US-Canada: कनाडा में ट्रंप की वापसी से बढ़ी हलचल, ट्रूडो की खालिस्तानियों पर बदली भाषा, जानें क्या है वजह?

US-Canada: कनाडा में ट्रंप की वापसी से बढ़ी हलचल, ट्रूडो की खालिस्तानियों पर बदली भाषा, जानें क्या है वजह?
Last Updated: 09 नवंबर 2024

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ये बयान दिवाली इवेंट के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि कनाडा में खालिस्तान समर्थक हैं, लेकिन ये लोग केवल सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते।

Canada: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता में वापसी ने दुनियाभर के कई देशों की चिंता को बढ़ा दिया है, और इस लिस्ट में कनाडा सबसे ऊपर है। ट्रंप के पुनः सत्ता में आने के बाद कनाडा के सुर बदलते हुए नजर रहे हैं। जो जस्टिन ट्रूडो पहले खालिस्तान समर्थकों के पक्ष में बोलते थे और यह मानते थे कि खालिस्तानियों और अन्य सिखों में कोई अंतर नहीं है, अब वह सार्वजनिक रूप से इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि खालिस्तान समर्थक केवल सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते।

हाल ही में कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने दिवाली इवेंट के दौरान कहा कि कनाडा में खालिस्तान के समर्थक हैं, लेकिन वे केवल सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते।

ट्रूडो ने ट्रंप को दी थी बधाई

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर उन्हें बधाई दी। साथ ही, उन्होंने कनाडा और अमेरिका के बीच मित्रता और सहयोग को बढ़ावा देने की बात की। हालांकि, दोनों नेताओं के बीच रिश्ते अक्सर तनावपूर्ण रहे हैं, लेकिन इस बार ट्रूडो ने ट्रंप के साथ सहयोग बढ़ाने की संभावना जताई है। ट्रंप ने अपनी किताब में जस्टिन ट्रूडो के बारे में कुछ अफवाहें फैलाई थीं, लेकिन फिर भी ट्रूडो ने ट्रंप को बधाई दी।

कनाडा और अमेरिका के रिश्ते पर बयान

कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो और डिप्टी प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ़्रीलैंड ने इस बात को स्पष्ट किया कि ट्रंप की सत्ता में वापसी से कनाडा-अमेरिका के रिश्तों पर नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा। ट्रूडो ने ओटावा में पत्रकारों से कहा, "हम इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कनाडा और अमेरिका के बीच की मित्रता और गठबंधन से केवल कनाडा ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को लाभ होगा।"

US पर निर्भर है कनाडा

कनाडा के लिए अमेरिका से अच्छे रिश्ते बनाए रखना एक बड़ी मजबूरी है। दरअसल, कनाडा अपने कुल एक्सपोर्ट का लगभग 75% हिस्सा अमेरिका को भेजता है। ऐसे में अगर अमेरिका से रिश्ते बिगड़ते हैं, तो इसका सीधा असर कनाडा की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है। ट्रंप के सत्ता में लौटने के बाद कनाडा सरकार ने इस स्थिति को देखते हुए विशेष कैबिनेट कमेटी की बैठक बुलाई।

भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव

भारत और कनाडा के रिश्तों में खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या को लेकर तनाव आया था। कनाडा ने शुरू में आरोप लगाया था कि भारत इस हत्या के पीछे जिम्मेदार है, जबकि भारत ने इसे बेबुनियाद और बिना प्रमाण के बताया। कनाडा के आरोपों को भारत ने हमेशा नकारा किया है।

कनाडा ने ट्रंप पर चिंता जताई

कनाडाई अधिकारियों ने ट्रंप को उनकी जीत की बधाई तो दी, लेकिन साथ ही चिंता जताई कि ट्रंप की नीतियां, खासकर जलवायु, व्यापार, सुरक्षा और आप्रवासन के मामलों में, कनाडा पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। उप प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ़्रीलैंड ने कहा, "कनाडावासी चिंतित हैं, लेकिन मैं पूरी ईमानदारी से कहना चाहती हूं कि कनाडा बिल्कुल ठीक होगा। हमारे अमेरिका के साथ मजबूत रिश्ते हैं और हम ट्रंप और उनकी टीम के साथ भी अच्छे रिश्ते बनाए रखेंगे।"

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