पुराना साल बीत चुका था और नया साल, नई उमंगों और उम्मीदों के साथ आया था। विद्यालय में पहला दिन था, और जैसे ही घंटी बजी, कक्षा में हलचल शुरू हो गई। सभी विद्यार्थी अपने-अपने अनुभवों को साझा करने के लिए उत्साहित थे। तभी कक्षा में प्रवेश करते हुए, गुरूजी ने सभी बच्चों से पूछा, "तुम सबने नया साल कैसे मनाया? अपने अनुभव हमसे साझा करो।"
विनय का मजेदार अनुभव
विनय ने सबसे पहले अपनी बात शुरू की। उसने कहा, "गुरूजी! मैंने नया साल मुहल्ले में एक पुराने साल के प्रतीक पुतले को जलाकर मनाया। रात 12 बजे जैसे ही नया साल आया, मैंने गधे की दुम में पटाखे बांध दिए और उसे आग लगाई। गधा हड़बड़ा कर पूरे मुहल्ले में दौड़ने लगा और लोग डर के मारे इधर-उधर भागने लगे।" उसकी बात सुनकर कक्षा में ठहाके गूंज उठे। गुरूजी मुस्कुराए और अनिल की ओर इशारा किया।
अनिल और उसके फिल्मी अनुभव
अनिल ने कहा, "गुरूजी, मैंने नया साल शहर में एक नई फिल्म देख कर मनाया। ब्लैक में टिकट लेकर, मैंने थिएटर में शो देखा और जैसे ही फिल्म खत्म हुई, नया साल आ चुका था।"
विलास का संगीत उत्सव
इसके बाद विलास ने कहा, "गुरूजी, मैंने अपने दोस्तों के साथ छत पर ड्रम बजाकर और गाकर नया साल मनाया। हालांकि, लोगों ने हमें मना किया, लेकिन हमने किसी की परवाह नहीं की।"
माइकेल की प्रेरणादायक कहानी
अब बारी थी माइकेल की, जो चुपचाप बैठा था। उसने कहा, "गुरूजी, मैंने नया साल अस्पताल में मनाया। मैंने मरीजों के पास ताजे फूलों का गुलदस्ता और पौष्टिक फल लेकर गया। उनसे बातें की, चुटकुले सुनाए, और उनकी हंसी लौटाई। मैं पक्षियों की आवाज़ें निकाल कर उनका मन बहलाता रहा। मैंने कुछ मरीजों को नचाया भी। डॉक्टर और नर्सों ने भी मुस्कुराया। एक डॉक्टर ने मुझे गले लगाकर कहा कि मैंने उनका हौसला बढ़ाया है।"
गुरूजी की प्रेरणा
गुरूजी की आँखों में आँसू थे। उन्होंने अपनी घड़ी उतारी और माइकेल को पहनाते हुए कहा, "यह घड़ी मैंने उसी के लिए रखी थी, जिसने नया साल मनाने का सबसे प्रेरणादायक तरीका अपनाया। तुमने निराश लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाई और नया साल सार्थक बना दिया।"
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि
नया साल केवल पार्टी और मनोरंजन का समय नहीं होता। यह हमें दूसरों के जीवन में खुशियाँ और आशा लाने का एक मौका देता है, खासकर उन लोगों के लिए जो कठिनाईयों से जूझ रहे हैं। एक अच्छा काम करने से न केवल दूसरों को खुशी मिलती है, बल्कि खुद को भी मानसिक संतुष्टि और आत्मिक शांति मिलती हैं।
इस नए साल में, हम सभी को यही सिखने की जरूरत है कि उत्सव के साथ-साथ समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए अपनी छोटी-सी कोशिश भी कितनी महत्वपूर्ण हो सकती हैं।