Jharkhand News: भाजपा ने छह नेताओं को किया बाहर, नए चेहरों पर जताया भरोसा, देखे लिस्ट

Jharkhand News: भाजपा ने छह नेताओं को किया बाहर, नए चेहरों पर जताया भरोसा, देखे लिस्ट
Last Updated: 21 अक्टूबर 2024

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2014 में 72 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से 37 सीटों पर उसे जीत मिली थी। इसके बाद, छह झाविमो विधायक भाजपा में शामिल हो गए, जिससे विधायकों की संख्या बढ़कर 43 हो गई। इस बार 2014 के चुनाव में विजयी रहे कुछ विधायकों को टिकट नहीं दिया गया, जिनमें गंगोत्री कुजूर, ताला मरांडी, विमला प्रधान, शिवशंकर उरांव, लक्ष्मण टुडू और राज पलिवार शामिल हैं।

Jharkhand: वर्ष 2014 में भाजपा ने 72 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिसमें से 37 सीटों पर उसे जीत मिली। चुनाव परिणामों के बाद, झाविमो के टिकट पर जीतने वाले छह विधायक एक साथ भाजपा में शामिल हो गए, जिससे पार्टी के विधायकों की संख्या 43 हो गई। यह संख्या बहुमत के लिए पर्याप्त साबित हुई।

इस स्वर्णिम काल में पार्टी ने उन छह विधायकों को फिर से नकार दिया, जो पिछले चुनाव में टिकट पाने में सफल रहे थे। वर्ष 2014 में जीतने वाले उन विधायकों में से, जिन्हें इस बार टिकट नहीं मिला, शामिल हैं: मांडर से गंगोत्री कुजूर, बोरियो से ताला मरांडी, सिमडेगा से विमला प्रधान, गुमला से शिवशंकर उरांव, घाटशिला से लक्ष्मण टुडू और मधुपुर से राज पलिवार।

राज पलिवार को भाजपा ने पहले श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण मंत्री बनाया था। उन्हें वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर मौका दिया गया, लेकिन वे चुनाव हार गए। इसके बाद, वर्ष 2021 में तत्कालीन मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के निधन के बाद हुए उपचुनाव में उनकी जगह गंगा नारायण सिंह को टिकट दिया गया।

भाजपा ने जताया विश्वास

भाजपा ने पलिवार की जगह इस बार भी उन पर विश्वास जताया। मांडर से पिछले चुनाव में भाजपा ने देवकुमार धान को टिकट दिया था, जबकि इस बार सन्नी टोप्पो को उम्मीदवार बनाया गया है। इसी तरह, सिमडेगा से पिछली बार श्रद्धानंद बेसरा को टिकट मिला था। इस बार भी पार्टी ने बेसरा पर विश्वास जताते हुए उन पर दांव लगाया है।

गुमला में शिवशंकर उरांव की जगह मिसिर कुजूर को टिकट मिला था। इस बार पार्टी ने लोहरदगा संसदीय क्षेत्र से सुदर्शन भगत को चुनावी मैदान में उतारा है। इन्हें लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बावजूद पार्टी का साथ देने का उपहार मिला। इधर, वर्ष 2019 में टिकट नहीं मिलने पर ताला मरांडी आजसू के टिकट पर चुनाव में उतरे थे। हालांकि बाद में उनकी वापसी तो हुई, लेकिन इस बार भी उन्हें टिकट नहीं मिला। बता दें कि इस वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों की सूची में नाम आने के बाद भी ताला मरांडी का नाम बाद में कट गया था।

घाटशिला से लक्ष्मण टुडू की जगह पिछली बार लक्ष्मण मार्डी को टिकट मिला था। इस बार पार्टी ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी पर विश्वास जताया है। वर्ष 2014 में विधायक रहे केदार हाजरा ने पिछला चुनाव भी जीता, लेकिन इस बार उनका टिकट कट गया। पार्टी ने जमुआ से उनके स्थान पर मंजू देवी को टिकट दिया है।

जीते तो ये भाजपा विधायक बनाएंगे हैट्रिक

इस बार भी विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने पर भाजपा के सात विधायक लगातार जीत की हैट्रिक बनाएंगे। इनमें से रणधीर कुमार सिंह, अमर बाउरी और नवीन जायसवाल ने वर्ष 2014 में झाविमो के टिकट पर चुनाव जीता था, लेकिन बाद में ये भाजपा में शामिल हो गए। बाकी चार विधायक भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने में सफल रहे हैं, जिनमें नारायण दास, विरंची नारायण, राज सिन्हा और अनंत ओझा शामिल हैं।

हार के बावजूद भाजपा ने जताया भरोसा

वर्ष 2014 में विधायक रह चुके छह नेताओं को भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट दिया था, लेकिन वे सभी हार गए थे। हालांकि, पार्टी ने इस बार भी इन पर विश्वास रखते हुए उन्हें टिकट देने का निर्णय लिया है। इन नेताओं में बगोदर से नागेंद्र महतो, गिरिडीह से निर्भय शाहाबादी, खिजरी से रामकुमार पाहन और महागामा से अशोक कुमार शामिल हैं।

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