महाराष्ट्र सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अब स्थिति स्पष्ट होती दिख रही है। महायुति के सूत्रों के अनुसार, इस विस्तार में करीब 35 से 40 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है। इसके साथ ही कैबिनेट में जगह मिलने को लेकर शिंदे गुट और अन्य नेताओं के बीच चल रही खींचतान भी अब समाप्त होती दिखाई दे रही हैं।
मुंबई: महाराष्ट्र सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की योजना को लेकर चर्चा तेज हो गई है, जो शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले, रविवार (15 दिसंबर) को नागपुर में होने की संभावना है। इस विस्तार को लेकर शुक्रवार रात को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार की बैठक हुई, जिसमें विस्तार के मुद्दे पर गहरी चर्चा की गई।
महायुति के सूत्रों के अनुसार, इस मंत्रिमंडल विस्तार में लगभग 35 से 40 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है। इस विस्तार के बाद सरकार में नई ऊर्जा और मजबूती आने की उम्मीद जताई जा रही है, क्योंकि इसमें शिंदे गुट और अन्य पार्टी के विधायकों को भी प्रतिनिधित्व मिलेगा।
ये है मंत्रिमंडल का फॉर्मूला
महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा तेज हो गई है, और इसकी योजना के अनुसार बीजेपी, शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी अजित गुट के बीच मंत्रालयों का बंटवारा प्रस्तावित किया गया हैं।
बीजेपी के लिए गृह विभाग, विधि और न्याय, आवास विकास, ऊर्जा, सिंचाई, ग्रामीण विकास, पर्यटन, राजस्व, कौशल विकास, सामान्य प्रशासन, आदिवासी विभाग जैसी महत्वपूर्ण विभागों को रखने की योजना है। वहीं, शिवसेना शिंदे गुट को शहरी विकास, आबकारी, सामाजिक न्याय, पर्यावरण, खनन, जलापूर्ति, उद्योग, स्वास्थ्य, शिक्षा, और पीडब्ल्यूडी विभाग मिल सकते हैं।
एनसीपी अजित गुट को वित्त और योजना, खाद्य और आपूर्ति, एफडीए, कृषि, महिला और बाल विकास, खेल और युवा कल्याण, राहत और पुनर्वास विभाग मिल सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय बीजेपी अपने पास रखना चाहती है, जबकि एकनाथ शिंदे को शहरी विकास विभाग दिया जा सकता हैं।
अजित पवार को वित्त विभाग की विशेष रुचि है, लेकिन बीजेपी इस विभाग को अपने पास रखना चाहती है, और इसके बदले अजित पवार को ऊर्जा या आवास विभाग देने की संभावना है। इन विभागों के बंटवारे पर अभी भी बातचीत जारी है, और इसे लेकर सटीक निर्णय की प्रतीक्षा की जा रही हैं।