सिंधु जल समझौता रद्द करने के बाद भारत ने बगलिहार डैम से चिनाब का पानी रोका और अब किशनगंगा डैम बंद करने की तैयारी कर रहा है, जिससे बहाव घटेगा।
Baglihar Dam: पुलवामा जैसे हमलों के बाद भारत ने पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका दिया है। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया था। अब भारत ने इस फैसले पर अमल करते हुए चिनाब नदी पर बने बगलिहार बांध से पानी रोक दिया है।
झेलम और नीलम नदी भी अगले निशाने पर
भारत सिर्फ चिनाब तक ही नहीं रुका है। अब सरकार झेलम नदी की सहायक नदी नीलम पर बने किशनगंगा बांध को भी बंद करने की तैयारी कर रही है। यदि ऐसा हुआ, तो पाकिस्तान में बहाव और ज्यादा कम हो जाएगा, जिससे वहां सूखे की स्थिति बन सकती है।
भारत के पास अब बहाव नियंत्रित करने की पूरी शक्ति
सरकारी सूत्रों के अनुसार, अब भारत रामबन स्थित बगलिहार डैम और उत्तरी कश्मीर स्थित किशनगंगा डैम की मदद से पाकिस्तान को जाने वाले पानी का बहाव नियंत्रित कर सकता है। जब चाहे पानी रोका जा सकता है, और जब जरूरत पड़ी तो अचानक छोड़ा भी जा सकता है। इससे पाकिस्तान में बाढ़ की आशंका भी हमेशा बनी रहेगी।
पाकिस्तान को होगा बड़ा नुकसान
इन दोनों बांधों के बहाव में कटौती से पाकिस्तान के सिंचाई संसाधनों, खेती और जलापूर्ति पर बड़ा असर पड़ेगा। लगातार बहाव न मिलने से देश में सूखे जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। वहीं भारत अगर डैम खोलता है, तो बाढ़ का खतरा भी मंडराने लगेगा।
क्या था सिंधु जल समझौता?
साल 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता से यह संधि हुई थी। इसमें तय हुआ था कि ऊपरी तीन नदियां – सिंधु, चिनाब और झेलम – पाकिस्तान को मिलेंगी और नीचली तीन नदियां – रावी, ब्यास और सतलज – भारत को। लेकिन अब भारत ने 23 अप्रैल 2025 को इस समझौते को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है।