पाकिस्तानी एक्सपर्ट का दावा, 'भारत के खिलाफ बड़ी साजिश रच रही यूनुस सरकार', जानिए क्या है वजह?

पाकिस्तानी एक्सपर्ट का दावा, 'भारत के खिलाफ बड़ी साजिश रच रही यूनुस सरकार', जानिए क्या है वजह?
Last Updated: 09 दिसंबर 2024

साजिद तरार ने बताया कि बांग्लादेश सरकार ने पाकिस्तान के नागरिकों के लिए वीजा प्रक्रिया को सरल बना दिया है। अब वीजा के लिए आवश्यक एनओसी की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है, जिससे पाकिस्तानियों को आसानी से वीजा मिल सके।

World News: बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच हालिया कदमों ने भारत की चिंता बढ़ा दी है। पाकिस्तानी विशेषज्ञ साजिद तरार ने दावा किया है कि बांग्लादेश ने पाकिस्तान को असलहा और अन्य सैन्य सामग्री का बड़ा ऑर्डर दिया है। इसमें 40 टन आरडीएक्स, 28,000 हाई-इंटेंसिटी प्रोजेक्टाइल, 2,000 टैंक के गोले और 40,000 राउंड आर्टिलरी का सौदा शामिल है। इसके अलावा, 25,000 टन चीनी के ऑर्डर से दोनों देशों के व्यापारिक संबंध मजबूत हो रहे हैं।

वीजा नियमों में ढील और सुरक्षा पर खतरा

बांग्लादेश ने पाकिस्तानियों के लिए वीजा प्रक्रिया को आसान बना दिया है। वीजा के लिए जरूरी एनओसी की शर्त को हटाकर बांग्लादेश ने पाकिस्तानियों के लिए सीमाएं खोल दी हैं। इस फैसले को लेकर भारत की सुरक्षा एजेंसियां चिंतित हैं, क्योंकि इससे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों की गतिविधियों को बल मिल सकता है। इस बदलाव को भारत के खिलाफ साजिश के रूप में देखा जा रहा है।

बीएनपी के पुराने कार्यकाल पर सवाल

भारतीय खुफिया एजेंसियां बांग्लादेश नेशनल पार्टी (BNP) के पिछले कार्यकाल को लेकर सतर्क हैं। 1991-1996 और 2001-2005 के बीच बीएनपी शासनकाल में लश्कर-ए-तैयबा, मसूद अजहर और सज्जाद अफगानी जैसे आतंकियों ने बांग्लादेश के रास्ते भारत में आतंक फैलाया। मुंबई हमलों में शामिल डेविड हेडली और तहव्वुर राणा ने भी बांग्लादेश के जरिए भारत में अपने मिशन को अंजाम दिया था। ऐसे इतिहास को देखते हुए मौजूदा परिस्थितियां भारत के लिए गंभीर चिंता का कारण हैं।

भारत को सतर्क रहने की सलाह

साजिद तरार ने चेतावनी दी है कि भारत को मौजूदा हालात में सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो हो रहा है, वह भारत की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच यह नजदीकी भारत के दोनों सीमाओं पर चुनौती पैदा कर सकती है। अगर इन संबंधों का उपयोग आतंकी गतिविधियों के लिए किया गया तो यह भारत की सुरक्षा रणनीति के लिए एक गंभीर परीक्षा होगी।

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