57 मिनट पहलेभारत-चिली संबंधों में नया मोड़, पीएम मोदी और राष्ट्रपति बोरिक की ऐतिहासिक मुलाकात
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चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक ने भारत दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हैदराबाद हाउस में मुलाकात की। यह चिली के किसी राष्ट्रपति का 16 वर्षों बाद भारत दौरा है, जो दोनों देशों के रिश्तों में नई शुरुआत का प्रतीक हैं।
Chile President Gabriel Boric India Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के हैदराबाद हाउस में चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट से मुलाकात की। राष्ट्रपति बोरिक भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर आए हैं, जिसमें उनके साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी है। इस प्रतिनिधिमंडल में मंत्री, संसद सदस्य, व्यापार संघ और भारत-चिली सांस्कृतिक संबंधों से जुड़े प्रमुख लोग शामिल हैं। यह राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक की भारत की पहली यात्रा है, और इसके दौरान दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की गई।
भारत-चिली व्यापारिक संबंधों का इंद्रधनुष
चिली और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार में हाल के वर्षों में बड़ी बढ़ोतरी हुई है। 2020 के मुकाबले 2024 में यह कारोबार 1545 करोड़ रुपये से बढ़कर 3843 करोड़ रुपये हो गया है। पीएम मोदी और राष्ट्रपति बोरिक के बीच इस बढ़ते व्यापारिक संबंधों को और भी सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण चर्चा हुई।चिली, जो दुनिया का सबसे बड़ा लिथियम भंडार रखता है, ने हाल ही में भारत के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को गहरा करने की ओर कदम बढ़ाए हैं।
लिथियम उत्पादन के 80% हिस्से का निर्यात चीन को करने के बावजूद, भारत और चिली के बीच बढ़ते रिश्तों से यह संभावनाएं जताई जा रही हैं कि दोनों देशों के बीच भविष्य में लिथियम समेत कई अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ सकता है।
दक्षिण अमेरिकी देशों के साथ मजबूत साझेदारी की ओर भारत का कदम
चिली के राष्ट्रपति की यात्रा को भारत की दक्षिण अमेरिकी देशों के साथ संबंधों को नया आयाम देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। हाल ही में पेरू के विदेश मंत्री शिलर साल्सेडो ने भी भारत का दौरा किया था, और दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा शुरू करने की सहमति बनी थी। ऐसे में चिली के साथ भी इस तरह के समझौते होने की संभावना है, जो भारत और दक्षिण अमेरिका के बीच रिश्तों को और मजबूत बनाएगा।
1 घंटा पहलेवक्फ संशोधन विधेयक: संसद में घमासान, विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी प्रतिक्रिया
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वक्फ संशोधन बिल कल संसद में पेश हो सकता है। इस बिल को लेकर संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजीजू ने बीजेपी के लोकसभा सचेतकों के साथ आज बैठक की है। वक्फ संशोधन विधेयक पर अब तक राजनीति गरमाई हुई हैं।
नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक, जो संसद में कल (2 अप्रैल) पेश होने की संभावना है, को लेकर सियासी घमासान मच चुका है। इस विधेयक पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक देखी जा रही है। जहां एक ओर भाजपा और उसके सहयोगी दल इस विधेयक को अल्पसंख्यकों के हक में बताते हुए इसे आवश्यक सुधार मान रहे हैं, वहीं विपक्ष इसे सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं, और इसे अल्पसंख्यकों के खिलाफ साजिश करार दे रहे हैं।
सत्ता पक्ष का दृष्टिकोण
केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने कहा कि विपक्ष के पास केवल विरोध करने के अलावा कुछ नहीं है, जबकि सरकार देश के नागरिकों के हित में फैसले ले रही है। उनका कहना था, "हम वह सब करेंगे जिससे देश और नागरिकों को लाभ हो।" भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने भी वक्फ संशोधन विधेयक को एक सशक्त कदम बताते हुए कहा, "यह बिल गरीब मुसलमानों के लिए एक सपना पूरा करने जैसा है, और इसके जरिए उनकी बदहाली की स्थिति को ठीक किया जाएगा।"
शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने भी विधेयक का समर्थन करते हुए इसे गरीब मुसलमानों के लिए फायदेमंद बताया। उनका कहना था कि बालासाहेब ठाकरे का मानना था कि वक्फ कानून को खत्म कर देना चाहिए, क्योंकि यह गरीब मुसलमानों के हित में नहीं था, बल्कि कुछ विशेष वर्ग के हाथों में सिमट गया था।
विपक्षी प्रतिक्रिया
विपक्षी दलों ने विधेयक को लेकर अपनी आपत्ति जताई है। समाजवादी पार्टी के नेता आनंद भदौरिया ने कहा कि यह विधेयक "भाजपा की साजिश" का हिस्सा है, जो देश की बेशकीमती वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस विधेयक के माध्यम से वक्फ की संपत्ति को उद्योगपति मित्रों को सौंपने की योजना बना रही हैं।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा, "भाजपा हर जगह हस्तक्षेप करना चाहती है और अपना नियंत्रण स्थापित करना चाहती हैं।"
धार्मिक नेताओं का रुख
वक्फ विधेयक पर धार्मिक नेताओं की भी राय मिली-जुली रही है। ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने इस विधेयक को लेकर लोगों से अपील की है कि वे गुमराह न हों। उन्होंने कहा, "यह बिल वक्फ की सम्पत्ति के हित में है और हमें इसे समर्थन देना चाहिए।" जगदम्बिका पाल ने भी विपक्ष के विरोध को राजनीतिक रणनीति बताया, और कहा कि वक्फ बोर्ड का विरोध केवल "सियासी फायदे" के लिए किया जा रहा है। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह सियासी मुद्दों को धर्म के नाम पर उठा रहे हैं।
तात्कालिक स्थिति
वर्तमान में वक्फ संशोधन विधेयक पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। सरकार इसे पारदर्शी और न्यायपूर्ण विधायिका मान रही है, जबकि विपक्ष इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों के खिलाफ एक बड़ा कदम बता रहा है। इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच तीखी राजनीति का माहौल बना हुआ है, और अब यह देखना होगा कि संसद में यह विधेयक किस दिशा में आगे बढ़ता हैं।
2 घंटा पहलेBanaskantha Fire: गुजरात में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट, 10 श्रमिकों की मौत
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गुजरात के बनासकांठा जिले के डीसा कस्बे में आज,1 अप्रैल को एक दुखद हादसा हुआ, जब एक पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट हुआ। इस हादसे में अब तक 10 श्रमिकों की मौत हो गई है, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं।
Banaskantha Firecracker Factory Fire: गुजरात के बनासकांठा जिले के डीसा कस्बे में आज (1 अप्रैल) एक पटाखा फैक्ट्री में आग लग गई, जिससे 10 लोगों की जान चली गई। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, डीसा ग्रामीण पुलिस थाने के निरीक्षक विजय चौधरी ने बताया कि फैक्ट्री में आग लगने के बाद सिलसिलेवार विस्फोट हुए, जिसके कारण फैक्ट्री के कुछ हिस्से ढह गए और कई श्रमिक अंदर फंस गए। घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य जारी है, और पुलिस तथा फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में जुटी हैं। इस घटना ने इलाके में शोक का माहौल बना दिया है।
मृतकों की संख्या में हो सकता हैं इजाफा
घटना की सूचना मिलते ही दमकल विभाग और स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया और राहत कार्य शुरू किया। बनासकांठा कलेक्टर मिहिर पटेल ने बताया, "विस्फोट इतना जबरदस्त था कि फैक्ट्री का स्लैब ढह गया और कई मजदूर फंस गए।" प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, यह हादसा उस समय हुआ जब फैक्ट्री में आतिशबाजी बनाने का काम चल रहा था और विस्फोटक पदार्थ में अचानक विस्फोट हो गया। आग फैलने के बाद घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई और राहत कार्य जारी है।
घायलों को इलाज के लिए विभिन्न अस्पतालों में भेजा गया है और घटनास्थल पर पुलिस की जांच जारी है। इस दुखद घटना में मरने वालों की संख्या बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
3 घंटा पहलेम्यांमार में भूकंप से भारी तबाही, ISRO की सेटेलाइट इमेज से हुआ खुलासा
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप से हुए व्यापक नुकसान की सेटेलाइट इमेज जारी की है, जो इस प्राकृतिक आपदा के भयानक परिणामों को स्पष्ट रूप से दर्शाती है। ISRO के Cartosat-3 सेटेलाइट द्वारा ली गई इन उच्च-रिजॉल्यूशन इमेजेज में म्यांमार के प्रमुख शहरों और ऐतिहासिक स्थलों की बर्बादी की तस्वीरें शामिल हैं।
ISRO: पृथ्वी से हम भूकंप के प्रभाव को पूरी तरह से समझने में सक्षम नहीं होते, लेकिन जब ये घटनाएं आकाश से कैद होती हैं, तो उनका असली आकार और हकीकत सामने आती है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने हाल ही में म्यांमार में आए विनाशकारी 7.7 तीव्रता के भूकंप की सेटेलाइट इमेज जारी की हैं। ये इमेजें न केवल भूकंप से हुए व्यापक नुकसान को दर्शाती हैं, बल्कि यह भी दिखाती हैं कि कैसे यह प्राकृतिक आपदा शहरों, ऐतिहासिक स्थलों और जनजीवन को पूरी तरह से तबाह कर देती है।
सेटेलाइट इमेजेस से प्राप्त जानकारी से भूकंप के प्रभाव का विश्लेषण करना आसान हो जाता है, और यह राहत और पुनर्निर्माण कार्यों में भी सहायक साबित होता है।
इसरो की सेटेलाइट से ली गई इमेजेज
इन सेटेलाइट इमेजों ने भूकंप से हुई तबाही के वास्तविक आकार को उजागर किया है, जो केवल आंकड़ों से कहीं अधिक भयावह प्रतीत हो रही है। ISRO ने म्यांमार के मांडले और सगाइंग जैसे शहरों में हुए भारी नुकसान को बताया है, जहां प्रमुख ऐतिहासिक स्थल जैसे कि अनंदा पगोडा और महामुनी पगोडा भी भूकंप के असर से नहीं बच पाए। विशेष रूप से, अनंदा पगोडा, जो एक UNESCO विश्व धरोहर स्थल है, उसकी संरचना में गंभीर नुकसान हुआ है।
इसके अलावा, उपग्रह चित्रों में म्यांमार के विभिन्न हिस्सों में मिट्टी के अस्थिर होने के संकेत भी मिले हैं, जिन्हें लिक्विफेक्शन (liquefaction) कहा जाता है। यह प्रक्रिया भूकंप के दौरान मिट्टी का पानी के साथ मिलकर कीचड़ में बदल जाना है, जिससे इमारतों को और अधिक नुकसान हुआ।
कितना हुआ नुकसान?
ISRO के वैज्ञानिकों के अनुसार, म्यांमार का क्षेत्र भारतीय और यूरेशियाई टेक्टोनिक प्लेटों की सीमा पर स्थित है, जिससे यहां बार-बार भूकंप आते रहते हैं। इन भूकंपों का कारण भारतीय प्लेट का हर साल उत्तर दिशा में 5 सेंटीमीटर तक बढ़ना है, जो भूकंपीय तनाव को उत्पन्न करता है। जब यह तनाव अचानक रिलीज होता है, तो बड़े भूकंप आते हैं, जैसा कि इस बार देखा गया।
म्यांमार में इस भूकंप के कारण 2,056 लोगों की जान चली गई है, और लगभग 3,900 लोग घायल हुए हैं। राहत कार्यों में कई समस्याएं सामने आई हैं, खासकर देश में चल रहे गृहयुद्ध के कारण, जो मदद पहुंचाने में रुकावट डाल रहा है। ISRO की यह सेटेलाइट इमेजेज न केवल भूकंप से हुए नुकसान की गंभीरता को उजागर करती हैं, बल्कि यह आपदा प्रबंधन में उपग्रह तकनीक के महत्व को भी दर्शाती हैं। यह तकनीक भविष्य में आपदाओं के त्वरित विश्लेषण और प्रभावी राहत कार्यों के लिए एक महत्वपूर्ण साधन साबित हो सकती है।
3 घंटा पहलेपादरी बजिंदर सिंह को रेप मामले में उम्रकैद की सजा, मोहाली कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
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मोहाली कोर्ट ने स्वयंभू पादरी बजिंदर सिंह को रेप के मामले में दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह निर्णय 28 मार्च को सुनवाई के बाद लिया गया, जिसमें कोर्ट ने बजिंदर सिंह को रेप के आरोप में दोषी पाया।
Pastor Bajinder Singh Convicted: एक स्वयंभू पादरी, बजिंदर सिंह, को 2018 में दुराचार के मामले में दोषी करार देते हुए मोहाली जिला अदालत ने आज (1 अप्रैल 2025) उसे उम्रकैद की सजा सुनाई। इस फैसले के बाद, पादरी बजिंदर सिंह को पटियाला जेल भेज दिया गया। यह मामला एक नाबालिक लड़की की शिकायत पर जीरकपुर पुलिस थाने में दर्ज किया गया था, जिसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की गई थी।
सजा का ऐलान और अपराध का विवरण
पिछली सुनवाई 28 मार्च को हुई थी, जब अदालत ने सबूतों और गवाहों के आधार पर बजिंदर सिंह को दोषी पाया था। अदालत के फैसले से पीड़िता और उसके परिवार को कुछ राहत मिली है, जिन्होंने लगातार न्याय की उम्मीद लगाई हुई थी। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि पादरी बजिंदर सिंह ने न केवल उसका यौन शोषण किया, बल्कि धर्म के नाम पर लोगों को ठगने और उनका शोषण करने का भी आरोप लगाया।
धर्म परिवर्तन और हवाला के आरोप
पीड़िता ने दावा किया था कि बजिंदर सिंह धर्म परिवर्तन करने के लिए लोगों को प्रेरित करता था और इसके लिए बाहरी स्रोतों से हवाला का पैसा प्राप्त करता था। उसने यह भी कहा कि बजिंदर सिंह के खिलाफ कई और महिलाएं भी शोषण का शिकार हुईं हैं। पीड़िता ने इसे 'दरिंदा' करार दिया और न्याय की मांग की थी।
न्याय की उम्मीद और पीड़िता का संघर्ष
इस मामले की गहराई में जाने पर, पीड़िता ने बताया कि वह पिछले 7 सालों से न्याय के लिए कोर्ट और पुलिस के चक्कर काट रही थी। उसने कभी हार नहीं मानी और अपनी आवाज को उठाने के लिए लगातार संघर्ष किया। पीड़िता की आवाज में यह उम्मीद भी थी कि इस फैसले से और भी लोग न्याय की उम्मीद पा सकेंगे और ऐसे अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला समाज में एक बड़ा पैगाम देने वाला है, खासकर उन सभी लोगों के लिए जो धर्म का पालन करते हुए किसी भी प्रकार के शोषण से बचने की कोशिश कर रहे हैं। अदालत ने इस फैसले से यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी धर्म, जाति या स्थिति का फायदा उठाकर किसी को नुकसान पहुंचाना स्वीकार नहीं किया जाएगा।
3 घंटा पहलेईरान ने ट्रंप की धमकी का दिया जवाब, परमाणु हथियार बनाने की दी चेतावनी
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान को परमाणु समझौता न करने पर बमबारी की धमकी देने के बाद, ईरान ने पलटवार करते हुए चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका या इजरायल ने हमला किया तो ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
तेहरान: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान को परमाणु समझौता न करने पर बमबारी की धमकी देने के बाद, ईरान ने पलटवार करते हुए चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका या इजरायल ने हमला किया तो ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। यह बयान ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई के प्रमुख सलाहकार अली लारीजानी ने दिया हैं।
लारीजानी ने रविवार (31 मार्च) को सरकारी टीवी से कहा, "हम परमाणु हथियारों की ओर नहीं बढ़ रहे, लेकिन यदि किसी ने हम पर हमला किया, तो हमें अपनी सुरक्षा के लिए इस रास्ते पर जाने के लिए मजबूर किया जाएगा।" उन्होंने कहा कि ईरान किसी भी सैन्य कार्रवाई का कड़ा विरोध करेगा, और यदि अमेरिका या इजरायल ने हमला किया, तो ईरान परमाणु हथियार बनाने के लिए कदम उठा सकता है, क्योंकि उनके पास और कोई विकल्प नहीं होगा।
ट्रंप की धमकी और ईरान का इनकार
29 मार्च को ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि यदि ईरान परमाणु समझौता करने से इनकार करता है, तो वह ईरान पर ऐसी बमबारी करेगा, जैसी उसने कभी नहीं देखी होगी। इसके साथ ही उन्होंने ईरान को सेकेंड्री टैरिफ के तहत सजा देने की भी धमकी दी। ट्रंप के इस बयान के बाद, ईरान ने सीधी बातचीत से इनकार करते हुए कहा कि वह ट्रंप से वार्ता करने के बजाय पर्दे के पीछे बातचीत के लिए तैयार हैं।
इजरायल पर भी हमला करने की चेतावनी
लारीजानी ने केवल अमेरिका को ही नहीं, बल्कि इजरायल को भी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका और इजरायल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर हमला किया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बमबारी से नष्ट नहीं किया जा सकता, और इस स्थिति में ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने की मजबूरी आ सकती हैं।
अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ता तनाव
अमेरिका और ईरान के बीच तनाव पिछले कुछ समय से बढ़ता जा रहा है, खासकर जब से ट्रंप ने ईरान के साथ 2015 में हुए परमाणु समझौते से बाहर निकलने का फैसला लिया था। ईरान ने ट्रंप से सीधे बातचीत करने से मना कर दिया है, लेकिन इसके बावजूद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक बातचीत की संभावना बनी हुई हैं।
ईरान ने इस हालात में अमेरिका और इजरायल को चेतावनी दी है कि यदि उन्होंने अपनी धमकियों को कार्रवाई में बदला, तो वे परमाणु हथियार बनाने के लिए मजबूर होंगे। इस खतरनाक स्थिति के बाद, दुनिया भर में इस संकट को लेकर चिंताएं और अधिक गहरी हो गई हैं।
3 घंटा पहलेIBPS Clerk Main Result 2025: आईबीपीएस क्लर्क मुख्य परीक्षा परिणाम जारी, यहां करें चेक
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आईबीपीएस क्लर्क मुख्य परीक्षा परिणाम जांचने के लिए अभ्यर्थियों को पंजीकरण संख्या/रोल नंबर और पासवर्ड/जन्मतिथि दर्ज करनी होगी। नतीजे स्क्रीन पर दिखेंगे, जिन्हें कैंडिडेट्स जांचकर प्रिंटआउट ले सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए IBPS की आधिकारिक वेबसाइट विजिट करें।
एजुकेशन डेस्क: इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन (IBPS) ने 1 अप्रैल 2025 को IBPS Clerk Main Exam Result 2025 जारी कर दिया है। जो अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल हुए थे, वे अब अपना परिणाम आधिकारिक वेबसाइट www.ibps.in पर चेक कर सकते हैं। रिजल्ट के साथ स्कोरकार्ड भी उपलब्ध करा दिया गया है, जिसे कैंडिडेट्स 30 अप्रैल 2025 तक डाउनलोड कर सकते हैं। इसके बाद लिंक पोर्टल से हटा दिया जाएगा।
कैसे करें IBPS Clerk Main Result 2025 चेक?
1. आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं – सबसे पहले www.ibps.in पर विजिट करें।
2. रिजल्ट लिंक पर क्लिक करें – होमपेज पर दिख रहे "Result Status of Online Mains Examination for CRP-CSA-XIV" लिंक को क्लिक करें।
3. अपनी डिटेल्स भरें – यहां आपको अपना पंजीकरण संख्या/रोल नंबर और पासवर्ड/जन्म तिथि दर्ज करनी होगी।
4. कैप्चा कोड दर्ज करें – सही जानकारी भरने के बाद कैप्चा कोड डालें और सबमिट करें।
5. रिजल्ट स्क्रीन पर देखें – आपका परिणाम आपकी स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाएगा।
6. डाउनलोड और प्रिंट लें – भविष्य के लिए अपने रिजल्ट की कॉपी डाउनलोड करें या प्रिंट आउट निकाल लें।
IBPS Clerk Mains Exam 2025: कब हुई थी परीक्षा?
IBPS Clerk Mains Exam 2025 का आयोजन 13 अक्टूबर 2024 को हुआ था। इस परीक्षा में निम्नलिखित सेक्शन से सवाल पूछे गए थे:
• सामान्य अंग्रेजी (English Language)
• रीजनिंग एबिलिटी और कंप्यूटर नॉलेज
• मात्रात्मक योग्यता (गणित)SBI Clerk Mains Admit Card 2025: कल जारी होंगे एडमिट कार्ड
अगर आप SBI Clerk Mains Exam 2025 में शामिल होने जा रहे हैं, तो आपके लिए जरूरी अपडेट है।
• SBI Clerk Mains Admit Card 2025 2 अप्रैल 2025 को जारी किया जाएगा।
• एडमिट कार्ड आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध होगा, जहां से कैंडिडेट्स जरूरी डिटेल्स एंटर करके इसे डाउनलोड कर सकते हैं।
• परीक्षा में बैठने के लिए कैंडिडेट्स को एडमिट कार्ड के साथ एक वैलिड फोटो आईडी ले जानी होगी।
IBPS Clerk Result 2025: जल्द करें स्कोरकार्ड डाउनलोड
• IBPS क्लर्क मुख्य परीक्षा 2025 का रिजल्ट 1 अप्रैल 2025 को जारी हो चुका है।
• कैंडिडेट्स को सलाह दी जाती है कि वे जल्द से जल्द अपना स्कोरकार्ड डाउनलोड कर लें, क्योंकि लिंक 30 अप्रैल 2025 के बाद निष्क्रिय कर दिया जाएगा।
• परीक्षा से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए कैंडिडेट्स को IBPS की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करने की सलाह दी जाती है।अब कैंडिडेट्स को IBPS Clerk Mains Result 2025 के बाद SBI Clerk Mains Exam 2025 पर ध्यान देना होगा, जिसकी परीक्षा जल्द होने वाली है।
4 घंटा पहलेप्रधानमंत्री बनने के सवाल पर योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान, कहा-"मैं तो योगी हूं, राजनीति... "
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री बनने की अटकलों पर बड़ा बयान दिया है। हाल ही में एक साक्षात्कार में जब उनसे प्रधानमंत्री बनने की संभावना पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, "मैं तो योगी हूं। राजनीति मेरे लिए फुल टाइम जॉब नहीं हैं।"
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर सियासी हलकों में अक्सर यह दावा किया जाता है कि वे भविष्य में कभी देश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं। हाल ही में इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी ने बड़ा बयान दिया। समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वे मूल रूप से एक योगी हैं और राजनीति उनके लिए फुल टाइम जॉब नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और पार्टी ने उन्हें राज्य के लोगों की सेवा के लिए यहां नियुक्त किया हैं।
"राजनीति मेरे लिए साधना का माध्यम"
समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "देखिए, मैं राज्य का मुख्यमंत्री हूं। पार्टी ने मुझे उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए यहां रखा है। राजनीति मेरे लिए पूर्णकालिक काम नहीं है। फिलहाल हम यहां काम कर रहे हैं लेकिन असल में मैं एक योगी हूं। जब तक हम यहां हैं, हम काम कर रहे हैं। इसकी भी एक समय सीमा होगी।" इस बयान से स्पष्ट है कि योगी आदित्यनाथ राजनीति को एक जिम्मेदारी और साधना के रूप में देखते हैं, न कि सत्ता की लालसा के रूप में।
सड़कों पर नमाज पर कड़ा रुख
मुख्यमंत्री ने सड़कों पर नमाज अदा करने के मुद्दे पर भी अपनी सख्त राय रखी। उन्होंने कहा कि सड़कों का उपयोग चलने के लिए है, न कि धार्मिक अनुष्ठानों के लिए। योगी ने प्रयागराज महाकुंभ का उदाहरण देते हुए कहा, "66 करोड़ श्रद्धालु आए, लेकिन कहीं कोई अव्यवस्था नहीं हुई। न लूटपाट, न तोड़फोड़। त्योहार या धार्मिक आयोजन अनुशासन का प्रतीक होना चाहिए, न कि अव्यवस्था का।"
"बुलडोजर मॉडल" पर दिया बेबाक जवाब
उत्तर प्रदेश में अवैध कब्जों पर बुलडोजर चलाने की कार्यवाही को लेकर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यह उनकी कोई व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया, "उत्तर प्रदेश की ज़रूरत के मुताबिक जो भी कदम उठाना जरूरी था, वह उठाया गया। अगर कहीं अवैध अतिक्रमण है तो उसे हटाने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल स्वाभाविक है। हमने इसे व्यवस्थित और उचित तरीके से उपयोग करना सिखाया हैं।"
मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अनुशासन को सबसे महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि चाहे धार्मिक आयोजन हो या सामाजिक, सभी को अनुशासन में रहकर ही संपन्न करना चाहिए।
"मैं एक योगी हूं"
प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर योगी आदित्यनाथ का जवाब न सिर्फ उनके स्पष्ट विचारों को दर्शाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वह सत्ता की बजाय कर्तव्य को प्राथमिकता देते हैं। योगी का यह बयान उन अटकलों पर विराम लगाता है, जो उन्हें भविष्य के प्रधानमंत्री के रूप में देखते हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जब तक पार्टी और जनता का आशीर्वाद है, वह प्रदेश के विकास के लिए कार्य करते रहेंगे। राजनीति को व्यक्तिगत आकांक्षाओं से परे रखकर, उन्होंने इसे राष्ट्रसेवा का एक माध्यम बताया।
योगी आदित्यनाथ का यह बयान एक बार फिर यह साबित करता है कि वह राजनीति में सत्ता की बजाय कर्तव्य को प्राथमिकता देते हैं। उनकी स्पष्टवादिता और कार्यशैली ने उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बनाया हैं।
4 घंटा पहलेवोडाफोन आइडिया के शेयरों में आई तूफानी तेजी, लगाई 10% की छलांग
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भारतीय शेयर बाजार ने नए वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत बड़ी गिरावट के साथ की, वहीं दूसरी ओर वोडाफोन आइडिया ने सीधे अपर सर्किट के साथ नए वित्त वर्ष की शुरुआत की। मंगलवार, 1 अप्रैल को बाजार खुलते ही टेलीकॉम कंपनी के शेयरों में अपर सर्किट लग गया, जिससे शेयरों की कीमत में अचानक बढ़ोतरी देखी गई।
Share Price: वोडाफोन आइडिया (Vi) के शेयरों में आज एक अप्रत्याशित उछाल देखने को मिला, जो सीधे 10 प्रतिशत बढ़कर 7.49 रुपये पर खुल गए। पिछले हफ्ते शुक्रवार को ये शेयर 6.81 रुपये पर बंद हुए थे, और इस अचानक आई तेजी के कारण कंपनी के शेयर बाजार में अपर सर्किट के साथ बंद हो गए। इस तेजी का मुख्य कारण रविवार को आई खबर है, जिसमें सरकार ने वोडाफोन आइडिया में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने पर सहमति जताई है।
सरकार की हिस्सेदारी में होगी वृद्धि
कंपनी ने रविवार को घोषणा की कि सरकार ने स्पेक्ट्रम नीलामी की बकाया राशि के बदले 36,950 करोड़ रुपये के नए शेयरों के अधिग्रहण से वोडाफोन आइडिया में अपनी हिस्सेदारी 22.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 48.99 प्रतिशत करने पर सहमति दी है। इस निर्णय से वोडाफोन आइडिया के लिए वित्तीय मजबूती के संकेत मिलते हैं, क्योंकि सरकार के हिस्सेदारी बढ़ने से कंपनी की आर्थिक स्थिति में सुधार की संभावना जताई जा रही है।
मार्केट कैप और 52 वीक हाई-लो की स्थिति
वर्तमान में, वोडाफोन आइडिया का मार्केट कैप 53,473.38 करोड़ रुपये है। हालांकि, कंपनी के शेयर अभी भी अपने 52 वीक हाई 19.15 रुपये से काफी नीचे हैं, जबकि इसका 52 वीक लो 6.60 रुपये रहा है। इस तेजी के बावजूद, कंपनी के शेयरों को 52 वीक हाई तक पहुंचने में अभी और समय लग सकता है।वोडाफोन आइडिया के शेयरों में आज की तेजी ने निवेशकों को उत्साहित कर दिया है। विशेष रूप से रिटेल निवेशकों को इस उछाल ने आकर्षित किया, लेकिन अपर सर्किट के कारण आज उनके पास इन शेयरों को खरीदने का अवसर नहीं मिल पाया।
5 घंटा पहलेन्यूजीलैंड को बड़ा झटका: दूसरे वनडे से बाहर हुए स्टार बल्लेबाज मार्क चैपमैन
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पाकिस्तान के खिलाफ वनडे सीरीज के दूसरे मुकाबले से पहले न्यूजीलैंड को एक बड़ा झटका लगा है। टीम के स्टार बल्लेबाज मार्क चैपमैन हैमस्ट्रिंग चोट के कारण इस महत्वपूर्ण मैच से बाहर हो गए हैं।
स्पोर्ट्स न्यूज़: न्यूजीलैंड और पाकिस्तान के बीच चल रही वनडे सीरीज का पहला मैच नेपियर में खेला गया था, जिसमें न्यूजीलैंड ने 73 रनों से शानदार जीत दर्ज की। इस मुकाबले में न्यूजीलैंड की जीत के हीरो मार्क चैपमैन रहे, जिन्होंने 111 गेंदों पर शानदार 132 रनों की पारी खेली। उनके इस बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड से नवाजा गया। अब वनडे सीरीज का दूसरा मुकाबला हैमिल्टन के सेडन पार्क में खेला जाएगा। हालांकि, इस मैच से पहले न्यूजीलैंड टीम को बड़ा झटका लगा है। पहले मैच में धमाकेदार प्रदर्शन करने वाले मार्क चैपमैन दूसरे वनडे से बाहर हो गए हैं।
पहले वनडे के हीरो थे चैपमैन
नेपियर में खेले गए पहले वनडे में न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान को 73 रनों से हराया था। इस धमाकेदार जीत में चैपमैन ने अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने 111 गेंदों में 132 रनों की शानदार पारी खेली और प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब अपने नाम किया। उनकी इस शतकीय पारी ने न्यूजीलैंड को पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज में बढ़त दिलाई।
न्यूजीलैंड क्रिकेट ने बताया कि हैमस्ट्रिंग की चोट मामूली है और उम्मीद है कि चैपमैन बे ओवल में होने वाले तीसरे और अंतिम वनडे के लिए फिट हो जाएंगे। इसके लिए उन्हें ऑकलैंड में रिहैब किया जाएगा। टीम मैनेजमेंट ने उनकी अनुपस्थिति में टिम सीफर्ट को शामिल किया है।
टिम सीफर्ट को मौका
चैपमैन के बाहर होने से न्यूजीलैंड ने टॉप ऑर्डर बल्लेबाज टिम सीफर्ट को मौका दिया है। सीफर्ट हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ टी20 सीरीज में शानदार फॉर्म में थे, जहां उन्होंने 62 की औसत से 249 रन बनाए थे और सीरीज के टॉप स्कोरर रहे थे। कोच गैरी स्टीड ने सीफर्ट को टीम में शामिल करने को सही फैसला बताया।
न्यूजीलैंड के कोच गैरी स्टीड ने कहा, "मार्क चैपमैन के लिए यह चोट काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। नेपियर में उन्होंने बेहतरीन पारी खेली थी। हालांकि, चोट मामूली है, और हमें उम्मीद है कि वे अंतिम मैच के लिए उपलब्ध होंगे। सीफर्ट जैसे अनुभवी खिलाड़ी का टीम में आना हमारे लिए फायदेमंद होगा।"