उमर अब्दुल्ला 16 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले हैं, जिसके साथ नई सरकार का गठन भी होगा। यह उमर अब्दुल्ला की जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में दूसरी बार जिम्मेदारी होगी।
J&K: जम्मू-कश्मीर में एक नई सरकार का गठन होने जा रहा है। उमर अब्दुल्ला को मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है। उमर अब्दुल्ला 16 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। उनका राजनीतिक करियर 1998 में लोकसभा के सदस्य के रूप में शुरू हुआ था। इसके बाद, उन्होंने केंद्रीय मंत्री और विपक्ष के नेता जैसे कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में उमर अब्दुल्ला की यह दूसरी बार नियुक्ति होगी। इससे पहले, उन्होंने 2009 से 2014 तक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था। उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह में अनेक प्रमुख नेताओं के शामिल होने की संभावना है।
जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने का दावा
कल, उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के समक्ष जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने का दावा प्रस्तुत किया गया। शुक्रवार को, मुख्यमंत्री पद के लिए मनोनीत उमर अब्दुल्ला ने राजभवन में उप राज्यपाल से मुलाकात की। इस दौरान, कांग्रेस की ओर से नेकां उपाध्यक्ष को समर्थन देने के कुछ घंटों बाद अब्दुल्ला ने गठबंधन सहयोगियों का समर्थन पत्र प्रस्तुत किया। उमर अब्दुल्ला को वीरवार को सर्वसम्मति से नेकां विधायक दल का नेता चुना गया था। उनका पहला कार्यकाल मुख्यमंत्री के रूप में 2009 से 2014 तक नेकां-कांग्रेस गठबंधन सरकार के प्रमुख के रूप में रहा।
शपथ ग्रहण समारोह में उठेंगे सवाल
जब उनसे पूछा गया कि क्या इंडिया गठबंधन के किसी नेता को शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया जाएगा, तो उमर अब्दुल्ला ने कहा कि नेकां के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला इस विषय पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा, "फारूक अब्दुल्ला इंडिया गठबंधन के नेता हैं, और यदि कोई निमंत्रण भेजा जाएगा, तो वह उनके नाम पर ही होगा।"
उमर ने यह भी स्पष्ट किया कि "जिन लोगों को मुझे आमंत्रित करना है, मैं उन्हें कल निमंत्रण भेजूंगा।" गठबंधन सहयोगी द्वारा मंत्री पद की मांग के बारे में पूछे जाने पर नेकां नेता ने कहा कि इस तरह की चर्चाएं लगातार होती रहती हैं, क्योंकि पार्टियां मिलकर सरकार का गठन कर रही हैं। हमें उनका समर्थन पत्र प्राप्त हुआ है, और हमने आंतरिक चर्चा भी की है।
कौन कर रहा समर्थन?
सरकार के गठन के लिए निर्दलीय उम्मीदवारों द्वारा नेकां को समर्थन देने के संबंध में पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार ने कहा कि केवल वही लोग उनका समर्थन कर रहे हैं, जो पहले से पार्टी का हिस्सा थे। उन्होंने बताया कि कुछ अपवादों को छोड़कर, ये वही लोग हैं जिन्हें गठबंधन के कारण टिकट नहीं मिल सका और उन्होंने
निर्दलीय चुनाव लड़ा। हम उनके समर्थन का स्वागत करते हैं। उन्हें लोगों के वोट मिले हैं, क्योंकि जनता उनसे अपने कार्यों की उम्मीद करती है, और अब उनका हाथ थामना मेरा कर्तव्य है।
जम्मू की अनदेखी के आरोपों पर उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। 90 में से 42 सीटें नेकां के नाम इस बार के चुनाव में नेकां ने 90 में से 42 सीटें जीती हैं, जबकि गठबंधन सहयोगी कांग्रेस ने छह सीटें जीतीं। हालांकि दोनों दलों के पास 90 सदस्यीय सदन में बहुमत है, लेकिन चार निर्दलीय और एकमात्र आप विधायक ने भी नेकां को अपना समर्थन दिया है।
राजभवन से लौटने के बाद अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए नेकां उपाध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने एलजी से नई सरकार के शपथ ग्रहण की तिथि जल्द तय करने का अनुरोध किया।