ताज़ा समाचार

  • Mahakumbh 2025: महाकुंभ में मंत्रियों के साथ योगी आदित्यनाथ ने संगम में लगाई डुबकी, कैबिनेट ने लिए कई बड़े फैसले
  • Hemant Soren: बीजेपी को हेमंत सोरेन का बड़ा उलटफेर, दो प्रमुख नेता झामुमो करेंगे जॉइन
  • Karnataka: कर्नाटक के येल्लापुर में ट्रक दुर्घटना, 8 की मौत, 15 घायल
  • Mahakumbh 2025: संगम तट पर योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक, मंत्री करेंगे सामूहिक स्नान, देखें पूरी जानकारी

ख़बरें अपडेट की जा रही हैं

6 घंटा पहले

नीतीश का BJP से अलगाव जारी, मणिपुर में JDU का बड़ा फैसला, जानिए पूरा मामला 

नीतीश का BJP से अलगाव जारी, मणिपुर में JDU का बड़ा फैसला, जानिए पूरा मामला 

जेडीयू ने मणिपुर सरकार से समर्थन वापस लिया, भाजपा की स्थिरता बरकरार। नीतीश कुमार का यह कदम राष्ट्रीय राजनीति में विपक्षी एकजुटता को बढ़ावा देने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

Manipur: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) ने मणिपुर में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की अगुवाई वाली भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा कर दी है। यह निर्णय बुधवार, 22 जनवरी 2025 को लिया गया। जेडीयू ने औपचारिक रूप से राज्यपाल को समर्थन वापसी का पत्र सौंपा।

2022 में भाजपा से गठबंधन की शुरुआत

2022 में जेडीयू के छह में से पांच विधायकों ने भाजपा को समर्थन देकर सरकार को मजबूती दी थी। हालांकि, अब जेडीयू ने भाजपा से नाता तोड़ते हुए मणिपुर सरकार से पूरी तरह दूरी बना ली है। यह फैसला जेडीयू के भाजपा के प्रति बदलते रुख को दर्शाता है।

भाजपा सरकार की स्थिरता पर कोई असर नहीं

जेडीयू के समर्थन वापसी के बावजूद भाजपा सरकार पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। मणिपुर विधानसभा में भाजपा के पास बहुमत है, जिससे सरकार किसी भी राजनीतिक अस्थिरता से बची रहेगी। हालांकि, जेडीयू के इस कदम से राज्य की राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावनाएं हैं।

2013 में भी भाजपा से तोड़ा था गठबंधन

यह पहली बार नहीं है जब जेडीयू ने भाजपा से अपना गठबंधन तोड़ा है। 2013 में, नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनने के बाद, जेडीयू ने भाजपा से अलग होने का निर्णय लिया था। इसके बाद जेडीयू ने आरजेडी के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया।

2022 में भाजपा से फिर अलग हुआ जेडीयू

अगस्त 2022 में जेडीयू ने एक बार फिर भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया। नीतीश कुमार ने भाजपा पर साजिश और दबाव की राजनीति करने का आरोप लगाया। इसके बाद जेडीयू ने आरजेडी, कांग्रेस और अन्य दलों के साथ मिलकर नई सरकार बनाई।

क्या फिर बदलेंगे समीकरण?

मणिपुर में जेडीयू का भाजपा से समर्थन वापसी न केवल राज्य की राजनीति बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण है। सवाल उठता है कि क्या नीतीश कुमार के इस फैसले से भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकजुटता को बल मिलेगा?

..... SUBKUZ LIVE ..... LIVE NEWS ..... लाइव न्यूज़ ..... BREAKING NEWS ..... ब्रेकिंग न्यूज़ ..... LIVE NEWS ..... लाइव न्यूज़ ..... BREAKING NEWS ..... ब्रेकिंग न्यूज़ .....
11 घंटा पहले

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में मंत्रियों के साथ योगी आदित्यनाथ ने संगम में लगाई डुबकी, कैबिनेट ने लिए कई बड़े फैसले

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में मंत्रियों के साथ योगी आदित्यनाथ ने संगम में लगाई डुबकी, कैबिनेट ने लिए कई बड़े फैसले

प्रयागराज में योगी कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। गंगा एक्सप्रेसवे विस्तार, नए मेडिकल कॉलेज और विकास क्षेत्रों के निर्माण की घोषणा की गई। विपक्ष ने इसे राजनीतिक बताया।

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में बुधवार को उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रिमंडल के सभी सदस्य महाकुंभ में पहुंचे और संगम तट पर पवित्र डुबकी लगाई। इसके बाद उन्होंने प्रयागराज में प्रवासी पक्षियों को दाना खिलाया। इस दौरान सीएम योगी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैठक के अहम फैसलों का ऐलान किया।

वाराणसी में विकास क्षेत्र का निर्माण

सीएम योगी ने बताया कि प्रयागराज और चित्रकूट को मिलाकर एक विकास क्षेत्र विकसित किया जाएगा। साथ ही, वाराणसी में भी नीति आयोग के सहयोग से एक विकास क्षेत्र बनाए जाने की योजना है। इसके अलावा, प्रयागराज के इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के लिए गंगा एक्सप्रेसवे के विस्तार का निर्णय लिया गया है। गंगा एक्सप्रेसवे प्रयागराज से मिर्जापुर, भदोही, काशी, चंदौली होते हुए गाजीपुर और फिर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। यह एक्सप्रेसवे वाराणसी और चंदौली से सोनभद्र तक जोड़ेगा।

नगर निगमों के लिए बॉन्ड और मेडिकल कॉलेजों का ऐलान

सीएम योगी ने आगे कहा कि प्रयागराज, वाराणसी और आगरा के नगर निगमों के लिए बॉंड जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही, तीन नए मेडिकल कॉलेज हाथरस, कासगंज और बागपत में स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, प्रयागराज सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के लिए भी बॉंड जारी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि केजीएमयू सेंटर को मेडिकल कॉलेज के रूप में स्थापित किया जाएगा।

नई योजनाओं और नीतियों का ऐलान

सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में 62 आईटीआई, 5 नवप्रवर्तन, अविष्कार और प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इस बैठक में प्रदेश के विकास से जुड़ी नीतियों पर गहरी चर्चा हुई। साथ ही, उत्तर प्रदेश की एयरोस्पेस एवं रक्षा नीति को लेकर भी अहम निर्णय लिए गए हैं, जिनमें नवीनीकरण और अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए नए प्रोत्साहन शामिल हैं।

अखिलेश यादव का हमला

वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार की कैबिनेट बैठक पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि महाकुंभ और प्रयागराज ऐसा स्थान नहीं है जहां राजनीतिक कार्यक्रम और फैसले लिए जाएं। उनका आरोप था कि कैबिनेट बैठक का आयोजन राजनीतिक था और यह कुंभ के पवित्र स्थान पर नहीं होना चाहिए था। अखिलेश ने यह भी कहा कि कई लोग गंगा स्नान कर आए होंगे, लेकिन तस्वीरें नहीं डाली होंगी, जो कि एक राजनीतिक दिखावा है।

..... SUBKUZ LIVE ..... LIVE NEWS ..... लाइव न्यूज़ ..... BREAKING NEWS ..... ब्रेकिंग न्यूज़ ..... LIVE NEWS ..... लाइव न्यूज़ ..... BREAKING NEWS ..... ब्रेकिंग न्यूज़ .....
16 घंटा पहले

Mahakumbh 2025: संगम तट पर योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक, मंत्री करेंगे सामूहिक स्नान, देखें पूरी जानकारी

Mahakumbh 2025: संगम तट पर योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक, मंत्री करेंगे सामूहिक स्नान, देखें पूरी जानकारी

Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 के शुभ अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार का मंत्रिमंडल समूह बुधवार को संगम तट पर एकत्र होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में प्रदेश के सभी 54 मंत्री शामिल होंगे। कैबिनेट बैठक के साथ ही सभी मंत्री संगम में सामूहिक स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित करेंगे।

दूसरी बार संगम पर कैबिनेट बैठक का आयोजन

यह दूसरा अवसर है जब योगी सरकार संगम तट पर कैबिनेट बैठक आयोजित कर रही है। 2019 के कुंभ मेले में भी सरकार ने ऐसी ही बैठक का आयोजन किया था। इस बार पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के स्नान के बाद कुंभ नगरी में यह आयोजन और भी खास बन गया हैं।

अरैल त्रिवेणी संकुल में होगा बैठक का आयोजन

कैबिनेट बैठक बुधवार को अरैल स्थित त्रिवेणी संकुल में आयोजित होगी। बैठक दोपहर 12 बजे शुरू होगी। प्रशासन ने इस स्थान को श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए चुना है। पहले यह बैठक मेला प्राधिकरण के सभागार में होनी थी, लेकिन व्यवस्थागत कारणों से इसे स्थानांतरित कर दिया गया।

बैठक के बाद संगम में स्नान और पूजा

बैठक समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके सभी मंत्री अरैल वीआईपी घाट से मोटरबोट के जरिए संगम जाएंगे। संगम में गंगा स्नान और विधिवत पूजन के बाद यह ऐतिहासिक दिन पूर्ण होगा। इस आयोजन में प्रयागराज और आसपास के जिलों के सांसद, विधायक और प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री का आगमन और समय-सारणी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार सुबह करीब 11 बजे हेलीकॉप्टर से डीपीएस मैदान स्थित हेलीपैड पर पहुंचेंगे। वहां से कार द्वारा त्रिवेणी संकुल जाएंगे। स्नान और पूजन के बाद सभी मंत्रियों के साथ दोपहर में प्रसाद ग्रहण करेंगे।

सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था चाक-चौबंद

इस भव्य आयोजन के लिए प्रयागराज और आसपास के चार जिलों के डीएम समेत 55 मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई है। बैठक, स्नान और भोजन के लिए अलग-अलग अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही मंत्रियों के विभागीय अधिकारियों को भी आयोजन की जिम्मेदारी दी गई है। विधानसभा के अधिकारी मंगलवार रात से ही तैयारियों में जुटे हैं।

मंत्रियों और श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान

इस आयोजन को सुगम बनाने के लिए प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं। संगम स्नान के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए यातायात और सुरक्षा व्यवस्था के विशेष प्रबंध किए गए हैं।

आस्था और विकास का संगम

महाकुंभ न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सरकार और प्रशासन के लिए अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने का अवसर भी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह पहल प्रदेश की परंपरा और आधुनिकता का एक अद्भुत संगम प्रस्तुत कर रही हैं।

महाकुंभ 2025 में संगम तट पर होने वाली इस ऐतिहासिक बैठक से न केवल श्रद्धालुओं का उत्साह बढ़ेगा, बल्कि यह आयोजन योगी सरकार की प्रशासनिक सक्रियता और प्रदेश के सांस्कृतिक महत्व को भी उजागर करेगा।

..... SUBKUZ LIVE ..... LIVE NEWS ..... लाइव न्यूज़ ..... BREAKING NEWS ..... ब्रेकिंग न्यूज़ ..... LIVE NEWS ..... लाइव न्यूज़ ..... BREAKING NEWS ..... ब्रेकिंग न्यूज़ .....
17 घंटा पहले

अमेरिका-भारत की द्विपक्षीय बैठक, एनर्जी से लेकर सुरक्षा तक! जयशंकर और रुबियो की व्यापक चर्चा

अमेरिका-भारत की द्विपक्षीय बैठक, एनर्जी से लेकर सुरक्षा तक! जयशंकर और रुबियो की व्यापक चर्चा

विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी विदेश सचिव रुबियो और NSA माइकल वाल्टज से मुलाकात की। ट्रंप के शपथ समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए क्वाड बैठक में सहयोग पर चर्चा की।

America: डोनाल्ड ट्रंप के नए कार्यकाल के दौरान विदेश मंत्री स्तर की पहली क्वाड (QUAD) मीटिंग आयोजित की गई। इस महत्वपूर्ण बैठक में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रुबियो के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी हुई।

भारत का प्रतिनिधित्व

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वाशिंगटन डीसी में आयोजित इस मीटिंग में भारत का प्रतिनिधित्व किया। जयशंकर के साथ अमेरिका में भारत के राजदूत विनय क्वात्रा भी मौजूद थे। यह बैठक डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण समारोह के दौरान आयोजित की गई।

किन मुद्दों पर हुई चर्चा?

अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय मुद्दों और अमेरिका-भारत संबंधों को गहरा करने के अवसरों पर चर्चा की। खासकर निम्नलिखित विषयों पर विशेष ध्यान दिया गया:

महत्वपूर्ण और उभरती टेक्नोलॉजी: तकनीकी सहयोग को मजबूत करना।

डिफेंस कॉर्पोरेशन: रक्षा साझेदारी को गहरा करना।

एनर्जी: ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना।

भारत-प्रशांत क्षेत्र: एक स्वतंत्र और खुले भारत-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करना।

विदेश मंत्री रुबियो ने आर्थिक संबंधों को प्रगाढ़ करने और इमिग्रेशन से जुड़ी चिंताओं को हल करने में ट्रंप प्रशासन की रुचि पर भी जोर दिया।

जयशंकर का बयान

विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने एक्स हैंडल पर रुबियो के साथ हुई बैठक की तस्वीरें साझा की। उन्होंने लिखा, "विदेश मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद पहली द्विपक्षीय बैठक के लिए सेक्रेटरी रुबियो से मिलकर खुशी हुई। हमने हमारी बड़ी द्विपक्षीय साझेदारी की समीक्षा की।"

अमेरिका के NSA से मुलाकात

जयशंकर ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) माइकल वाल्टज से भी मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उन्होंने लिखा, "एनएसए माइकल वाल्ट्ज से मिलकर द्विपक्षीय लाभ और वैश्विक स्थिरता पर चर्चा की। हम नतीजामूलक एजेंडे के साथ आगे काम करेंगे।"

क्वाड बैठक की चर्चा

क्वाड देशों की मीटिंग में ऑस्ट्रेलिया और जापान के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। मीटिंग में निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा की गई:

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता: स्वतंत्र, खुले और समृद्ध क्षेत्र को सुनिश्चित करना।

सहयोग को तेज करना: वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए बड़े स्तर पर सोचने की आवश्यकता।

जयशंकर ने कहा कि क्वाड एक ताकत बनकर वैश्विक भलाई के लिए काम करेगा।

पहली द्विपक्षीय बैठक भारत के साथ

गौरतलब है कि अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक भारत के साथ की। यह ऐतिहासिक कदम अमेरिका और भारत के संबंधों को प्राथमिकता देने का संकेत देता है। आमतौर पर अमेरिकी प्रशासन पहले कनाडा, मैक्सिको या नाटो देशों के साथ बैठक करता है, लेकिन इस बार भारत को चुना गया।

..... SUBKUZ LIVE ..... LIVE NEWS ..... लाइव न्यूज़ ..... BREAKING NEWS ..... ब्रेकिंग न्यूज़ ..... LIVE NEWS ..... लाइव न्यूज़ ..... BREAKING NEWS ..... ब्रेकिंग न्यूज़ .....
1 दिन पहले

ब्रिटेन ने भारत से लूटी 5611 लाख करोड़ की संपत्ति! 10% रईस अंग्रेजों को मिला लाभ, जानिए पूरा रहस्य

ब्रिटेन ने भारत से लूटी 5611 लाख करोड़ की संपत्ति! 10% रईस अंग्रेजों को मिला लाभ, जानिए पूरा रहस्य

ऑक्सफैम की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन की आज की अमीरी भारत से लूटी गई संपत्ति का परिणाम है। यह संपत्ति ब्रिटेन के 10% अमीरों में बांटी गई, जबकि भारत में अकाल और गरीबी थी।

Britain: अंग्रेजों ने औपनिवेशिक काल में भारत को जमकर लूटा। 1765 से 1900 तक ब्रिटेन ने भारत से 64.82 ट्रिलियन डॉलर यानी 5611 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति छीनी। यह खुलासा ऑक्सफैम इंटरनेशनल की एक नई रिपोर्ट में हुआ है, जिसे दावोस में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की सालाना बैठक में प्रस्तुत किया गया।

संपत्ति का बंटवारा और असमानता

ऑक्सफैम इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, इस लूट की गई संपत्ति का बड़ा हिस्सा केवल 10% रईस अंग्रेजों में बांटा गया। 33.8 ट्रिलियन डॉलर की राशि इस वर्ग के पास पहुंची, जबकि 32% धनराशि ब्रिटेन के मध्यम वर्ग को भी लाभान्वित कर गई। इस संपत्ति की विशालता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अगर इसे 50 ब्रिटिश पाउंड के नोटों में बदला जाए और लंदन शहर की जमीन पर बिछाया जाए, तो लंदन को चार बार ढका जा सकता है।

औद्योगिक उत्पादन पर विपरीत प्रभाव

अंग्रेजों की इस लूट का भारत के औद्योगिक उत्पादन पर गहरा असर पड़ा। रिपोर्ट में बताया गया कि 1750 में वैश्विक औद्योगिक उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 25% थी, जो 1900 तक गिरकर केवल 2% रह गई। यह गिरावट कठोर ब्रिटिश नीतियों की वजह से हुई, जिनके तहत भारतीय कपड़ों और उत्पादन पर प्रतिबंध लगाया गया।

क्रूर शासन और मौतों का आंकड़ा

अंग्रेजों के औपनिवेशिक शासन के दौरान भारत को अकाल, बीमारी और गरीबी का सामना करना पड़ा। 1891 से 1920 के बीच औपनिवेशिक नीतियों की वजह से 5.9 करोड़ मौतें हुईं। 1943 में बंगाल में आए भीषण अकाल में 30 लाख लोगों की जानें गईं। यह घटना ब्रिटिश शासन की क्रूरता की सबसे भयानक तस्वीर पेश करती है।

वैश्विक असमानता का खुलासा

रिपोर्ट में वैश्विक असमानता के कई पहलुओं पर प्रकाश डाला गया। ग्लोबल साउथ के मजदूरों को ग्लोबल नॉर्थ की तुलना में समान काम के लिए 87-95% तक कम मजदूरी दी जाती है।

बहुराष्ट्रीय कंपनियों को उपनिवेशवाद की देन बताते हुए कहा गया कि यह कंपनियां ग्लोबल सप्लाई चेन पर नियंत्रण रखती हैं और विकासशील देशों में सस्ती मजदूरी पर शोषण करती हैं।

बहुराष्ट्रीय कंपनियों का प्रभाव

ऑक्सफैम ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारत और अन्य विकासशील देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों का आर्थिक शोषण अभी भी जारी है। ये कंपनियां अपना अधिकतर लाभ ग्लोबल नॉर्थ देशों में स्थानांतरित करती हैं, जिससे असमानता और भी बढ़ती है।

..... SUBKUZ LIVE ..... LIVE NEWS ..... लाइव न्यूज़ ..... BREAKING NEWS ..... ब्रेकिंग न्यूज़ ..... LIVE NEWS ..... लाइव न्यूज़ ..... BREAKING NEWS ..... ब्रेकिंग न्यूज़ .....
1 दिन पहले

मैक्सिको और पनामा पर सख्ती! ट्रंप का बड़ा कदम, नई पारी में 10 अहम फैसले लागू

मैक्सिको और पनामा पर सख्ती! ट्रंप का बड़ा कदम, नई पारी में 10 अहम फैसले लागू

डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ ली और ऊर्जा, आप्रवासन, व यूएस-मैक्सिको सीमा पर राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा समेत कई अहम कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर की योजना बनाई।

US News: डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण कर ली है। शपथ लेने के बाद उन्होंने अपनी नीति और प्राथमिकताओं को स्पष्ट करते हुए कई कार्यकारी आदेशों और निर्देशों पर हस्ताक्षर करने की योजना का ऐलान किया। ट्रंप प्रशासन ने आप्रवासन से लेकर ऊर्जा तक, अनेक मुद्दों पर कठोर कदम उठाने की योजना बनाई है। आइए जानते हैं उनके बड़े फैसलों के बारे में:

1. इमिग्रेशन पर सख्ती

डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध आप्रवास पर कड़ी कार्रवाई करने का ऐलान किया है। उन्होंने यूएस-मैक्सिको सीमा पर राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने और “मेक्सिको में रुकने” नीति को फिर से लागू करने का वादा किया।

ट्रंप ने कहा, “सभी अवैध प्रवेश तुरंत रोके जाएंगे। हम लाखों अपराधियों को उनके देश वापस भेजना शुरू करेंगे।” उन्होंने दक्षिणी सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए सैनिकों को तैनात करने की योजना भी साझा की।

2. राष्ट्रीय ऊर्जा आपातकाल की घोषणा

ट्रंप ने “राष्ट्रीय ऊर्जा आपातकाल” घोषित करने का निर्णय लिया, ताकि अमेरिका को तेल और गैस उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जा सके। उन्होंने कहा, “महंगाई संकट अधिक खर्च और बढ़ती ऊर्जा कीमतों का परिणाम है। इसलिए मैं एक राष्ट्रीय ऊर्जा आपातकाल की घोषणा कर रहा हूं।”

उनका लक्ष्य घरेलू तेल उत्पादन को बढ़ावा देना और उपभोक्ताओं के लिए गैस की कीमतों को कम करना है।

3. इलेक्ट्रिक वाहनों की अनिवार्यता खत्म

ट्रंप ने इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की अनिवार्यता को समाप्त करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अमेरिकियों को अपनी पसंद की गाड़ी खरीदने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। “हम ग्रीन न्यू डील को समाप्त करेंगे और EV अनिवार्यता को खत्म करेंगे। इससे ऑटो उद्योग को पुनर्जीवित किया जाएगा,” ट्रंप ने कहा।

4. COVID वैक्सीन के कारण निकाले गए सैनिकों की बहाली

ट्रंप ने उन सैनिकों को फिर से बहाल करने का वादा किया, जिन्हें COVID-19 वैक्सीन के अनिवार्य नियमों के कारण सेना से निकाला गया था।

“हम हर उस सैनिक को वापस लाएंगे, जिसे अन्यायपूर्ण तरीके से सेवा से हटाया गया था,” उन्होंने कहा।

5. व्यापार प्रणाली और शुल्क में सुधार

ट्रंप ने अमेरिका’s ट्रेड सिस्टम को पुनर्जीवित करने और “बाहरी राजस्व सेवा” की स्थापना की घोषणा की।

उन्होंने विदेशी उत्पादों पर शुल्क लगाने की बात करते हुए कहा, “हम वैश्विक आयातों पर 10% शुल्क, चीनी सामानों पर 60%, और कनाडा-मेक्सिको के उत्पादों पर 25% शुल्क लगाएंगे।”

6. सरकारी सेंसरशिप का अंत

ट्रंप ने अमेरिका में स्वतंत्र भाषण को पुनर्जीवित करने का वादा किया। उन्होंने कहा, “हम सभी सरकारी सेंसरशिप को समाप्त करेंगे और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बहाल करेंगे।”

7. केवल दो लिंगों की मान्यता

शपथ ग्रहण के तुरंत बाद ट्रंप ने कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए, जिसमें कहा गया कि अमेरिकी संघीय सरकार केवल दो लिंगों – पुरुष और महिला को मान्यता देगी।

“आज से यह अमेरिकी सरकार की आधिकारिक नीति होगी कि केवल दो लिंग होंगे,” ट्रंप ने ऐलान किया।

8. पनामा नहर पर नियंत्रण की योजना

ट्रंप ने घोषणा की कि अमेरिका पनामा नहर को पुनः अपने नियंत्रण में लेने की योजना बना रहा है। उन्होंने इस विषय पर ज्यादा जानकारी नहीं दी, लेकिन इसे “रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण” बताया।

9. जन्मसिद्ध नागरिकता को समाप्त करना

ट्रंप ने अपने कार्यकारी आदेशों में जन्मसिद्ध नागरिकता को समाप्त करने की योजना भी शामिल की है। हालांकि, इस पर उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में विशेष रूप से चर्चा नहीं की।

ट्रंप की नई नीतियों पर प्रतिक्रियाएं

ट्रंप के ये फैसले कई विवाद खड़े कर सकते हैं। जहां उनके समर्थक इन नीतियों को साहसी और देशहित में मानते हैं, वहीं आलोचकों का कहना है कि ये नीतियां विभाजनकारी हैं और इनसे वैश्विक सहयोग को नुकसान हो सकता है।

डोनाल्ड ट्रंप का यह दूसरा कार्यकाल है और उन्होंने अपनी नीतियों से स्पष्ट कर दिया है कि यह कार्यकाल पहले से भी अधिक आक्रामक होगा। अब देखना होगा कि ये फैसले अमेरिका और दुनिया पर क्या प्रभाव डालते हैं।

..... SUBKUZ LIVE ..... LIVE NEWS ..... लाइव न्यूज़ ..... BREAKING NEWS ..... ब्रेकिंग न्यूज़ ..... LIVE NEWS ..... लाइव न्यूज़ ..... BREAKING NEWS ..... ब्रेकिंग न्यूज़ .....