सूडान में मिलिट्री और पैरामिलिट्री के बीच जारी गृहयुद्ध के बिच भारत सरकार द्वारा ऑपरेशन कावेरी के तहत भारतीयों को सुरक्षित घर लाने का काम भारतीय सेना बखूबी पूरा कर रही है। इसी कड़ी में उदयपुर जिले के खरसान गांव निवासी ओंकार लाल गोपावत को लाया गया। ओंकार लाल ने बताया- कुछ माह पहले वह एक प्रतिष्ठान पर कार्य करने सूडान गए थे।
कुछ दिनों से गृह युद्ध होने से वह चिंतित था, लेकिन केन्द्र सरकार ने ऑपरेशन कावेरी के माध्यम से उन्हें और उनके अन्य साथियों को सुरक्षित सूडान से रेस्क्यू कर अपने देश लेकर आए। फ्लाइट से वे मुंबई पहुंचे। जहां रुकने के बाद दोपहर को उदयपुर एयरपोर्ट पहुंचे। यहां पहुंचने पर बड़गांव उप रजिस्ट्रार ईश्वर खटीक और आरआई किशन प्रजापत ने उनका माला पहना कर स्वागत किया। फिर उनके गांव छोड़ा गया।
बमबारी और गोलियों की आवाज से दहशत में थे,ओंकार लाल
ओंकार लाल ने बताया- मैं सूडान के अनदुर्मान में एक गुजराती परिवार के खाना बनाने का काम करता हूं। 10 अप्रैल को हमारे इलाके में गोलीबारी शुरू हुई। हमारी गली के ठीक पीछे टीवी रेडियो का स्टेशन है। वहां हमला हो गया। गोलियों की आवाजें आने लगी तो हम बुरी तरह सहम गए।
एक पल तो खुद के यहाँ से सुरक्षित अपने देश पहुंचने की उम्मीद छोड़ दी थी। फिर जिस गुजराती परिवार के यहां खाना बनाता था। हम सभी ने मिलकर ऑपरेशन कावेरी के तहत रजिस्ट्रेशन कराया। इसमें नाम आ गया तो हमें अनदुर्मान से पोर्ट सूडान लाया गया। फिर आर्मी का प्लेन आया और वहां से हम भारत के लिए रवाना हुए।