शरद पवार का जन्मदिन 12 दिसंबर को मनाया जाता है। उनका जन्म 12 दिसंबर 1940 को हुआ था। शरदचंद्र गोविंदराव पवार, जिन्हें शरद पवार के नाम से जाना जाता है, भारतीय राजनीति के एक ऐसे दिग्गज हैं जिन्होंने महाराष्ट्र और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी गहरी छाप छोड़ी है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री और रक्षा मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, पवार ने अपनी नेतृत्व क्षमता और प्रशासनिक दक्षता का परिचय दिया।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के संस्थापक पवार का सफर 1999 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अलग होकर एक नई राजनीतिक दिशा देने से शुरू हुआ। हालाँकि, पिछले कुछ वर्षों में उनके भतीजे अजीत पवार के नेतृत्व में एनसीपी में विभाजन ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी। शरद पवार वर्तमान में अपने गुट के नेता के रूप में राज्यसभा में एनसीपी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
महा विकास अघाड़ी के अध्यक्ष गठबंधन की राजनीति का संतुलन
महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी गठबंधन के अध्यक्ष के रूप में, पवार ने शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी जैसे वैचारिक रूप से अलग दलों को एकजुट कर सरकार चलाने में अहम भूमिका निभाई। उनकी कुशल कूटनीति ने उन्हें राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में एक स्थायी ताकत बना दिया हैं।
पवार परिवार राजनीति में नई पीढ़ी का उदय
बारामती से आने वाले शरद पवार ने अपने परिवार को भी राजनीति में स्थापित किया। उनकी बेटी सुप्रिया सुले लोकसभा सांसद हैं, जबकि भतीजे अजीत पवार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में सक्रिय हैं। परिवार के अन्य सदस्य, जैसे रोहित पवार, राज्य विधानसभा में कर्जत निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
क्रिकेट प्रशासन में भी पवार का योगदान
राजनीति से परे, पवार ने खेल प्रशासन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2005 से 2008 तक बीसीसीआई के अध्यक्ष और 2010-2012 के दौरान आईसीसी के अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया। उन्होंने मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।
चुनौतियाँ और विवाद आलोचनाओं का सामना
पवार के लंबे करियर में विवाद भी जुड़े। 1993 के मुंबई बम विस्फोटों के दौरान उनकी प्रतिक्रिया ने बहस को जन्म दिया, जब उन्होंने जानबूझकर एक अतिरिक्त विस्फोट की जानकारी दी ताकि धार्मिक तनाव को कम किया जा सके।
कृषि मंत्री के रूप में, उन्हें किसानों की आत्महत्याओं और खाद्य सुरक्षा जैसे मुद्दों पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। 2007 में गेहूँ आयात विवाद ने भी उनके कार्यकाल को सवालों के घेरे में रखा।
सम्मान और उपलब्धियाँ
2017 में, शरद पवार को भारत सरकार ने देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण से नवाजा।
निजी जीवन और प्रेरणा
बारामती के एक किसान परिवार से आए पवार की सफलता की कहानी हर युवा को प्रेरित करती है। उन्होंने अपनी मेहनत और दूरदृष्टि से राजनीति और समाज सेवा में योगदान दिया।
आगे की राह
महाराष्ट्र और राष्ट्रीय राजनीति में उनकी भूमिका आज भी अहम बनी हुई है। उनका अनुभव और समझ भविष्य में राजनीतिक स्थिरता लाने में मददगार हो सकता हैं। शरद पवार न केवल एक राजनेता बल्कि एक संस्थान के समान हैं, जिन्होंने हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी हैं।