सैटेलाइट नेटवर्क पर सरकार का बड़ा ऐलान: Jio और Airtel को झटका, एलन मस्क की Starlink को राहत

सैटेलाइट नेटवर्क पर सरकार का बड़ा ऐलान: Jio और Airtel को झटका, एलन मस्क की Starlink को राहत
Last Updated: 28 नवंबर 2024

भारत में सैटेलाइट नेटवर्क को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केन्द्रीय संचार राज्यमंत्री पेम्मासानी चंद्रशेखर ने लोकसभा में बयान देकर साफ कर दिया कि सरकार नए टेलीकॉम एक्ट के तहत सैटेलाइट सर्विसेज का प्रशासनिक आवंटन करेगी। यह खबर Jio और Airtel जैसी टेलीकॉम कंपनियों के लिए मायूसी भरी हो सकती है, जबकि एलन मस्क की कंपनी Starlink के लिए इसे राहत के तौर पर देखा जा रहा है।

नागरिकों के हित में होगा फैसला

लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान पेम्मासानी चंद्रशेखर ने कहा कि सैटेलाइट नेटवर्क का स्पेक्ट्रम आवंटन प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत किया जाएगा। सरकार का यह कदम देश के नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। नए टेलीकॉम एक्ट के तहत सरकार स्पेक्ट्रम की कीमत, तकनीकी आवश्यकताओं और अन्य पहलुओं पर विचार करके इसे लागू करेगी।

Jio और Airtel की नीलामी प्रक्रिया की मांग खारिज

Jio और Airtel ने स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए मोबाइल नेटवर्क की तरह नीलामी प्रक्रिया की मांग की थी। हालांकि, सरकार ने यह साफ कर दिया कि इस मामले में अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। दूरसंचार विभाग (DoT) ने सैटेलाइट स्पेक्ट्रम से संबंधित सुझावों के लिए टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) को सिफारिशें भेजी हैं। TRAI को इन सुझावों पर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।

Starlink और Kuiper के लिए बढ़ेगी संभावना

एलन मस्क की Starlink और अमेजन की Kuiper जैसी कंपनियां सैटेलाइट नेटवर्क में प्रशासनिक प्रक्रिया का समर्थन करती हैं। ऐसे में सरकार का यह रुख इन कंपनियों के लिए फायदेमंद हो सकता है। Starlink पहले से ही भारत में सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवाएं देने की कोशिश कर रही है, और यह फैसला उसके रास्ते आसान कर सकता है।

चार दिग्गज कंपनियों के बीच सीधी प्रतिस्पर्धा

भारत में सैटेलाइट सर्विस बाजार को लेकर Jio, Airtel, Starlink और Kuiper जैसी कंपनियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी। Jio और Airtel, जो पहले से ही टेरेस्टियल नेटवर्क में मजबूत पकड़ रखते हैं, सैटेलाइट नेटवर्क के क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए रणनीति बना रहे हैं। वहीं, Starlink और Kuiper भी भारत में अपने ऑपरेशंस को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं।

TRAI की सिफारिशों का इंतजार

सरकार ने सैटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर TRAI से कई अहम सिफारिशें मांगी हैं। इनमें स्पेक्ट्रम की कीमत, तकनीकी पहलुओं और लाइसेंसिंग प्रक्रिया शामिल हैं। TRAI की रिपोर्ट के बाद ही सरकार अंतिम निर्णय लेगी।

क्या बदल जाएगा सैटेलाइट नेटवर्क का भविष्य?

सैटेलाइट नेटवर्क को लेकर सरकार का यह कदम भारत में इस तकनीक के भविष्य को पूरी तरह बदल सकता है। Jio और Airtel जैसे टेलीकॉम दिग्गज जहां सैटेलाइट नेटवर्क को अपने विस्तार का नया जरिया मान रहे हैं, वहीं Starlink और Kuiper जैसी कंपनियां इसे भारत में अपनी मजबूत मौजूदगी का अवसर देख रही हैं।

उपभोक्ताओं के लिए क्या होगा फायदा?

सरकार के इस फैसले से सैटेलाइट नेटवर्क पर आधारित इंटरनेट सेवाओं में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर और सस्ती सेवाएं मिलने की संभावना है। दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में, जहां पारंपरिक टेलीकॉम सेवाएं सीमित हैं, सैटेलाइट इंटरनेट एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।

सरकार के इस फैसले से सैटेलाइट नेटवर्क के क्षेत्र में Jio और Airtel जैसी भारतीय कंपनियों के लिए चुनौती बढ़ सकती है, लेकिन यह Starlink और Kuiper जैसी ग्लोबल कंपनियों के लिए राहत का संकेत है। अब सबकी नजरें TRAI की रिपोर्ट और सरकार के अंतिम फैसले पर टिकी हैं।

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