भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए HCL और Foxconn ने नोएडा में नया प्लांट शुरू करने की योजना बनाई है, जिससे डिजिटल उत्पादों की उत्पादन क्षमता बढ़ेगी।
Semiconductor Unit: भारत में सेमीकंडक्टर उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। सरकार ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के नोएडा में जेवर एयरपोर्ट के पास एक नए सेमीकंडक्टर प्लांट की स्थापना को मंजूरी दी है। इस प्रोजेक्ट में भारत की प्रमुख आईटी कंपनी HCL और ताइवानी इलेक्ट्रॉनिक्स दिग्गज Foxconn मिलकर निवेश करेंगे। दोनों कंपनियां यहां डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स बनाएंगी, जिनका इस्तेमाल मोबाइल फोन, लैपटॉप, कारों, कंप्यूटर और अन्य डिजिटल डिवाइसेज़ की स्क्रीन में किया जाएगा।
भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए इस परियोजना को मंजूरी दी है। यह प्लांट यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा, जो जेवर एयरपोर्ट के नजदीक है। इससे न केवल सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे स्थानीय रोजगार भी पैदा होंगे और भारत के डिजिटल उद्योग को नया रूप मिलेगा।
HCL और Foxconn का साझेदारी प्रोजेक्ट
इस प्रोजेक्ट में HCL और Foxconn की साझेदारी महत्वपूर्ण है। HCL भारत की प्रमुख आईटी कंपनियों में से एक है, जबकि Foxconn ताइवान की एक प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता कंपनी है। दोनों कंपनियां मिलकर डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का उत्पादन करेंगी, जो मोबाइल फोन, लैपटॉप, कारों और अन्य डिजिटल उपकरणों की स्क्रीन के लिए आवश्यक होते हैं। यह तकनीकी साझेदारी भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सेमीकंडक्टर प्लांट की उत्पादन क्षमता
इस सेमीकंडक्टर प्लांट की उत्पादन क्षमता भी काफी प्रभावशाली होगी। सरकार के मुताबिक, यह यूनिट हर महीने करीब 20,000 वेफर्स और 3.6 करोड़ चिप्स बनाने की क्षमता रखेगी। इस प्लांट में लगभग 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जो भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र के लिए एक बड़ा निवेश है। इससे भारत की चिप निर्माण क्षमता में भी वृद्धि होगी।
भारत को सेमीकंडक्टर हब बनाने की दिशा में एक और कदम
भारत सरकार का मानना है कि यह प्लांट भारत को सेमीकंडक्टर हब बनाने की दिशा में एक और निर्णायक कदम साबित होगा। वर्तमान में भारत में पांच सेमीकंडक्टर यूनिट्स का निर्माण कार्य चल रहा है। इस प्लांट के निर्माण से भारत को इस रणनीतिक उद्योग में आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।
इसके अलावा, देश के विभिन्न राज्यों में सेमीकंडक्टर डिज़ाइन से जुड़ी सुविधाओं को भी विकसित किया जा रहा है। फिलहाल, 270 से ज्यादा शिक्षण संस्थान और 70 स्टार्टअप्स इस क्षेत्र में नए डिज़ाइन और उत्पादों पर काम कर रहे हैं। छात्रों द्वारा डिज़ाइन किए गए 20 प्रोटोटाइप को SCL मोहाली में टेप आउट भी किया जा चुका है, जो भारत में सेमीकंडक्टर डिज़ाइन की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।