बिहार के नालंदा जिले के राजगीर में स्थित जू सफारी में इन दिनों ठंड का असर बढ़ता जा रहा है, जिससे जानवरों की सेहत पर भी असर पड़ने लगा है। ऐसे में विभाग ने इन जानवरों की सुरक्षा और सेहत के लिए विशेष कदम उठाए हैं। खासकर शेर और बाघ जैसे बड़े जानवरों को ठंड से बचाने के लिए हीटर लगाए गए हैं, और उनके संरक्षण के लिए डॉक्टरों की टीम को प्रतिनियुक्त किया गया है। यह खबर जानवरों की देखभाल और पर्यटकों की सुरक्षा की दिशा में उठाए गए कदमों पर आधारित हैं।
ठंड से बचाव के लिए हीटर का प्रयोग
राजगीर जू सफारी में स्थित सभी बड़े जानवरों को खास तौर पर ठंड से बचाने के लिए हीटर लगाए गए हैं। विभाग ने इन जानवरों के वार्ड में हीटर और गर्माहट बनाए रखने के लिए अन्य उपायों को भी लागू किया है, ताकि जानवरों को इस सर्द मौसम में कोई परेशानी न हो। इसके अलावा, जानवरों के वार्ड के चारों ओर पर्दे लगाए गए हैं ताकि हवाओं का प्रभाव उनसे दूर रहे। इन उपायों से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जानवरों को शारीरिक नुकसान न हो और उनकी सेहत बनी रहे।
डॉक्टर्स की प्रतिनियुक्ति और सतर्कता
ठंड के मौसम में जानवरों की सेहत पर खास ध्यान दिया जा रहा है, खासकर शेर और बाघों की स्थिति पर। ठंड की वजह से इन जानवरों को ज्यादा खतरा हो सकता है, और अगर समय रहते उनकी देखभाल न की जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। इस स्थिति से निपटने के लिए जू सफारी में चिकित्सकों की एक टीम तैनात की गई है, जो जानवरों की नियमित जांच करती है। इसके अलावा, इन डॉक्टरों को पूरी तरह से अलर्ट रखा गया है, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति का तुरंत समाधान किया जा सके।
जानवरों के लिए गर्माहट और सुरक्षा
रेंजर राकेश कुमार ने बताया कि जू सफारी के अंदर सभी जानवरों के वार्ड में तापमान बनाए रखने के लिए कई खास कदम उठाए गए हैं। रूम हीटर के अलावा, पुआल, कारपेट, लकड़ी के प्लेटफार्म, पर्दे, और खिड़कियों में शीशे लगाए गए हैं। इन उपायों से जानवरों के वार्ड में ठंड की हवा का प्रवेश रोका जा रहा है। इसके साथ ही, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि वार्ड के अंदर सभी जानवरों को पर्याप्त गर्माहट मिले।
ठंड के कारण बाहरी गतिविधियों पर असर
राजगीर जू सफारी में ठंड की वजह से जानवरों को फिलहाल बाहर नहीं निकाला जा रहा है। जब तक सूरज की धूप नहीं दिखती, तब तक जानवरों को उनकी वार्ड से बाहर नहीं निकाला जाता। हालांकि, जैसे ही धूप निकलती है, जानवरों को बाहर की खुली हवा में लाने की कोशिश की जाती है, ताकि उनका स्वाभाविक व्यवहार बना रहे और उन्हें बाहरी गतिविधियों का हिस्सा बनने का मौका मिल सके।
नया साल और पर्यटन पर असर
नया साल आने वाला है और इस दौरान पर्यटकों का आगमन बढ़ सकता है। इस समय ठंड का असर और बढ़ने की संभावना है, इसलिए राजगीर के कई अन्य पर्यटक स्थलों पर भी ठंड से बचाव के इंतजाम किए जा रहे हैं। जू सफारी के अधिकारियों का कहना है कि पर्यटकों को किसी भी प्रकार की असुविधा से बचाने के लिए सभी सुविधाएं तैयार की जा रही हैं।
विभाग का संदेश
जू सफारी के प्रबंधन का कहना है कि ठंड से बचाव के लिए पूरी तरह से सतर्कता बरती जा रही है। जानवरों की सुरक्षा के साथ-साथ पर्यटकों के आराम और उनकी सुरक्षा पर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है। जू सफारी के रेंजर और कर्मचारियों का मानना है कि इस सर्दी में भी अगर सावधानी बरती जाए, तो किसी भी प्रकार की समस्या से बचा जा सकता हैं।
राजगीर जू सफारी में ठंड के बढ़ते प्रभाव से निपटने के लिए विभाग ने जो कदम उठाए हैं, वे न केवल जानवरों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह पर्यटकों के लिए भी एक बेहतर अनुभव सुनिश्चित करने में मदद करेंगे। विभाग के द्वारा किए गए ठंड से बचाव के उपायों से यह स्पष्ट है कि राजगीर में जानवरों के साथ-साथ पर्यटकों की सुरक्षा और आराम को भी प्राथमिकता दी जा रही हैं।