वक्फ बोर्ड बिल पर चर्चा के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसदों के बीच तीखी बहस और झड़प हुई, जिससे टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी चोटिल हो गए। यह घटना तब हुई जब वक्फ बिल पर एक संसदीय संयुक्त समिति (JPC) की बैठक चल रही थी।

नई दिल्ली: वक्फ संशोधन बिल को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठकों में हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं, और इन बैठकों में हंगामा, झगड़ा और बहस जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। हालिया घटना में, टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी और भाजपा के सांसदों के बीच बहस इतनी तीव्र हो गई कि मारपीट की स्थिति पैदा हो गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बहस के दौरान बनर्जी ने गुस्से में कथित तौर पर कांच की बोतल तोड़कर फेंक दी, जिसके चलते वह खुद घायल हो गए।

यह घटना तब सामने आई जब JPC वक्फ संपत्तियों से जुड़े संशोधनों पर विचार कर रही थी। इस मुद्दे पर अलग-अलग राजनीतिक दलों के दृष्टिकोण और प्रावधानों को लेकर तीखी असहमति थी, जिसके कारण बैठक में हालात काबू से बाहर हो गए। घटना के बाद बैठक को शांत कराने की कोशिश की गई, लेकिन इससे समिति की कार्यवाही पर गंभीर असर पड़ा हैं।

विधायक के अंगूठे और अंगुली में लगी चोट

वक्फ विधेयक पर आयोजित संयुक्त समिति की बैठक में टीएमसी सदस्य कल्याण बनर्जी और भाजपा के अभिजीत गंगोपाध्याय के बीच तीखी बहस हुई। इस बहस के दौरान बनर्जी ने एक कांच की बोतल तोड़कर फेंकी, जिससे उनके अंगूठे और तर्जनी में चोट लग गई। टीएमसी सांसद को तुरंत प्राथमिक उपचार दिया गया, और बाद में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और आप नेता संजय सिंह उन्हें बैठक कक्ष में वापस ले जाते हुए नजर आए। अधिकारियों ने बनर्जी को सूप भी दिया।

समिति की अध्यक्षता भाजपा के जगदंबिका पाल कर रहे थे, जिसमें सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और वकीलों के एक समूह के विचार सुने जा रहे थे। इसी दौरान, विपक्षी सदस्यों ने विधेयक में अपने हितों को लेकर सवाल उठाए, जिससे बहस और भी बढ़ गई। यह स्थिति बैठक के दौरान तनाव का माहौल पैदा कर गई।

क्या होता हैं वक्फ?

वक्फ इस्लामिक नियमों के तहत दान की गई संपत्तियों को संदर्भित करता है, जिसे धार्मिक कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक और धार्मिक प्रथा है, जिसमें दान की गई संपत्ति का कोई निजी मालिक नहीं होता; इसके बजाय, उसे अल्लाह का माना जाता है। हालांकि, इसे संचालित करने के लिए विभिन्न संस्थाएं और बोर्ड बनाए गए हैं। वक्फ के विभिन्न तरीके:

1. वसीयत द्वारा वक्फ: यदि किसी व्यक्ति के पास एक से अधिक संपत्तियां हैं, तो वह अपनी वसीयत में एक संपत्ति को वक्फ के लिए दान करने का उल्लेख कर सकता है। इस स्थिति में, संबंधित संपत्ति का उपयोग परिवार के अन्य सदस्य नहीं कर सकते, और इसे वक्फ संस्थान द्वारा सामाजिक कार्यों के लिए उपयोग किया जाएगा।

2. विभिन्न संपत्तियों का वक्फ: वक्फ के लिए संपत्तियां विभिन्न रूपों में हो सकती हैं, जैसे:

* रियल एस्टेट: मकान, भूखंड आदि।

* वित्तीय संपत्तियां: शेयर, बांड आदि।

* वस्तुएं: किताबें, अन्य उपयोगी सामान।

* नकद धन: वक्फ में नकद राशि भी शामिल की जा सकती है।

3. योग्यता: कोई भी मुस्लिम, जिसकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक है, अपने नाम की संपत्ति को वक्फ कर सकता है।

4. स्वामित्व का अधिकार: वक्फ की गई संपत्ति पर दानकर्ता का परिवार या कोई अन्य व्यक्ति दावा नहीं कर सकता। यह संपत्ति पूरी तरह से वक्फ संस्थान या बोर्ड के अधीन होती है, जो इसे धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए उपयोग करती है।

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