ब्रिटेन में सिक्योरिटी समिट हुई, जहां यूरोपीय देशों ने यूक्रेन की सुरक्षा पर चिंता जताई और पीस प्लान पर सहमति दी। इससे पहले पोलैंड के PM का बयान अमेरिका को नापसंद आ सकता है।
UK: ब्रिटेन में एक अहम सिक्योरिटी समिट का आयोजन किया गया, जिसमें यूरोपीय देशों ने एकजुटता दिखाते हुए यूक्रेन की सुरक्षा और रूस-यूक्रेन युद्ध के समाधान पर चर्चा की। इस शिखर सम्मेलन में यूरोपीय नेताओं ने युद्ध समाप्ति के प्रयासों को तेज करने और यूक्रेन को समर्थन देने का आश्वासन दिया। साथ ही, यूरोप की रक्षा नीति को और मजबूत करने पर भी चर्चा हुई।
पोलैंड के प्रधानमंत्री का बड़ा बयान
इस समिट से पहले पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने ऐसा बयान दिया, जिसने चर्चा तेज कर दी है। उन्होंने यूरोप की रक्षा और अमेरिका पर निर्भरता को लेकर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा,
"यह एक विरोधाभास है कि 50 करोड़ यूरोपवासी 30 करोड़ अमेरिकियों से अपील कर रहे हैं कि वे 14 करोड़ रूसी लोगों से उनकी रक्षा करें।"
टस्क ने इस स्थिति को "यूरोप की दुविधा" बताते हुए कहा कि यूरोपीय देशों को अपनी रक्षा के लिए खुद मजबूत होना पड़ेगा और इस निर्भरता से बाहर निकलने की जरूरत है। उनका यह बयान अमेरिका को पसंद नहीं आएगा, क्योंकि इससे संकेत मिलता है कि यूरोप को अब अमेरिकी मदद पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
ट्रंप और जेलेंस्की की मुलाकात में बढ़ा तनाव
हाल ही में यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने अमेरिका का दौरा किया, जहां उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप से ओवल ऑफिस में मुलाकात की। इस दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर दोनों नेताओं के बीच तीखी बहस हुई।
ट्रंप ने गुस्से में कहा,
"जेलेंस्की की जिद से विश्व युद्ध 3 का खतरा बढ़ गया है।"
वहीं, जेलेंस्की ने साफ कर दिया कि यूक्रेन अपना एक इंच भी हिस्सा रूस को नहीं देगा। इस बैठक के बाद यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य और आर्थिक मदद पर अमेरिका द्वारा रोक लगाए जाने की आशंका बढ़ गई है। इतना ही नहीं, दोनों देशों के बीच मिनरल समझौते पर भी सहमति नहीं बन पाई।
यूरोपीय देशों ने यूक्रेन के लिए बनाया पीस प्लान
इस बीच, यूरोपीय देशों ने यूक्रेन में शांति बहाली के लिए एक पीस प्लान तैयार किया। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा कि
"यूरोपीय नेताओं के बीच यूक्रेन में शांति स्थापित करने को लेकर सहमति बन चुकी है। अब इस योजना को अमेरिका के सामने रखा जाएगा।"
इसके साथ ही, यूरोपीय नेताओं ने डिफेंस बजट बढ़ाने पर भी सहमति जताई है, ताकि यूक्रेन की मदद को और प्रभावी बनाया जा सके।
क्या अमेरिका यूक्रेन को देना बंद करेगा समर्थन?
इस पूरी स्थिति के बाद अब बड़ा सवाल यह है कि क्या अमेरिका यूक्रेन को दी जा रही मदद रोक सकता है? ट्रंप के तीखे बयान और यूक्रेन के साथ असहमति के बाद अमेरिका की सैन्य और आर्थिक सहायता पर खतरा मंडराने लगा है।
यूरोप अब यह मान रहा है कि यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए उसे खुद अपनी सैन्य ताकत बढ़ानी होगी। इसीलिए, ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देश अपनी रक्षा नीति को मजबूत करने पर जोर दे रहे हैं।