मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने अंगुली चबाने के मामले में आज एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया। न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि दांतों को हथियार की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता, जिसके परिणामस्वरूप आरोपित इंजीनियरिंग छात्र को अग्रिम जमानत प्रदान की गई।
MP High Court: पुलिस ने एक जमीन के विवाद के दौरान एक अधिवक्ता की अंगुली को दांत से चबाने के मामले में केस दर्ज किया है। इसी मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए एक इंजीनियरिंग छात्र ने हाईकोर्ट का सहारा लिया। आवेदक उत्सव राय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष दत्त ने अपनी दलील प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस तरह के मामले में अधिकतम धारा-325 लगाई जा सकती है, जो कि जमानती होती है।
छात्र ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा
पुलिस द्वारा एक भूमि विवाद के मामले में एक अधिवक्ता की अंगुली को दांत से चबाने के आरोप में केस दर्ज किया गया था। इसी मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए एक इंजीनियरिंग छात्र ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। आवेदक उत्सव राय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष दत्त ने अपनी बात रखते हुए कहा कि इस प्रकार के मामले में अधिकतम धारा-325 लागू की जा सकती है, जो कि जमानती है।
वहीं, पुलिस धारा-326 के तहत गिरफ्तारी करना चाहती है, इसलिए अग्रिम जमानत की आवश्यकता है। अग्रिम जमानत की अर्जी के विरोध में सरकारी वकील ने कहा कि 10 जून 2024 को कटनी जिला स्थित रंगनाथ पुलिस चौकी के निकट एक भूखंड पर कब्जे को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद उत्पन्न हो गया था। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हो गई।
सरकारी वकील ने क्या दी दलील?
अधिवक्ता ने उत्सव का मुँह पीछे से पकड़ लिया था। अन्य लोग भी उसे पकड़कर पीट रहे थे। इसी दौरान, आवेदक ने अधिवक्ता की उंगली न केवल काट ली, बल्कि उसे चबाकर निगल भी लिया। इस तरह के गंभीर मामले में अग्रिम जमानत प्रदान नहीं की जानी चाहिए।
आवेदक ने कहा - घबराहट में उठाया अनोखा कदम
आवेदक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष दत्त ने तर्क प्रस्तुत किया कि जिस कठिन परिस्थिति का सामना आवेदक ने किया, उसमें उसे अपनी रक्षा के लिए कोई अन्य उपाय नहीं सूझा, जिसके कारण उसने दांतों से अधिवक्ता की अंगुली काट ली। घटना के बाद घायल अधिवक्ता को अस्पताल ले जाया गया, जबकि उत्सव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
उत्सव के खिलाफ अनुचित धाराओं में मामला दर्ज किया गया। वास्तव में, उत्सव कोई अपराधी नहीं है। उसने केवल दांत से काटा था और दांत हथियार की श्रेणी में नहीं आते हैं। लेकिन जो धारा लगाई गई, वह केवल धारदार हथियार से हमले की स्थिति में ही लागू हो सकती है।