राजस्थान सरकार ने 9 जिलों और 3 संभागों को समाप्त कर दिया, अब राज्य में 41 जिले और 7 संभाग होंगे। कैबिनेट ने सीईटी स्कोर की वैधता तीन वर्ष तक बढ़ाई, खाद्य सुरक्षा योजना में नए लाभार्थियों को जोड़ा जाएगा।
Rajasthan: राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने शनिवार को एक अहम निर्णय लेते हुए गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए 17 नए जिलों में से 9 जिलों और 3 नए संभागों को समाप्त कर दिया है। अब राज्य में कुल 41 जिले और 7 संभाग होंगे। इस फैसले की जानकारी विधि मंत्री जोगाराम पटेल और खाद आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने दी।
9 जिलों और 3 संभागों का निरस्तीकरण
गहलोत सरकार द्वारा स्थापित जिन 9 जिलों को समाप्त किया गया है, वे हैं:
1. दूदू
2. केकड़ी
3. शाहपुरा
4. नीमकाथाना
5. गंगापुरसिटी
6. जयपुर ग्रामीण
7. जोधपुर ग्रामीण
8. अनूपगढ़
9. सांचौर
इसके अलावा, 3 नए संभागों - पाली, सीकर और बांसवाड़ा को भी खत्म कर दिया गया है।
प्रशासनिक और वित्तीय कारणों से निर्णय
विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि यह निर्णय चुनाव से पहले किए गए जिलों और संभागों के गठन को लेकर लिया गया है, जो व्यावहारिक रूप से लागू नहीं हो पाए। इन जिलों और संभागों के लिए न तो कोई प्रशासनिक पदों का सृजन किया गया था, न ही बुनियादी ढांचे की व्यवस्था की गई थी। साथ ही, इन जिलों का वित्तीय बोझ भी राज्य पर पड़ रहा था।
सीईटी स्कोर की वैधता में विस्तार
कैबिनेट ने समान पात्रता परीक्षा (CET) के स्कोर की वैधता को एक वर्ष से बढ़ाकर तीन वर्ष करने का फैसला लिया। इससे उम्मीदवारों को अधिक अवसर मिलेंगे और परीक्षा प्रक्रिया में लचीलापन आएगा।
खाद्य सुरक्षा योजना में सुधार
राज्य सरकार ने खाद्य सुरक्षा योजना के तहत तीन महीने का विशेष अभियान चलाने का फैसला लिया है। इस अभियान में नए लाभार्थियों को योजना से जोड़ा जाएगा, जिससे राज्य के गरीब और जरूरतमंद परिवारों को राहत मिलेगी।
सीएम द्वारा पंचायत और जिला परिषदों का पुनर्गठन
राज्य में पंचायत, पंचायत समितियों और जिला परिषदों का पुनर्गठन किया जाएगा। यह कदम प्रशासनिक सुधारों के तहत राज्य की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने और विकास कार्यों को गति देने के लिए उठाया गया है।
गहलोत सरकार के द्वारा बनाए गए जिलों का निरस्तीकरण
गहलोत सरकार के कार्यकाल में बनाए गए 9 जिलों और 3 संभागों का निरस्तीकरण किया गया है, जिनमें पाली, सीकर और बांसवाड़ा जैसे संभाग शामिल हैं। यह निर्णय प्रशासनिक और वित्तीय दृष्टिकोण से लिया गया।
मुख्यमंत्री की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बैठक में राज्य की जनकल्याणकारी योजनाओं और प्रशासनिक सुधारों पर जोर दिया। उन्होंने इन योजनाओं को समय पर लागू करने और जनता तक अधिकतम लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए।