Indian Army: अब आतंकवादियों को होगा खात्मा, भारतीय सेना के बेड़े में शामिल हुईं 550 पिस्तौल 'अस्मि'; एक बार में करती है पुरे 33 राउंड फायर

Indian Army: अब आतंकवादियों को होगा खात्मा, भारतीय सेना के बेड़े में शामिल हुईं 550 पिस्तौल 'अस्मि'; एक बार में करती है पुरे 33 राउंड फायर
Last Updated: 4 घंटा पहले

भारतीय सेना ने आतंकवादियों के खिलाफ अभियान को और सशक्त करने के लिए 550 "अस्मि" स्वदेशी मशीन पिस्तौल को शामिल किया है। यह भारत में पूरी तरह से निर्मित पहला हथियार है, जिसे खासतौर पर नजदीकी लड़ाई और विशेष अभियानों के लिए डिज़ाइन किया गया हैं।

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं का मुकाबला करने के लिए भारतीय सेना ने अत्याधुनिक 'अस्मि' मशीन पिस्तौल को अपने बेड़े में शामिल किया है। यह भारतीय निर्मित हथियार वजन में हल्का, कैरी करने में आसान और कई विशेषताओं से लैस है, जो सेना के जवानों के लिए आतंकियों के खिलाफ अभियान को अधिक प्रभावी बनाएगा।

सेना की उत्तरी कमान को यह नई पिस्तौल सौंपी गई है। उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एम. वी. सुचिंद्र कुमार ने शुक्रवार को इसकी समीक्षा की और इसे विशेष अभियानों के लिए उपयोगी बताया।

स्वदेशी निर्मित है अस्मि पिस्तौल

अस्मि पिस्तौल भारतीय सेना के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार है, जो पूरी तरह से स्वदेशी निर्मित है। इसका विकास कर्नल प्रसाद बंसोड़ ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के सहयोग से किया है। इस पिस्तौल को उत्तरी कमान में नजदीकी लड़ाई और विशेष अभियानों में उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह हथियार आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे भारतीय सेना की स्वतंत्रता और तकनीकी क्षमता में वृद्धि हो रही हैं। अस्मि पिस्तौल को 550 हथियारों के पहले बैच के रूप में उत्तरी कमान में शामिल किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य आतंकवाद और दुश्मन की गतिविधियों पर नियंत्रण पाना है। पिस्तौल की सटीकता और हल्के वजन इसे ऑपरेशनल तैयारियों के लिए आदर्श बनाते हैं। इससे आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई को और प्रभावी बनाया जाएगा।

अस्मि पिस्तौल का निर्माण लोकेश मशीन्स लिमिटेड द्वारा हैदराबाद में स्वदेशी रूप से किया जा रहा है। यह पिस्तौल सेमी-बुलपप डिजाइन के साथ बनाई गई है, जो इसे एक हाथ से संचालन करने में सरल बनाती है। इस पिस्तौल का एक अनूठा पहलू यह है कि यह एक ही समय में पिस्तौल और सब-मशीन गन दोनों के रूप में कार्य कर सकती है। इसके विनिर्देशों के अनुसार, इसमें आठ इंच की बैरल और 9 मिमी गोला-बारूद फायर करने वाली 33-राउंड मैगजीन हैं।

अस्मि पिस्तौल की कुछ विशेषताएं 

* सटीकता: अस्मि पिस्तौल 100 मीटर तक सटीक निशाना लगाने में सक्षम है, जो इसे नजदीकी और मध्यम दूरी की लड़ाइयों के लिए आदर्श बनाता है।

* मैगजीन: इसकी मैगजीन में 33 गोलियाँ आती हैं, जिससे लंबे समय तक फायरिंग की जा सकती है बिना बार-बार रीलोड किए।

* डिज़ाइन: मशीन पिस्टल का लोडिंग स्विच दोनों तरफ है, जिससे इसे पिस्तल और सब-मशीन गन दोनों रूपों में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह डिज़ाइन जवानों को अलग-अलग ऑपरेशनल स्थितियों में सुविधा प्रदान करता हैं।

* भारतीय निर्माण: यह पिस्तौल पूरी तरह से 'मेड इन इंडिया' है, जो भारतीय सेना की आत्मनिर्भरता और स्वदेशी तकनीकी क्षमताओं को बढ़ावा देती हैं।

* संचालन में आसानी: इसका आकार और डिजाइन ऐसा है कि जवान इसे आसानी से छिपा सकते हैं, जिससे यह विशेष अभियानों के दौरान उपयोगी साबित होती हैं।

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