Hezbollah: हिजबुल्लाह संगठन की स्थापना कब और कैसे हुई, क्या इजरायल के साथ जंग कर सकता है ये संगठन? जानिए हिजबुल्लाह संगठन के बारे में
लेबनान में स्थित संगठन हिजबुल्लाह इन दिनों काफी चर्चा विषय बना हुआ है। इसकी सबसे बड़ी इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्ध का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इजरायल के कब्जे वाले गोलान हाइट्स पर हुए रॉकेट हमले में 12 लोगों की मौत हो जाने के बाद इजरायल काफी नाराज है। वह किसी भी समय बदला लेने के लिए हिजबुल्लाह पर बड़ा हमला कर सकता हैं।
नई दिल्ली: इजरायल और हमास के बीच चल रहा संघर्ष अब लेबनान तक पहुंच गया है। इसकी सबसे बड़ी वजह गोलान हाइट्स पर हुए रॉकेट हमले में 12 लोगों की मौत होना। इजरायल ने आरोप लगाया कि इस हमले के पीछे हिजबुल्लाह संगठन का हाथ है। लेकिन हिजबुल्लाह ने हमले की जिम्मेदारी लेने से साफ इंकार कर दिया है। इजरायल के प्रधानमंत्री श्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हिजबुल्लाह को भारी कीमत चुकाने की चेतावनी दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इजरायल किसी भी समय जवाबी हमला कर सकता हैं।
हिजबुल्लाह संगठन की स्थापना
जानकारी के मुताबिक हिजबुल्लाह की स्थापना साल 1982 में गृह युद्ध के बीच लेबनान में हुई थी। लेबनान में गृह युद्ध साल 1975 से 1990 के दौरान चला था। बता दें वर्ष 1982 में इजरायल ने मिसाइल से हमला करके लेबनान की राजधानी बेरूत और कई अन्य हिस्सों पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद हिजबुल्लाह को ईरान ने इजरायल के खिलाफ युद्ध में खड़ा किया था। हिजबुल्लाह शिया मुस्लिम राजनीतिक दल और सशस्त्र संगठन दो गुटों में बनता हुआ है। जानकारी के मुताबिक हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच आखिरी युद्ध वर्ष 2006 में हुआ था।
बताया गया है कि साल 1943 में लेबनान की सत्ता धार्मिक समूहों में बंटी हुई थी। सत्ता का यह बंटवारा एक समझौते के आधार पर किया गया था। इसके मुताबिक सुन्नी मुस्लिम को प्रधानमंत्री, ईसाई समुदाय का नेता राष्ट्रपति और शिया मुस्लिम नेता को संसद अध्यक्ष बनाया जाएगा। इसके बाद तीनों धार्मिक समूहों में काफी ज्यादा तनाव बढ़ गया और लेबनान में गृह युद्ध हो गया।
कौन है हिजबुल्लाह का नेता?
हिजबुल्लाह की कमान सैयद हसन नसरल्लाह के हाथ में सौंपी गई है। वह एक शिया समुदाय के धर्मगुरु हैं। बता दें टेलीविजन पर भाषण देने वाले नसरुल्लाह कभी अपना चेहरा नहीं दिखाते हैं। जानकारी के मुताबिक ईरान के साथ उनके बहुत ज्यादा करीबी संबंध भी हैं। ईरान हिजबुल्लाह को फंड देने के साथ युद्ध में बड़े स्तर पर मदद करता है। इस दोस्ती की एकमात्र वजह दोनों की इजरायल के साथ दुश्मनी हैं।
हिजबुल्लाह संगठन की ताकत
जानकारी के मुताबिक हिजबुल्लाह दुनिया का सबसे शक्तिशाली और गैर-सरकारी समहू है। इसके पास लड़ाकू रॉकेट और ड्रोन हतियार हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हिजबुल्लाह के पास कुल एक लाख से भी अधिक रॉकेट हो सकते हैं। हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह ने 2021 में जानकारी देते हुए कहां था कि उनके संगठन में करीब एक लाख लड़ाकू रॉकेट शामिल हैं। हिजबुल्लाह के नेता का कहना है कि वह अपनी मिसाइल और रॉकेट की ताकत से पूरे इजरायल को निशाना बनाकर चकनाचूर कर सकता हैं।