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सीकर की बेटी विभा शर्मा बनीं ISRO वैज्ञानिक, गांव से अंतरिक्ष तक का सफर बना मिसाल

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सीकर की रहने वाली विभा शर्मा ने ISRO में वैज्ञानिक बनकर राजस्थान का नाम रोशन किया है। छोटे से गांव से निकलकर उन्होंने कड़ी मेहनत और लगन से यह उपलब्धि हासिल की, जो युवाओं के लिए प्रेरणा है।

राजस्थान: सीकर जिले ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। इस बार ये नाम जुड़ा है अंतरिक्ष विज्ञान से, जहां जिले के एक छोटे से गांव रोरू बड़ी की बेटी विभा शर्मा ने बड़ा मुकाम हासिल किया है। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में वैज्ञानिक पद पर चयन पाकर न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि पूरे शेखावाटी और राजस्थान का नाम रोशन किया है।

शिक्षा का सफर: सीकर से IIT मुंबई तक

विभा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई विभा ने सीकर में ही पूरी की। इसके बाद साल 2019 में उन्होंने MNIT जयपुर से बीटेक किया। तकनीकी शिक्षा के इस पड़ाव को पार करते ही उन्होंने GATE परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया और ऑल इंडिया 92वीं रैंक हासिल की। GATE में मिली इस सफलता के बाद विभा का दाखिला IIT मुंबई में हुआ, जहां उन्होंने धातुकर्म और सामग्री विज्ञान (Metallurgy and Material Science) में M.Tech किया। यहां भी उन्होंने टॉप रैंक हासिल कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।

ISRO में वैज्ञानिक के तौर पर नई उड़ान

IIT मुंबई से M.Tech करने के बाद विभा ने कुछ समय के लिए जिंदल स्टील (हिसार) में एसोसिएट मैनेजर के रूप में काम किया। लेकिन उनका सपना तो कुछ और ही था — भारत के अंतरिक्ष मिशनों का हिस्सा बनना। अपनी मेहनत, समर्पण और सपने के दम पर आखिरकार उन्होंने ISRO में वैज्ञानिक के पद पर चयन प्राप्त कर लिया। 

अब वह उन चुनिंदा वैज्ञानिकों की टीम का हिस्सा हैं जो अंतरिक्ष से लाए गए तत्वों और मटीरियल्स पर रिसर्च करते हैं। इस रिसर्च का इस्तेमाल भारत के भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों में किया जाएगा।

सीकर की बेटियां बना रही हैं इतिहास

सीकर जिला पहले से ही महिला शिक्षा के क्षेत्र में जाना जाता रहा है, लेकिन अब यहां की बेटियां अंतरिक्ष विज्ञान जैसे जटिल क्षेत्रों में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करवा रही हैं। विभा शर्मा की सफलता इस बात का प्रतीक है कि छोटे शहरों और गांवों से भी बड़े-बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं। विभा की यह उपलब्धि सिर्फ एक व्यक्तिगत जीत नहीं है, बल्कि यह सीकर और राजस्थान के हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो सोचता है कि उसके संसाधन सीमित हैं। उनकी कहानी दिखाती है कि अगर मेहनत और लगन हो, तो किसी भी मुकाम तक पहुंचा जा सकता है।

नौकरी छोड़कर सपना चुना 

M.Tech के बाद विभा ने कुछ समय के लिए जिंदल स्टील (हिसार) में एसोसिएट मैनेजर के रूप में काम किया। लेकिन अंदर से वो जानती थीं कि उनका सपना इससे कहीं बड़ा है — भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम से जुड़ना और विज्ञान के क्षेत्र में योगदान देना। आखिरकार कड़ी मेहनत और समर्पण रंग लाया और उनका चयन ISRO में वैज्ञानिक के रूप में हो गया। अब विभा उस विशेष टीम का हिस्सा हैं जो अंतरिक्ष से लाए गए तत्वों और मटीरियल्स पर रिसर्च करती है। यह रिसर्च भारत के आने वाले स्पेस मिशनों के लिए अहम साबित होगी।

विभा शर्मा की कहानी सिर्फ एक सफल करियर की नहीं, बल्कि भारत के युवाओं की संभावनाओं की कहानी है। एक छोटे से गांव की बेटी, जिसने बचपन में किताबों से दोस्ती की और अब वो देश के अंतरिक्ष मिशनों की वैज्ञानिक टीम का हिस्सा हैं। उनकी यह यात्रा हर उस युवा को उम्मीद देती है जो आज भी किसी गांव या छोटे शहर में बैठा बड़ा सपना देख रहा है।

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