प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना (PM Vishwakarma Yojana) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनके कौशल को उन्नत करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 17 सितंबर 2023 (विश्वकर्मा दिवस) को इस योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना को 2027-28 तक लागू करने के लिए 13,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
विश्वकर्मा योजना क्या है?
यह योजना पारंपरिक कारीगरों को ‘विश्वकर्मा‘ के रूप में मान्यता देती है और उन्हें सस्ती ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध कराती है। इस योजना का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों एवं सेवाओं की गुणवत्ता, पैमाने और उनकी बाजार पहुंच को बेहतर बनाना है। इसके तहत सरकार डिजिटल सशक्तिकरण, ब्रांड प्रचार और बाजार लिंकेज को भी बढ़ावा दे रही है।
पात्रता एवं लाभार्थी
इस योजना के तहत भारत के पारंपरिक कारीगर और शिल्पकार पात्र हैं, जिनमें शामिल हैं:
• मोची/जूता बनाने वाले कारीगर
• फिशिंग नेट निर्माता
• हथौड़ा और टूलकिट निर्माता
• सुनार
• मूर्तिकार
• अस्त्रकार
• मालाकार
• राजमिस्त्री
• गुड़िया और खिलौना निर्माता
• टोकरी, चटाई और झाड़ू बनाने वाले
• नाव निर्माता
• धोबी और दर्जी
• पत्थर तराशने और तोड़ने वाले
• लोहार
• नाई (बाल काटने वाले)
• ताला बनाने वाले
योजना के प्रमुख लाभ
• प्रशिक्षण एवं वित्तीय सहायता: लाभार्थियों को 5 से 7 दिन की ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें उन्हें रोजाना 500 रुपये का मानदेय दिया जाता है।
• उपकरण खरीदने के लिए सहायता: लाभार्थी को टूलकिट खरीदने के लिए 15,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है।
• ऋण सुविधा: पहले चरण में 1 लाख रुपये और इसे चुकाने के बाद दूसरे चरण में 2 लाख रुपये का लोन बिना गारंटी के सस्ती ब्याज दर पर दिया जाता है।
• डिजिटल सशक्तिकरण: कारीगरों को डिजिटल कौशल और उपकरणों का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे ऑनलाइन बाजारों तक पहुंच सकें और अपने उत्पादों व सेवाओं का प्रचार कर सकें।
• ब्रांड प्रचार: सरकार कारीगरों के उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में सहयोग करेगी।
• बाजार लिंकेज: सरकार कारीगरों और शिल्पकारों को खरीदारों और खुदरा विक्रेताओं से जोड़ने में सहायता करेगी।
कैसे करें आवेदन?
1. ऑनलाइन आवेदन: आधिकारिक वेबसाइट https://pmvishwakarma.gov.in/ पर जाएं।
लॉगिन करें और आवश्यक विवरण भरकर आवेदन करें।
2. सीएससी सेंटर के माध्यम से: नजदीकी CSC केंद्र पर जाकर आवेदन करें।
योजना से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें
इस योजना के तहत अब तक लाखों कारीगरों को लाभ पहुंचाया गया है। डिजिटल प्रशिक्षण के साथ ही योजना के तहत कारीगरों को उनके व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए परामर्श भी दिया जाता है। इस योजना के जरिए सरकार पारंपरिक व्यवसायों को पुनर्जीवित करने और उन्हें आधुनिक तकनीकों से जोड़ने का प्रयास कर रही है।
इससे कारीगरों और शिल्पकारों को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी और उनके उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में सहायता मिलेगी।प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह योजना न केवल उनके व्यवसाय को बढ़ावा देती है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से भीसशक्त बनाती है। इस योजना के तहत 30 लाख से अधिक कारीगरों को वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपने पारंपरिक व्यवसाय को एक नई ऊंचाई तक ले जा सकें।