दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ लागू करने के नाटकीय घटनाक्रम के बाद राष्ट्रपति यून सुक योल ने शनिवार को देश के नाम अपने संबोधन में माफी मांगी। उन्होंने स्वीकार किया कि यह निर्णय हताशा में लिया गया था। वहीं, कुछ ही घंटों बाद महाभियोग प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है। इस बीच, योल की पार्टी के नेताओं ने उनसे वोटिंग से पहले इस्तीफा देने की अपील की है।
World News: दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति यून सुक योल द्वारा देश में मार्शल लॉ लगाने के विवादास्पद निर्णय के बाद अब जाकर उन्होंने माफी मांगी है। शनिवार को देश के नाम अपने एक संबोधन में उन्होंने इस फैसले को "हताशा में लिया गया निर्णय" बताते हुए माफी मांगी। हालांकि, उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा नहीं की है। योल की माफी इस वक्त आई है, जब दक्षिण कोरिया में उनके खिलाफ महाभियोग चलाने की प्रक्रिया बेहद तेज़ हो चुकी है और कुछ ही घंटों में इस पर वोटिंग होनी है।
मार्शल लॉ लागू करने के विवादास्पद फैसले पर हुई प्रतिक्रिया
मंगलवार को राष्ट्रपति योल ने देश के सुरक्षा हालात को लेकर मार्शल लॉ लागू करने की घोषणा की थी, जिसे उन्होंने देश की सुरक्षा और विपक्ष के खिलाफ एक मजबूर कदम के रूप में प्रस्तुत किया था। उनका कहना था कि विपक्ष सरकार को पंगु बना रहा है और वह उत्तर कोरिया के एजेंडे पर काम कर रहा है। उनके इस निर्णय के बाद देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए। लोग सड़कों पर उतर आए और विरोध में नारेबाजी की। विपक्ष ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ कदम बताया और तत्काल इस फैसले को वापस लेने की मांग की।
मार्शल लॉ के ऐलान के बाद, सड़कों पर हजारों लोग पहुंचे और सेना की बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए विपक्षी सांसदों ने नेशनल असेंबली में प्रवेश किया। इसके बाद, विपक्षी सांसदों ने इस पर वोटिंग कराई, जिसमें मार्शल लॉ के खिलाफ 190 वोट पड़े, और राष्ट्रपति को महज छह घंटे के भीतर अपना निर्णय वापस लेना पड़ा। इस घटनाक्रम ने पूरे देश में एक राजनीतिक संकट को जन्म दिया।
राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव की प्रक्रिया तेज़
मार्शल लॉ की घोषणा के विरोध में विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति यून सुक योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही योल के इस्तीफे की मांग उठने लगी थी। योल की पार्टी, पीपल्स पावर पार्टी के वरिष्ठ नेता हान डोंग हून ने कहा कि राष्ट्रपति अब अपनी जिम्मेदारियां सही ढंग से नहीं निभा सकते और उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। हान ने पहले भी योल को 'देश के लिए खतरनाक' बताया था और उनके इस्तीफे की मांग की थी।
नेशनल असेंबली में विपक्ष के पास करीब 190 सांसद हैं, जो महाभियोग के प्रस्ताव के लिए दो तिहाई बहुमत की स्थिति में हैं। ऐसे में अगर यह प्रस्ताव पास होता है, तो राष्ट्रपति योल को अपने पद से हटना पड़ेगा। महाभियोग के बाद, दक्षिण कोरिया के प्रधानमंत्री को कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया जाएगा, जो 60 दिनों के भीतर नए चुनावों तक राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।
योल की पार्टी में भी विरोध
राष्ट्रपति के फैसले और उनके खिलाफ बढ़ते विरोध के बीच, योल की ही पार्टी पीपल्स पावर पार्टी में भी विरोध के स्वर उठने लगे हैं। पार्टी के कई नेताओं ने योल से महाभियोग प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले इस्तीफा देने की मांग की है। विपक्ष के अनुसार, राष्ट्रपति द्वारा मार्शल लॉ लागू करने के बाद पैदा हुई राजनीतिक अस्थिरता और जन विरोध ने उनके नेतृत्व पर सवाल खड़ा कर दिया है।
हालांकि, योल ने अपने संबोधन में कहा कि वह मार्शल लॉ लागू करने के फैसले की कानूनी और राजनीतिक जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि वह माफी मांगते हैं कि उनके फैसले से लोगों को परेशानी हुई, लेकिन वह भविष्य में राजनीतिक स्थिरता को लेकर फैसले लेने का अधिकार अपनी पार्टी को देंगे।
महाभियोग के बाद क्या होगा?
यदि महाभियोग प्रस्ताव पारित होता है, तो दक्षिण कोरिया के प्रधानमंत्री को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया जाएगा। इसके बाद, चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी, जिसमें राष्ट्रपति का चयन 60 दिनों के भीतर किया जाएगा। यह पूरी स्थिति दक्षिण कोरिया के लोकतंत्र और राजनीतिक परिपक्वता के लिए एक गंभीर परीक्षा साबित हो सकती है।