प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने लिखा कि जाकिर हुसैन भारतीय संगीत और सांस्कृतिक एकता के स्तंभ थे और उनकी विरासत नई पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। अमेरिका के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।
Zakir Hussain: मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने उस्ताद को भारतीय संगीत और सांस्कृतिक एकता का स्तंभ बताते हुए कहा कि उनकी कला आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। जाकिर हुसैन का निधन अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में हुआ, जहां वे लंबे समय से इलाज करा रहे थे।
पीएम मोदी का शोक संदेश
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा, “महान तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन जी के निधन से गहरा दुख हुआ। वह भारतीय शास्त्रीय संगीत के सच्चे प्रतीक थे जिन्होंने अपनी बेजोड़ लय और कला के माध्यम से भारतीय संगीत को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई। उनकी रचनाएं और प्रदर्शन हमेशा याद किए जाएंगे। उनके परिवार और वैश्विक संगीत समुदाय के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।”
अमेरिका में हुआ निधन
73 वर्षीय उस्ताद जाकिर हुसैन का सोमवार सुबह अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में निधन हो गया। वह पिछले दो सप्ताह से अस्पताल में भर्ती थे। दिल से जुड़ी समस्या के चलते उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में रखा गया था। रविवार रात उनकी स्थिति और अधिक गंभीर हो गई, जिसके बाद सोमवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।
भारतीय संगीत के महानायक का सफर
जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था। वह प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद अल्लाह रक्खा खान के बेटे थे। सात साल की उम्र में उन्होंने संगीत समारोहों में तबला बजाना शुरू कर दिया था। मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने वाशिंगटन विश्वविद्यालय से संगीत में डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की।
संगीत और सिनेमा में योगदान
जाकिर हुसैन ने न केवल भारतीय शास्त्रीय संगीत में योगदान दिया, बल्कि फिल्म साउंडट्रैक और अंतरराष्ट्रीय संगीत समारोहों में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। 1991 में उन्होंने मिकी हार्ट के साथ प्लैनेट ड्रम प्रोजेक्ट पर काम किया और ग्रैमी अवार्ड जीता। इसके अलावा, उन्होंने 1996 के अटलांटा ओलंपिक के उद्घाटन समारोह के लिए संगीत तैयार किया।
पद्म पुरस्कारों से सम्मानित
उस्ताद जाकिर हुसैन को भारतीय संगीत में उनके योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा गया। उन्हें 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। वह पहले भारतीय संगीतकार थे जिन्हें 2016 में व्हाइट हाउस में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा आयोजित ऑल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट में प्रदर्शन के लिए आमंत्रित किया गया।
उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन से कला और संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके योगदान को भारतीय संगीत का स्वर्णिम अध्याय माना जाएगा। उनकी संगीत यात्रा और कला सदैव लोगों को प्रेरणा देती रहेगी।