दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण ने गंभीर रूप ले लिया है, और एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया है। नोएडा के सेक्टर-1 में AQI 690 के पार रिकॉर्ड किया गया, जबकि राजधानी दिल्ली के भी कई हिस्सों में स्थिति काफी खराब है। इस कारण लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है, वहीं आंखों में जलन की समस्या भी उत्पन्न हो रही है। इस खतरनाक प्रदूषण के चलते लोग घर से बाहर निकलने में hesitant महसूस कर रहे हैं।
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली और पूरे एनसीआर में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे लोगों की सांसें फूलने लगी हैं। शुक्रवार सुबह दिल्ली पूरी तरह से स्मॉग में लिपटी नजर आई। मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली के पालम में दृश्यता 1000 मीटर और सफदरजंग में 800 मीटर तक दर्ज की गई है, जो अत्यधिक धुंध को दर्शाता है।
इस बीच, एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बेहद खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है और आंखों में जलन की समस्या उत्पन्न हो रही है। मौसम विभाग का कहना है कि दिल्ली के कई इलाकों में जहरीली हवा चल रही है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक है। इस लेख में जानिए शुक्रवार सुबह दिल्ली में कहां और कितना AQI दर्ज किया गया।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का कहर
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के खतरनाक स्तर को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। विभिन्न क्षेत्रों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बेहद खराब श्रेणी में पहुंच चुका है। यहां देखें, प्रमुख इलाकों में AQI के आंकड़े:
आनंद विहार: 427
नोएडा सेक्टर-1: 696
ITI शारदा दिल्ली: 359
वजीरपुर: 340
ओखला दिल्ली: 342
मेजर ध्यानचंद स्टेडियम दिल्ली: 327
छठ पूजा पर दिल्ली में प्रदूषण में और बढ़ोतरी
दिल्ली में बृहस्पतिवार को छठ पूजा के दौरान एक बार फिर वायु गुणवत्ता में गिरावट देखी गई। इस दौरान दिल्ली और एनसीआर के शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के स्तर में इजाफा हुआ। सुबह और रात के समय हल्के कोहरे के साथ-साथ स्मॉग की परत भी देखी गई, जिससे प्रदूषण और बढ़ गया। प्रदूषण के इस बढ़ते स्तर ने लोगों की सांसों को प्रभावित किया और मौसम विभाग के अनुसार, यह स्थिति स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती है।
दिल्ली में प्रदूषण की बढ़ी चिंता
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली का औसत एक्यूआइ बृहस्पतिवार को 377 दर्ज किया गया, जो एक दिन पहले 352 था। छठ पूजा के दौरान शाम के समय प्रदूषण स्तर में और वृद्धि हुई, और शाम छह बजे एक्यूआई 382 तक पहुंच गया। सबसे चिंताजनक स्थिति यह रही कि शाम छह बजे दिल्ली के 16 इलाकों का एक्यूआई 400 के पार यानी गंभीर श्रेणी में पहुंच गया। इनमें प्रमुख इलाके जैसे आनंद विहार, अशोक विहार, बवाना, मुंडका, जहांगीरपुरी, वजीरपुर, ओखला फेज 2, पंजाबी बाग, रोहिणी, सोनिया विहार और पटपड़गंज शामिल हैं।
एनसीआर में भी प्रदूषण की स्थिति खराब रही, और डिसिजन सपोर्ट सिस्टम, आइआइटीएम पुणे के अनुसार, दिल्ली में प्रदूषण में वाहनों के उत्सर्जन का प्रमुख योगदान था, जो लगभग 12 प्रतिशत रहा। इसके अलावा, पराली का धुआं भी दिल्ली के प्रदूषण में एक महत्वपूर्ण योगदानक बना हुआ है।
बृहस्पतिवार को बढ़ा न्यूनतम तापमान
मौसमी उतार-चढ़ाव के बीच बृहस्पतिवार को दिल्ली में न्यूनतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई, जो 18.0 डिग्री सेल्सियस रहा, जोकि सामान्य से चार डिग्री अधिक है। एक दिन पहले, बुधवार को यह 17.2 डिग्री सेल्सियस था। वहीं, अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 31.7 डिग्री सेल्सियस रहा। हवा में नमी का स्तर 94% से घटकर 59% हो गया।
हालांकि, हल्के कोहरे और स्मॉग के कारण दिल्ली में दृश्यता का स्तर प्रभावित रहा। सुबह 7:30 बजे, इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI Airport) पर दृश्यता का न्यूनतम स्तर 800 मीटर और सफदरजंग पर 1000 मीटर दर्ज किया गया। शुक्रवार सुबह और रात में भी हल्का कोहरा और स्मॉग जारी रहने का अनुमान है।
दिल्ली सरकार के ड्रोन से प्रदूषण नियंत्रण की नई पहल
दिल्ली में धूल प्रदूषण और पार्टिकुलेट मैटर (PM) की सांद्रता को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने एक नई पहल की शुरुआत की है। अधिकारियों के अनुसार, तीन ड्रोन हॉटस्पॉट इलाकों में धूल कणों को व्यवस्थित करने, प्रदूषण के प्रभावों को कम करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर डालने में मदद करेंगे। ये ड्रोन प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए पानी का छिड़काव करेंगे, जिससे हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
पर्यावरण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि हॉटस्पॉट इलाकों में 15 दिनों तक ड्रोन परीक्षण के रूप में संचालित किए जाएंगे। ड्रोन न्यूनतम 17 लीटर के टैंक के साथ होंगे और 15 मिनट के भीतर एक एकड़ क्षेत्र को कवर करने में सक्षम होंगे। यह ड्रोन उच्च-रिजोल्यूशन कैमरों और रियल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम से लैस होंगे, जो प्रदूषण पर सटीक डेटा एकत्र करेंगे।
15 दिनों के लिए ड्रोन आधारित प्रदूषण नियंत्रण अध्ययन
दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए शुरू की गई ड्रोन आधारित योजना के तहत, ड्रोन द्वारा एकत्र किए गए रियल टाइम डेटा और इमेज को पर्यावरण विभाग, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) की वायु प्रयोगशाला और ग्रीन वार रूम को ऑनलाइन प्रेषित किया जाएगा। इस डेटा का मूल्यांकन किया जाएगा ताकि प्रदूषण नियंत्रण उपायों की प्रभावशीलता को समझा जा सके।
अधिकारियों ने बताया कि इस पायलट अध्ययन की योजना 15 दिनों के लिए बनाई गई है, हालांकि यदि परीक्षण संतोषजनक साबित होता है, तो इसकी अवधि और ड्रोन की संख्या बढ़ाई जा सकती है। यह कदम दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों को और भी प्रभावी बनाने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।