UP Election News: मैनपुरी लोकसभा सीट को ज्यादा प्राथमिकता देने से अखिलेश-शिवपाल में तकरार, 2014 के बाद सपा के घर में भाजपा ने बनाया गढ़

UP Election News: मैनपुरी लोकसभा सीट को ज्यादा प्राथमिकता देने से अखिलेश-शिवपाल में तकरार, 2014 के बाद सपा के घर में भाजपा ने बनाया गढ़
Last Updated: 09 मई 2024

समाजवादियों के गढ़ में पिछले दो संसदीय चुनावों से केसरिया रंग ही नजर रहा है। समाजवादी पार्टी अपने ही गढ़ में कमजोर पड़ गई है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर चलने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पकड़ बना ली हैं।

इटावा: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के गढ़ में पिछले दो संसदीय चुनावों से भारतीय जनता पार्टी ने अपना गढ़ बना लिया है। सपा के कमजोर पड़ने की बहुत सारी वजह सामने रहीं हैं। बताया कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के कारण पुरे देश में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पकड़ मजबूत बना ली जिसका असर 2019 के चुनाव में भी बरकरार रही। समाजवादी पार्टी के द्वारा इटावा लोकसभा सीट को छोड़कर मैनपुरी लोकसभा सीट पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने के कारण चाचा भतीजे के बीच तकरार पैदा हो गई। बताया कि इस लोकसभा चुनाव में चाचा शिवपाल सिंह अब समाजवादी पार्टी से खफा हैं।

अपने गढ़ में सपा को दो बार मिली मात

Subkuz.com ने बताया कि समाजवादी पार्टी के अपने ही गढ़ में लगातार दो बार लोकसभा चुनाव हार का मुंह देखना पड़ा. अगर सपा की हार के कारणों का विश्लेषण किया जाए तो वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर ने भाजपा को संजीवनी बूटी प्रदान की और उसके बाद वर्ष 2017 में मुलायम परिवार में चाचा भतीजे (अखिलेश और शिवपाल) के बीच हुए मतभेदों के कारण पार्टी को बहुत ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा था।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक दो अलग-अलग खेमों में संगठन और कार्यकर्ताओं के बंट जाने से वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को नुकसान के साथ अपने ही घर में हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि इस चुनाव में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन था। उसके बावजूद भी भाजपा अपना परचम लहराने में सफल हुई थी।

चाचा शिवपाल सपा से हुए नाराज

सूत्रों ने बताया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से अलग पार्टी बनाकर चाचा की पार्टी प्रसपा ने भी शंभूदयाल दोहरे को चुनाव मैदान में उतारकर वोटों को तोड़ दिया था। उस समय चाचा शिवपाल सिंह यादव के समर्थकों में काफी ज्यादा मायूसी छाई और उनके खास रहे पूर्व सांसद रघुराज कुमार शाक्य, पूर्व जिला महामंत्री कृष्ण लाल मुरारी गुप्ता, ब्लाक प्रमुख बसरेहर दिलीप कुमार यादव ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। इस चुनाव में पार्टी हाईकमान की उपेक्षा से नाराज होकर पूर्व सांसद प्रेमदास कुमार कठेरिया भी भाजपा में शामिल हो गए।

समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुमार शाक्य ने कहां कि संगठन कभी भी कमजोर नहीं हुआ है और ही होगा। बड़े नेताओं के दौरे होने को लेकर उन्होंने कहां कि अभी उनके कार्यक्रम का फाइनल शेड्यूल तैयार हो रहा हैं। आजादी के बाद से समाजवादियों का गढ़ रहा इटावा संसदीय क्षेत्र लगातार उनके लिए मुफीद रहा है। व्यक्तिगत तौर पर कमांडर अर्जुन लाल सिंह भदौरिया और राम सिंह कुमार शाक्य तीन बार यहां सर विजयी हुए और सपा से चुनाव लड़े रघुराज कुमार शाक्य भी दो बार चुनाव जीतने में सफल हुए थे।

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