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Amazon Kuiper सैटेलाइट ब्रॉडबैंड लॉन्च: Starlink को देगा कड़ी टक्कर, जानें पूरी जानकारी

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Amazon ने प्रोजेक्ट Kuiper के तहत 27 सैटेलाइट लॉन्च कर सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस की दिशा में अहम कदम उठाया है।

टेक न्यूज़: Amazon ने अब अंतरिक्ष में भी कदम तेजी से बढ़ा लिए हैं। अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस ‘Project Kuiper’ के तहत कंपनी ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 27 नए ब्रॉडबैंड सैटेलाइट्स को लॉन्च कर दिया है। यह लॉन्चिंग अमेरिका के फ्लोरिडा से की गई, और इसके साथ ही Amazon ने Elon Musk की Starlink को सीधी चुनौती दे दी है।

जहां Starlink पहले से ही 105 से ज्यादा देशों में अपनी सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस दे रही है, वहीं अब Amazon भी पूरी तैयारी के साथ इस रेस में कूद चुका है। आने वाले वक्त में दोनों कंपनियां भारत में भी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने जा रही हैं, जिससे इंटरनेट कनेक्टिविटी का पूरा परिदृश्य बदलने की उम्मीद है।

क्या है Amazon का Project Kuiper?

Project Kuiper, Amazon का सैटेलाइट ब्रॉडबैंड मिशन है, जिसके तहत कंपनी दुनिया के कोने-कोने में इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचाना चाहती है, खासकर उन इलाकों में जहां अभी तक इंटरनेट पहुंच नहीं पाया है। इस प्रोजेक्ट के तहत कुल 3,200 सैटेलाइट लॉन्च किए जाने हैं, जो धरती की निचली कक्षा (LEO) में घूमते हुए हाई-स्पीड इंटरनेट देंगे।

हाल ही में लॉन्च किए गए 27 सैटेलाइट्स को Atlas V रॉकेट के जरिए स्पेस में भेजा गया। इस मिशन को United Launch Alliance (ULA) ने अंजाम दिया, जिन्होंने इन सैटेलाइट्स को 630 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया।

पहले भी Amazon ने 2023 में दो टेस्ट सैटेलाइट्स को सफलतापूर्वक भेजा था। खास बात ये है कि इन सैटेलाइट्स पर मिरर फिल्म लगी है, जो सूरज की रोशनी को रिफ्लेक्ट करेगी, ताकि वे धरती से नजर न आएं और स्पेस विजुअल पोल्यूशन कम हो।

27 सैटेलाइट्स का पहला बड़ा लॉन्च

Amazon ने हाल ही में फ्लोरिडा (अमेरिका) से United Launch Alliance (ULA) की मदद से Atlas V रॉकेट के ज़रिए Project Kuiper के 27 सैटेलाइट्स लॉन्च किए हैं। ये सैटेलाइट्स पृथ्वी की सतह से 630 किलोमीटर ऊपर की कक्षा में स्थापित किए गए हैं। इससे पहले, साल 2023 में Amazon ने दो टेस्ट सैटेलाइट भेजे थे जो सफल साबित हुए। अब कंपनी ने बड़े पैमाने पर सैटेलाइट भेजकर अपने इरादे साफ कर दिए हैं कि वह Starlink के दबदबे को तोड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है।

कंपनी का लक्ष्य है कि आने वाले समय में कुल 3,236 सैटेलाइट्स को लॉन्च किया जाए, ताकि दुनियाभर में ब्रॉडबैंड सेवा दी जा सके। इन सैटेलाइट्स पर विशेष प्रकार की मिरर फिल्म लगाई गई है, जो सूरज की रोशनी को परावर्तित करती है, जिससे वे ज़्यादा समय तक काम कर सकते हैं और डाटा ट्रांसमिशन में मदद मिलती है।

Starlink के लिए क्यों बढ़ी टेंशन?

Elon Musk की कंपनी SpaceX के जरिए संचालित Starlink ने अब तक 8,000 से ज्यादा सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में भेजा है। इनमें से करीब 7,000 सैटेलाइट्स धरती की सतह से 550 किलोमीटर की ऊंचाई पर घूम रहे हैं और ब्रॉडबैंड सेवा दे रहे हैं। Starlink वर्तमान में 105 से ज्यादा देशों में इंटरनेट सेवा दे रहा है और इस क्षेत्र में सबसे बड़ा नाम बन चुका है।

लेकिन अब Amazon का Project Kuiper उसकी सीधी टक्कर में आ गया है। Amazon की वित्तीय ताकत और टेक्नोलॉजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को देखते हुए माना जा रहा है कि आने वाले समय में Starlink को बाजार में बड़ी चुनौती मिल सकती है।

भारत में कब शुरू होगी सर्विस?

भारत जैसे विशाल देश में अब भी कई ग्रामीण और दुर्गम इलाके ऐसे हैं जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी बहुत कमजोर या बिल्कुल नहीं है। यही वजह है कि Amazon और Starlink, दोनों की नजरें भारतीय बाजार पर हैं। Elon Musk की Starlink पहले ही भारत में इंटरनेट सेवा शुरू करने की तैयारी कर चुकी है और जरूरी सरकारी मंजूरी का इंतजार कर रही है। 

वहीं, Amazon भी भारत में Kuiper प्रोजेक्ट के तहत अपनी सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस लॉन्च करने की योजना बना रहा है। दोनों कंपनियों के बीच भारत में पहले ही प्रतिस्पर्धा की जमीन तैयार हो चुकी है और जैसे ही नीतिगत मंजूरियां मिलेंगी, यह मुकाबला और तेज़ हो जाएगा।

Airtel और OneWeb भी हैं रेस में

Amazon और Starlink के अलावा एक और कंपनी इस दौड़ में शामिल है – OneWeb. यह कंपनी Bharti Airtel द्वारा समर्थित है और उसने भी सैकड़ों सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में लॉन्च कर दिया है। OneWeb की खासियत है कि इसने डायरेक्ट-टू-मोबाइल कनेक्टिविटी की टेस्टिंग भी की है, यानी उपभोक्ताओं को बिना डिश या बड़े डिवाइस के सीधा सैटेलाइट इंटरनेट मिलने की सुविधा हो सकती है।

भारत में Airtel की ब्रॉडबैंड सैटेलाइट सर्विस OneWeb के जरिए ही मिलेगी, जिससे आने वाले समय में यहां एक और मजबूत विकल्प सामने आएगा। Amazon अगले कुछ सालों में हजारों Kuiper सैटेलाइट्स लॉन्च करेगा। कंपनी का लक्ष्य है कि 2026 तक इसकी सर्विस ग्लोबली शुरू हो जाए। भारत में भी इस सर्विस के आने की उम्मीद बढ़ गई है।

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