India Politics: मोदी सरकार के 10 साल का संपूर्ण विश्लेषण; उपलब्धियां, चुनौतियां और भविष्य का दृष्टिकोण

India Politics: मोदी सरकार के 10 साल का संपूर्ण विश्लेषण;  उपलब्धियां, चुनौतियां और भविष्य का दृष्टिकोण
Last Updated: 23 अगस्त 2024

2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जब केंद्र में सत्ता संभाली, तब से लेकर आज तक के दस सालों में देश में कई महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं। इस दौरान सरकार ने जहां कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं, वहीं चुनौतियों का भी सामना किया है। इस लेख में हम मोदी सरकार के इन 10 वर्षों का विस्तृत विश्लेषण करेंगे, जिसमें सरकार की नीतियों, उनके प्रभाव, समाज के विभिन्न वर्गों की स्थिति और विपक्ष की भूमिका पर चर्चा करेंगे।

सरकार की प्रमुख उपलब्धियां: सुधार और विकास की दिशा में कदम

मोदी सरकार ने अपने दो कार्यकालों में कई महत्वपूर्ण पहल और सुधार किए हैं, जो भारत को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख स्थान दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण माने जा सकते हैं।

1. आर्थिक सुधार और भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का सपना:

 * मेक इन इंडिया: इस पहल का उद्देश्य भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना था, जिससे देश की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके और रोजगार के नए अवसर सृजित हो सकें।

* जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर): एकल कर प्रणाली लागू कर सरकार ने व्यापार को सरल बनाया और कराधान में पारदर्शिता लाई।

* डिजिटल इंडिया: देश को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए यह कार्यक्रम चलाया गया, जिससे सरकारी सेवाओं की उपलब्धता बढ़ी और पारदर्शिता में सुधार हुआ।

* इनफ्रास्ट्रक्चर विकास: स्मार्ट सिटी मिशन, बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट, और नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन जैसी परियोजनाओं के जरिए देश में बुनियादी ढांचे का व्यापक विकास हुआ।

2. सामाजिक सुरक्षा और वंचित वर्गों के लिए योजनाएं:

* प्रधानमंत्री जन धन योजना: इस योजना के तहत करोड़ों लोगों के बैंक खाते खोले गए, जिससे वित्तीय समावेशन में सुधार हुआ।

* उज्ज्वला योजना: गरीब परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन देकर उनकी जीवनशैली में सुधार किया गया।

* प्रधानमंत्री आवास योजना: गरीब और वंचित वर्गों को सस्ती दरों पर आवास उपलब्ध कराने के लिए यह योजना चलाई गई।

3. पिछड़े वर्गों, आदिवासियों और महिलाओं के लिए पहल:

* आरक्षण में सुधार: मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10% आरक्षण लागू किया, जिससे कई वंचित वर्गों को फायदा पहुंचा।

* वन अधिकार अधिनियम का क्रियान्वयन: आदिवासी समुदायों के लिए जंगलों पर उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए इस अधिनियम को प्रभावी ढंग से लागू किया गया।

* बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ: महिलाओं और लड़कियों की शिक्षा और सुरक्षा के लिए इस अभियान की शुरुआत की गई।

* तीन तलाक पर प्रतिबंध: मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए तीन तलाक की प्रथा को गैरकानूनी घोषित किया गया।

4. किसानों के लिए योजनाएं:

* प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि: इस योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को प्रतिवर्ष 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जा रही हैं।

* कृषि सुधार बिल: हालांकि इन सुधारों पर भारी विरोध हुआ, लेकिन सरकार का दावा था कि इससे किसानों की आय में सुधार होगा और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

चुनौतियां और विवाद: सरकार के सामने खड़ी समस्याएं

1. बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी:

- सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी रही है। पेट्रोल, डीजल, और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि ने आम आदमी की मुश्किलें बढ़ाई हैं।

- कोविड-19 महामारी के बाद बेरोजगारी का स्तर भी चिंता का विषय बना रहा। युवाओं में रोजगार की कमी को लेकर नाराजगी बढ़ी हैं।

2. महिलाओं की सुरक्षा और घरेलू हिंसा:

- महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई कड़े कानून बनाए गए हैं, लेकिन जमीनी हकीकत में स्थिति अब भी चिंताजनक है। देश में घरेलू हिंसा और बलात्कार के मामलों में कमी नहीं आई हैं।

- महिला सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों के बावजूद महिला अपराधों की बढ़ती संख्या एक बड़ी चुनौती बनी हुई हैं।

3. मुस्लिम समुदाय की नाराजगी:

 - मोदी सरकार पर मुस्लिम समुदाय के एक बड़े हिस्से ने भेदभाव का आरोप लगाया है। सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम), एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स) और तीन तलाक कानून जैसे मुद्दों को लेकर मुस्लिम समाज में नाराजगी देखी गई हैं।

 - कश्मीर से धारा 370 हटाने का भी मुस्लिम समुदाय के एक बड़े हिस्से में विरोध हुआ।

4. विपक्ष की आलोचना और बाधाएं:

- विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर कई आरोप लगाए हैं, जैसे कि लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने, अल्पसंख्यकों के अधिकारों का उल्लंघन करने, और सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप।

- किसानों के विरोध, नागरिकता संशोधन कानून, और महामारी के दौरान उठाए गए कदमों को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच गहरा टकराव रहा हैं।

आगामी विधानसभा चुनावों का प्रभाव और संभावित परिणाम

आगामी विधानसभा चुनावों में मोदी सरकार की नीतियों और फैसलों का बड़ा असर देखने को मिल सकता है। जहां कुछ राज्यों में भाजपा की पकड़ मजबूत हो सकती है, वहीं कुछ राज्यों में विपक्ष के लिए बेहतर अवसर पैदा हो सकते हैं।

* उत्तर प्रदेश: देश के सबसे बड़े राज्य में भाजपा की पकड़ मजबूत रही है, लेकिन हालिया किसान आंदोलन और बेरोजगारी जैसे मुद्दे विपक्ष को मौका दे सकते हैं।

* बिहार: भाजपा और जदयू गठबंधन ने 2020 में सत्ता संभाली, लेकिन मौजूदा हालात में विपक्ष यहां भी जोर आजमाइश कर सकता हैं।

* पश्चिम बंगाल: 2021 में भाजपा ने यहां अपनी पैठ बनाने की कोशिश की, लेकिन टीएमसी के सामने उसे कड़ी चुनौती मिली। भविष्य में इस राज्य में विपक्ष का दबदबा बना रह सकता हैं।

मोदी सरकार के 10 सालों का संपूर्ण आकलन

मोदी सरकार के पिछले 10 सालों का विश्लेषण दिखाता है कि सरकार ने कई क्षेत्रों में सुधार किए हैं, लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं हैं। सरकार की नीतियों ने जहां कुछ वर्गों को लाभ पहुंचाया है, वहीं अन्य वर्गों में नाराजगी भी देखने को मिली है। आने वाले समय में, सरकार के समक्ष महंगाई, बेरोजगारी, और सामाजिक असंतोष जैसी चुनौतियां रहेंगी, जिन्हें सुलझाना आवश्यक होगा।

विपक्ष की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि सरकार के खिलाफ उठाए गए मुद्दों का असर आगामी चुनावों में दिख सकता है। भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का सपना मोदी सरकार का प्रमुख उद्देश्य रहा है, लेकिन इसे हासिल करने के लिए जरूरी है कि सरकार अपनी नीतियों में व्यापक सुधार और समावेशिता का ध्यान रखे।

आगामी समय में सरकार और विपक्ष के बीच की राजनीतिक जंग देश की दिशा तय करेगी, और इसी से यह भी तय होगा कि जनता किसे अगले दशक के लिए सत्ता सौंपेगी।

नोट:- यह लेख लेखक के शोध और उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर विश्लेषण के रूप में लिखा गया है। इसे किसी आधिकारिक दस्तावेज़ या समाचार की तरह न समझा जाए।

 

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