प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार सरकार की युवा केंद्रित नीतियों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि राज्य में युवाओं को कौशल विकास, उद्यमिता और शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर अवसर मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा से मुलाकात के दौरान यह भी उल्लेख किया कि बिहार में बुनियादी ढांचे के विकास में युवाओं को अधिक से अधिक शामिल किया जाना चाहिए।
नई दिल्ली: उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नई दिल्ली में मुलाकात की। शिष्टाचार भेंट के दौरान, उन्होंने बिहार राज्य से जुड़े जनसरोकार के मुद्दों पर प्रधानमंत्री से सार्थक चर्चा की और राज्य के विकास के बारे में मार्गदर्शन प्राप्त किया। विशेष रूप से, प्रधानमंत्री ने विकसित भारत के संकल्प में युवाओं की भूमिका पर मार्गदर्शन प्रदान किया।
वहीं, विजय सिन्हा ने लखीसराय में हाल ही में आयोजित "राज्य युवा उत्सव" की सफलता पर प्रधानमंत्री को बधाई दी और समेकित विकास में युवाओं को अधिक से अधिक शामिल करने के निर्देश भी दिए।
विजय सिन्हा और PM मोदी के बीच हुई बातचीत
उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के युवाओं के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद, मोदी सरकार ने "युवा नीति-2014" पेश की, जिसके तहत लगभग 400 नए विश्वविद्यालय खोले गए। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री के प्रयासों से भारत आज दुनिया का तीसरा सबसे मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम वाला देश बन चुका हैं।
सिन्हा ने यह भी बताया कि 28 लाख करोड़ रुपये से अधिक का मुद्रा लोन वितरित किया गया है, जिससे युवाओं को सबसे अधिक लाभ हुआ है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार युवाओं को विकास के वाहक बनाने में जुटी है। राज्य में उद्योग, पर्यटन, फिल्म, आईटी, खेल आदि क्षेत्रों में की गई नीतिगत पहलों में विशेष रूप से युवाओं को ध्यान में रखा गया हैं।
कांग्रेस नेता ने NDA पर लगाए आरोप
राज्यसभा सदस्य और बिहार कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने हाल ही में सीएजी (कैग) रिपोर्ट के आधार पर नीतीश कुमार और भाजपा की एनडीए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। कैग की रिपोर्ट ने राज्य सरकार और उनकी कार्यशैली की आलोचना की है, और यह साबित कर दिया है कि सरकार ने जनता की उपेक्षा की हैं।
डॉ. अखिलेश ने बताया कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन पर आडिट रिपोर्ट (2016-2022) में यह सामने आया कि बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा ने पूरी तरह से संकट में डाल दिया है। रिपोर्ट में बताया गया कि 2016-17 से 2021-22 के दौरान राज्य सरकार ने 69,790.83 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया, लेकिन इसमें से केवल 48,047.79 करोड़ रुपये खर्च किए गए। यानी, 21,743.04 करोड़ रुपये का उपयोग नहीं किया गया, जो कि स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन में गंभीर लापरवाही को दर्शाता हैं।