Gobhi Manchurian: गोवा में गोभी मंचूरियन पर मचा बवाल; लगाया गया बैन, जानें ऐसा क्या हुआ

Gobhi Manchurian: गोवा में गोभी मंचूरियन पर मचा बवाल; लगाया गया बैन, जानें ऐसा क्या हुआ
Last Updated: 06 अप्रैल 2024

गोवा के मापुसा में गोभी मंचूरियन को लेकर लोगों के बीच विवाद मचा हुआ है। गोभी मंचूरियन पर गोवा के मापुसा में प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके बाद से इसपर बवाल मचा हुआ हैं।

पणजी: गोवा में इन दिनों स्पेशल डिस गोभी मंचूरियन को लेकर लोगों के बीच बवाल मचा हुआ है। गोवा के मापुसा में इस गोभी मंचूरियन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। यहां पर कोई भी दुकानदार या रेहड़ी वाला आज के बाद गोभी मंचूरियन नहीं बेच सकता है। जानकारी के मुताबिक मापुसा के पार्षद तारक कुमार अरोलकर ने पिछले महीने मार्च में बोडगेश्वर मंदिर में दावत के दौरान हुई घटना के कारण सुझाव दिया था कि गोभी मंचूरियन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया जाए। बाकी परिषद ने इस बात पर तुरंत सहमति जताई थी। जिसके बाद गोभी मंचूरियन पर बैन लगा दिया गया।

गोभी मंचूरियन पर क्यों लगा बैन?

अधिकारी ने Subkuz.com को बताया कि गोभी मंचूरियन पर प्रतिबंध लगाने का एक कारण अच्छे तरीके से साफ-सफाई नहीं होना है और दूसरा मुख्य कारण इसमें इस्तेमाल होने वाला सिंथैटिक कलर है। बताया कि सिंथैटिक कलर का उपयोग गोभी मंचूरियन को लाल रंग देने के लिए किया जाता है। लेकिन यह कलर स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक होता है। इसी कारण गोवा सरकार ने मंचूरियन गोभी पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है ताकि किसी को सेहत से संबंधित कोई परेशानी हो जाए।

कपडे धोने वाले पाउडर का इस्तेमाल

एफडीए (Food and Drug Administration) के वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने Subkuz.com को बताया कि किसी व्यक्ति ने गोभी मंचूरिय में हानिकारक घटिया चटनी का उपयोग करने को लेकर भी शिकायत की थी। शिकायत में कहां गया था कि दुकानदार और रेहड़ी वाले गोभी मंचूरियन को जल्दी तैयार करने के लिए बेकार पाउडर और घटिया गुणवत्ता वाली चटनी का इस्तेमाल करते हैं।

बताया कि दुकानदार आटे में किसी प्रकार का पाउडर और बैटर में कॉर्नस्टार्च का उपयोग करते हैं ताकि ज्यादा गहरे तलने के बाद भी, फूलगोभी के फूल काफी लंबे समय तक कुरकुरा और स्वादिष्ट रहें। अधिकारी ने बताया कि गोभी मंचूरियन इस्तेमाल होने वाला पाउडर एक प्रकार का रीठा है, जिसका उपयोग धोबी और घर में कपड़े धोने में किया जाता है। उन्होंने कहां कि इसी कारण रेस्तरां में मंचूरिया गोभी की एक प्लेट 70 से100 रुपये में और रेहड़ी-ठेले वाले 30 से 40 रुपये में ही दे देते हैं।

दुकानदार और रेहड़ी वालो ने सरकार के इस फैसले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि हमें अधिकारियों द्वारा गोभी मंचूरियन नहीं बेचने को लेकर निर्देश मिले थे। बताया कि कुछ लोगों की गलतियों की सजा हम सब क्यों मिल रही है? अधिकारीयों को जांच करनी चाहिए की क्या सभी मंचूरियन बेचने वाले ऐसा करते है या फिर कुछ लोग ही ताकि एक के कारण सभी का रोजगार बंद हो।

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