Meerut Metro क्यों हैं सबसे खास? स्वदेशी तकनीक से की तैयार, जानें कौन-कौन सी मिलेगी सुविधाएं

Meerut Metro क्यों हैं सबसे खास? स्वदेशी तकनीक से की तैयार, जानें कौन-कौन सी मिलेगी सुविधाएं
Last Updated: 08 सितंबर 2024

मेरठ मेट्रो भारत की सबसे तेज मेट्रो है, जिसकी अधिकतम गति 135 किमी प्रति घंटा है। यह पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से विकसित की गई है और यात्रियों को अधिकतम आराम और सुरक्षा प्रदान करती है। इसमें वातानुकूलित ट्रेनें, आरामदायक सीटें, सामान रखने की रैक, ग्रैब हैंडल और यूएसबी डिवाइस चार्जिंग की सुविधा समेत कई सुविधाएं शामिल हैं। मेरठ मेट्रो के ट्रेन सेट को अत्याधुनिक तरीके से 'मेक इन इंडिया' मुहिम के अंतर्गत तैयार किया गया है।

Meerut: यूपी के निवासियों के लिए जल्द ही मेरठ मेट्रो की सौगात आने वाली है। मेरठ मेट्रो की अधिकतम गति 135 किमी प्रति घंटे होगी। इस मेट्रो का ठेका मेसर्स एल्सटॉम को दिया गया है, जिसमें 15 वर्षों तक रोलिंग स्टॉक का रखरखाव भी शामिल है। इसका निर्माण गुजरात के सावली में किया जा रहा है। देश में यह पहली बार हो रहा है कि नमो भारत ट्रेनें और मेरठ मेट्रो दोनों ही दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS के ट्रैक पर संचालित होंगी।

मेरठ में बनेंगे 13 station

NCRTC के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने जानकारी दी कि मेरठ मेट्रो कॉरिडोर की कुल लंबाई 23 किलोमीटर होगी, जिसमें से 18 किलोमीटर ऊंचा (एलिवेटेड) और 5 किलोमीटर भूमिगत (अंडरग्राउंड) होगा। मेरठ में कुल 13 स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें से 9 स्टेशन ऊंचे और 3 स्टेशन भूमिगत होंगे। इसके अलावा, एक स्टेशन (डिपो स्टेशन) ग्राउंड लेवल पर भी स्थित होगा।

मेरठ मेट्रो में दी जाएगी ये सुविधाएं

1.मेरठ मेट्रो का डिज़ाइन बेहद आधुनिक और सुविधाजनक है। इसमें यात्रियों के आराम और सुरक्षा को पूरी तरह से प्राथमिकता दी गई है। ट्रेनें वातानुकूलित हैं, जिनमें बैठने की सुविधाएं, सामान रखने के लिए रैक, ग्रैब हैंडल, और यूएसबी डिवाइस चार्जिंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

2. मेरठ मेट्रो की ट्रेनें हल्के वजन और स्टेनलेस स्टील से निर्मित हैं। प्रत्येक ट्रेन में 173 सीटें होंगी और इसमें 700 से अधिक यात्री सफर कर सकेंगे। सभी स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) के माध्यम से मेट्रो संचालन को जोड़ा जाएगा।

3. ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए ट्रेनों के दरवाजों में पुश बटन का उपयोग किया गया है, जिससे केवल वही दरवाजे खुलेंगे, जहां पुश बटन दबाया जाएगा। सुरक्षा के दृष्टिकोण से, आपातकालीन निकास उपकरण, अग्निशामक यंत्र, अलार्म और टॉक-बैक सिस्टम जैसी सुविधाएं प्रदान की गई हैं।

4.आपातकालीन स्थिति में मेडिकल स्ट्रेचर ले जाने के लिए ट्रेन में पर्याप्त स्थान होगा, और व्हीलचेयर के लिए भी विशेष जगह का प्रावधान किया गया है।

 5. मेरठ मेट्रो का शुभारंभ देश में एक अच्छी पहल साबित होगा। इस तरह, देश में एक कॉरिडोर पर दो प्रकार की ट्रेनें चलेंगी। मेरठ कॉरिडोर की लंबाई 23 किलोमीटर होगी। मेरठ मेट्रो के ट्रेन सेट को आधुनिक तरीकों से मेक इन इंडिया मुहिम के तहत तैयार किया गया है।

 

 

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