हरियाणा में नायब सरकार, BJP ने फिर से नायब को मुख्यमंत्री बनाने का क्यों लिया फैसला, जानें क्या है पीछे की रणनीति?

हरियाणा में नायब सरकार, BJP ने फिर से नायब को मुख्यमंत्री बनाने का क्यों लिया फैसला, जानें क्या है पीछे की रणनीति?
Last Updated: 2 दिन पहले

हरियाणा बीजेपी के विधायकों ने नायब सिंह सैनी को अपना नेता नियुक्त किया है। सैनी का चुनाव केवल एक औपचारिकता था, क्योंकि बीजेपी ने चुनाव उन्हीं के चेहरे पर लड़ा था। उन्हें पार्टी के उच्च नेतृत्व का पूरा समर्थन प्राप्त था। सैनी दूसरी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होंगे।

Haryana: हरियाणा के बीजेपी विधायकों ने नायब सिंह सैनी को अपना नेता चुना है। सैनी का चुनाव बुधवार को पंचकूला में पार्टी कार्यालय में किया गया। उनके नाम का प्रस्ताव पूर्व मंत्री और अंबाला कैंट के विधायक अनिल विज तथा नरवाना के विधायक कृष्ण कुमार बेदी ने रखा। इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकृति मिली।

बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में अमित शाह और मोहन यादव उपस्थित थे। इसके अलावा, हरियाणा बीजेपी के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और राव इंद्रजीत सिंह भी बैठक में शामिल हुए। बीजेपी विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद नायब सिंह सैनी ने राजभवन जाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया और 51 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपा। आइए जानते हैं कि बीजेपी विधायकों ने नायब सिंह सैनी को अपना नेता क्यों चुना।

5 प्वाइंट्स में समझते हैं कि बीजेपी विधायकों ने सैनी को ही क्यों चुना?

1. सरकार की छवि में बदलाव

जब नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया था, तब हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की सरकार के प्रति रोष था। जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं के असंतोष को देखते हुए, बीजेपी ने सैनी को नया मुख्यमंत्री बनाया। उन्होंने सरकार की छवि बदलने का काम किया और एंटी-इनकम्बेंसी के बावजूद बीजेपी को पहली बार बहुमत दिलाया। इस सफल नेतृत्व के कारण उनका फिर से चयन तय माना जा रहा था।

2. कार्यकर्ताओं में नया उत्साह

चुनाव प्रचार के दौरान सैनी ने कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद स्थापित किया और उनमें आत्मविश्वास जगाया। उन्होंने कार्यकर्ताओं को पुरानी बातों को भूलकर नए सिरे से काम करने के लिए प्रेरित किया, जिससे बीजेपी को चुनाव में बड़ा लाभ मिला। उनकी मेहनत और कार्यकर्ताओं से जुड़ाव ने उन्हें विधायक दल का नेता बनने में मदद की।

3. मनोहर लाल खट्टर की तुलना में सरल छवि

मनोहर लाल खट्टर की सख्त और दूरदराज की छवि के विपरीत, नायब सिंह सैनी एक सहज और लोगों से जुड़ने वाले नेता माने जाते हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान आम जनता से संपर्क बढ़ाया और एक सौम्य छवि बनाई। इस सकारात्मक छवि का फायदा बीजेपी को चुनाव में मिला और यही वजह रही कि सैनी को दोबारा मुख्यमंत्री चुना गया।

4. गैर-जाट वोट बैंक का ध्रुवीकरण

बीजेपी ने हरियाणा के चुनाव में गैर-जाट वोट बैंक को संगठित करने पर ध्यान दिया। ओबीसी और दलित समुदाय को साथ जोड़कर बीजेपी ने सैनी जैसे ओबीसी नेता को मुख्यमंत्री बनाया। सैनी माली जाति से आते हैं, जो ओबीसी में शामिल है और हरियाणा में बड़ा वोट बैंक है। इस रणनीति ने बीजेपी को व्यापक समर्थन दिलाया, जिससे सैनी का चयन फिर से हो पाया।

5. सीएम पद के दावेदारों पर नियंत्रण

बीजेपी में कई बड़े नेता मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे, जैसे राव इंद्रजीत सिंह, अनिल विज, और कुलदीप बिश्नोई। लेकिन बीजेपी नेतृत्व ने किसी अन्य दावेदार पर ध्यान देकर चुनाव में पार्टी के प्रमुख चेहरे नायब सिंह सैनी को ही चुना। उनका नेतृत्व और पार्टी में उनकी स्वीकार्यता उनके चयन का मुख्य कारण रहा।

 

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