चंद्रयान-4 मिशन को कैबिनेट की मंजूरी: चांद से लाई जाएगी मिट्टी, 2028 में अंतरिक्ष स्टेशन और शुक्र मिशन होगा लॉन्च

चंद्रयान-4 मिशन को कैबिनेट की मंजूरी: चांद से लाई जाएगी मिट्टी, 2028 में अंतरिक्ष स्टेशन और शुक्र मिशन होगा लॉन्च
Last Updated: 18 घंटा पहले

 

कैबिनेट ने चंद्रयान-4 मिशन को मंजूरी दे दी है। इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा पर स्पेसक्राफ्ट को उतारना, सैंपल एकत्र करना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है।

1. चंद्रयान-4 मिशन

इस 2104 करोड़ रुपए के मिशन में चंद्रमा की चट्टानों और मिट्टी को पृथ्वी पर लाया जाएगा। मिशन में दो अलग-अलग रॉकेट का उपयोग किया जाएगा: हैवी-लिफ्टर LVM-3 और ISRO का विश्वसनीय वर्कहॉर्स PSLV, जो अलग-अलग पेलोड लेकर जाएंगे।

स्टैक 1 में लूनर सैंपल कलेक्शन के लिए एसेंडर आधुनिक और सतह से लूनर सैंपल संग्रह के लिए डिसेंडर आधुनिक शामिल हैं। स्टैक 2 में थ्रस्ट के लिए एक प्रोपल्शन मॉड्यूल, सैंपल होल्ड करने के लिए ट्रांसफर आधुनिक, और सैंपल को पृथ्वी पर लाने के लिए री-एंट्री आधुनिक शामिल हैं।

2. शुक्र ऑर्बिटर मिशन

इस मिशन के लिए 1,236 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है, और इसे मार्च 2028 में लॉन्च किया जाएगा। वीनस ऑर्बिटर मिशन का मुख्य उद्देश्य शुक्र की सतह और वायुमंडल के साथ-साथ वहां सूर्य के प्रभाव के बारे में हमारी समझ को बढ़ाना है।

3. भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन

कैबिनेट ने गगनयान प्रोग्राम के दायरे को बढ़ाकर भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस-1) के पहले मॉड्यूल के विकास को मंजूरी दे दी है। संशोधित गगनयान प्रोग्राम में BAS-1 यूनिट सहित आठ मिशन शामिल हैं, जिन्हें दिसंबर 2028 तक पूरा किया जाना है।

गगनयान प्रोग्राम की कुल फंडिंग को 11,170 करोड़ रुपए बढ़ाकर 20,193 करोड़ रुपए कर दिया गया है। 'गगनयान' मिशन के तहत 3 गगनयात्री को 400 किमी ऊंचाई पर पृथ्वी की कक्षा में तीन दिनों के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद क्रू मॉड्यूल को सुरक्षित रूप से समुद्र में उतारा जाएगा।

अगर भारत अपने मिशन में सफल होता है, तो वह ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले अमेरिका, चीन और रूस इस उपलब्धि को हासिल कर चुके हैं।

1. 12 अप्रैल 1961 को सोवियत रूस के यूरी गागरिन 108 मिनट तक अंतरिक्ष में रहे।

2. 5 मई 1961 को अमेरिका के एलन शेफर्ड 15 मिनट तक अंतरिक्ष में रहे।

3. 15 अक्टूबर 2003 को चीन के यांग लिवेई 21 घंटे तक अंतरिक्ष में रहे।

साल 2018 में, पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में गगनयान मिशन की घोषणा की थी, जिसमें 2022 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। हालांकि, कोविड महामारी के कारण इसमें देरी हुई। अब इसके 2024 के अंत या 2025 की शुरुआत तक पूरा होने की संभावना है। गगनयान मिशन के लिए लगभग 90.23 अरब रुपए का बजट आवंटित किया गया हैं

 

 

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