केंद्र सरकार ने लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर आज रोक लगा दी है। इस पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हर कीमत पर रक्षा करेंगे। वहीं, राहुल गांधी के इस बयान पर भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने पलटवार किया हैं।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मंगलवार (२० अगस्त) को लेटरल एंट्री (Lateral Entry) के विज्ञापन को रोकने का निर्णय लिया है। कार्मिक मंत्री ने यूपीएससी के चेयरमैन को एक पत्र लिखकर इस विज्ञापन पर रोक लगाने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश के अनुसार सीधी भर्ती के विज्ञापन को भी रोक दिया गया है। इस पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हर कीमत पर रक्षा करेंगे। वहीं, राहुल गांधी के इस बयान पर भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने पलटवार किया हैं।
केंद्र सरकार की साजिशों को हम नाकाम करेंगे - राहुल गांधी
सरकार के इस यू-टर्न पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की प्रतिक्रिया आई है। राहुल गांधी ने स्पष्ट किया कि वे संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हर कीमत पर रक्षा करेंगे। उन्होंने भाजपा की ‘लेटरल एंट्री’ जैसी साजिशों को नाकाम करने का संकल्प लिया। राहुल गांधी ने आगे कहा कि "मैं एक बार फिर reiterate (बार बार दुहराना) कर रहा हूँ - 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को तोड़कर हम जातिगत गिनती के आधार पर सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करेंगे।"
बीजेपी नेता ने किया राहुल गांधी पर पलटवार
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की टिप्पणी पर भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने जोरदार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी और उनके परिवार की आरक्षण और SC-ST, OBC के प्रति जो परंपरागत सोच है, वह किसी से छिपी हुई नहीं है और उनकी अज्ञानता भी किसी से अज्ञात नहीं है।" सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा, "मैं राहुल गांधी से यह पूछना चाहता हूं कि हमारे (भाजपा) कैबिनेट के जो सचिव बने हैं, वे किस बैच के हैं? यदि उन्हें नहीं पता, तो मैं बताता हूं कि वे 1987 बैच के हैं। जब उनकी (राहुल गांधी) पार्टी और उनके पिता जी की सरकार थी, तो उन्होंने OBC को आरक्षण क्यों नहीं दिया था?"
सरकार ने लिखा UPSC चेयरमैन को पत्र
केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी चेयरमैन को लिखे अपने पत्र में जानकारी दी कि सरकार ने लेटरल एंट्री के व्यापक पुनर्मूल्यांकन के तहत यह निर्णय लिया है। मोदी सरकार का मानना है कि सार्वजनिक नौकरियों में आरक्षण के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। पत्र में आगे उल्लेख किया गया कि ये पद विशेष हैं और इसलिए इन पदों पर नियुक्तियों के लिए आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। इसकी समीक्षा की आवश्यकता है और जरूरत के अनुसार इसमें सुधार किया जाना चाहिए, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी का पूरा ध्यान सामाजिक न्याय की ओर केंद्रित हैं।
लेटर एंट्री पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने क्या कहा?
सरकार के इस निर्णय पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि एनडीए सरकार ने लेटरल एंट्री को लागू करने के लिए एक स्पष्ट और पारदर्शी प्रक्रिया बनाई है। यूपीएससी के माध्यम से भर्तियां पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से की जाएंगी। इस सुधार से प्रशासन में सुधार की उम्मीद है। भाजपा ने यह भी उल्लेख किया कि लेटरल एंट्री का प्रस्ताव कांग्रेस सरकार के समय पेश किया गया था। इसके अलावा मनमोहन सिंह, मोंटेक सिंह अहलूवालिया, और सैम पित्रोदा जैसे व्यक्तियों को कांग्रेस शासन के दौरान लेटरल एंट्री के माध्यम से ही सरकार में शामिल किया गया था।