भोपाल में फरहान खान और उसके गिरोह ने हिंदू छात्राओं को प्रेमजाल में फंसाकर यौन शोषण किया, वीडियो बनाए और ब्लैकमेल किया। पुलिस जांच में 64 आपत्तिजनक वीडियो मिले।
MP News: भोपाल में हाल ही में सामने आए एक चौंकाने वाले मामले ने मध्य प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा और सामाजिक संरचना पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्य आरोपी फरहान खान और उसके साथियों पर आरोप है कि उन्होंने हिंदू छात्राओं को प्रेमजाल में फंसाकर उनका यौन शोषण किया, वीडियो बनाए और उन्हें ब्लैकमेल किया। यह मामला न केवल अपराध की गंभीरता को दर्शाता है, बल्कि समाज में व्याप्त धार्मिक और सामाजिक तनावों को भी उजागर करता है।
फरहान खान और उसके साथियों की योजना
पुलिस जांच के अनुसार, फरहान खान और उसके सहयोगियों ने भोपाल के विभिन्न कॉलेजों, विशेष रूप से टीआईटी कॉलेज, में पढ़ने वाली हिंदू छात्राओं को लक्षित किया। वे उन्हें महंगे तोहफे और लग्जरी चीजें देकर अपने जाल में फंसाते थे। इसके बाद, उन्हें नशीली दवाएं देकर उनका यौन शोषण किया जाता और उनके आपत्तिजनक वीडियो बनाए जाते थे। इन वीडियो का उपयोग उन्हें ब्लैकमेल करने और धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालने के लिए किया जाता था।
संगठित अपराध: एक सुनियोजित गिरोह
यह कोई एकल घटना नहीं थी, बल्कि एक संगठित गिरोह द्वारा वर्षों से चलाया जा रहा अपराध था। फरहान की बहन जोया भी इस गिरोह का हिस्सा थी, जो लड़कियों को फंसाने और उन्हें धमकाने में मदद करती थी। जब पीड़ित लड़कियां फरहान से दूरी बनाने की कोशिश करती थीं, तो जोया उन्हें फोन करके भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल करती थी। यदि कोई लड़की विरोध करती, तो उसे धमकी दी जाती कि उसके वीडियो वायरल कर दिए जाएंगे।
सामाजिक और धार्मिक पहलू
इस मामले में एक और चिंताजनक पहलू यह था कि आरोपी लड़कियों को इस्लाम की शिक्षा देने का प्रयास करते थे। वे उन्हें कलमा पढ़ने, रोजे रखने और इस्लामिक रीति-रिवाजों का पालन करने के लिए प्रेरित करते थे। यह एक प्रकार का मानसिक और धार्मिक शोषण था, जो पीड़ितों की मानसिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डालता था।
प्रशासनिक लापरवाही और कानून व्यवस्था
इस गंभीर अपराध के बावजूद, पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठते हैं। फरहान की बहन और अन्य सहयोगियों को अभी तक आरोपी नहीं बनाया गया है। इसके अलावा, कॉलेज प्रशासन पर भी आरोप हैं कि उन्होंने इन मामलों को नजरअंदाज किया और आरोपियों को संरक्षण दिया। यह प्रशासनिक लापरवाही समाज में अपराधियों के हौसले बढ़ाने का कारण बन सकती है।
पीड़ितों की आपबीती
पीड़ित लड़कियों ने पुलिस को बताया कि कैसे उन्हें प्रेमजाल में फंसाया गया, नशीली दवाएं दी गईं, यौन शोषण किया गया और फिर ब्लैकमेल किया गया। कुछ मामलों में, लड़कियों को उनके परिवारों से दूर करने के लिए भावनात्मक और मानसिक दबाव डाला गया। यह सब उनके आत्मसम्मान और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा आघात था।