Kolkata Doctor Murder: मेडिकल छात्रा की हत्या-दुष्कर्म मामले में छात्रों ने की CBI जांच की मांग, कलकत्ता HC में आज होगी सुनवाई, जानिए...

Kolkata Doctor Murder: मेडिकल छात्रा की हत्या-दुष्कर्म मामले में छात्रों ने की CBI जांच की मांग, कलकत्ता HC में आज होगी सुनवाई, जानिए...
Last Updated: 13 अगस्त 2024

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की अपील की जा रही है। इस संबंध में सोमवार को कम से कम तीन जनहित याचिकाएँ कलकत्ता उच्च न्यायालय में प्रस्तुत की गई हैं, जिनकी सुनवाई मंगलवार (१३ अगस्त) को होनी हैं।

कोलकाता: प्रदेश में महिला डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या के मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय में तीन जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं। इन याचिकाओं की सुनवाई मंगलवार को होगी। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को उत्तरी कोलकाता के एक अस्पताल के सेमिनार हॉल में महिला डॉक्टर का शव पाया गया था। प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह संकेत मिला है कि उनकी हत्या से पहले यौन शोषण किया गया था।

आज 3 याचिका पर होगी सुनवाई 

मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवगणनम की अध्यक्षता में एक खंडपीठ के समक्ष सोमवार (१२ अगस्त) को कम से कम तीन जनहित याचिकाएं प्रस्तुत की गईं। इन याचिकाओं में मांग की गई है कि सरकारी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कार्यरत महिला डॉक्टर के कथित दुष्कर्म और नृशंस हत्या की जांच सीबीआई को सौंपी जाए। इस खंडपीठ में न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य भी शामिल थे। खंडपीठ ने कहां कि वह जनहित याचिकाओं और इस मामले से संबंधित किसी भी अन्य याचिका पर मंगलवार (१३ अगस्त) को सुनवाई करेगी। कोलकाता पुलिस जो इस मामले की जांच कर रही है, उसने महिला डॉक्टर की हत्या के संबंध में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया और उसके खिलाफ दुष्कर्म और हत्या का मामला दर्ज किया हैं।

महिला डॉक्टर की मौत की जांच रिपोर्ट हुई सार्वजनिक

याचिकाकर्ताओं में से एक के वकील फिरोज एडुल्जी ने अदालत में आरोप लगाया कि इस घटना को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने खंडपीठ के सामने कहा कि महिला डॉक्टर की मौत की जांच रिपोर्ट पहले ही सार्वजनिक कर दी गई है। वकील ने यह भी कहां कि पीड़िता का नाम सार्वजनिक नहीं किया जा सकता, लेकिन इस मामले में ऐसा किया गया है। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि पीड़िता का नाम सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने का निर्देश दिया जाए।

 

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