5 घंटा पहलेAmerica: फ्लोरिडा में ट्रंप करेंगे NYT के खिलाफ 15 बिलियन डॉलर का मुकदमा, अमेरिकी मीडिया में बढ़ा तनाव
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने न्यूयॉर्क टाइम्स पर 15 बिलियन डॉलर का मानहानि मुकदमा करने की धमकी दी। ट्रंप का आरोप है कि अखबार ने उनके, परिवार और MAGA अभियान के खिलाफ झूठी खबरें फैलाईं।
Trump News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के प्रमुख समाचार अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) पर 15 बिलियन डॉलर का मानहानि मुकदमा दायर करने की धमकी दी है। ट्रंप का आरोप है कि NYT लंबे समय से उनके खिलाफ झूठे और भ्रामक समाचार प्रकाशित कर रहा है और यह रेडिकल लेफ्ट डेमोक्रेटिक पार्टी का मुखपत्र बन चुका है। ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि अखबार ने उनके, उनके परिवार, उनके बिजनेस, MAGA (Make America Great Again) अभियान और पूरे देश के खिलाफ झूठी खबरें फैलाई हैं।
ट्रम्प का सोशल मीडिया पोस्ट
ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि "आज द न्यूयॉर्क टाइम्स के खिलाफ 15 बिलियन डॉलर का मानहानि मुकदमा किया गया है। यह अमेरिका के सबसे घटिया अखबारों में से एक है, जो अब रेडिकल डेमोक्रैट पार्टी का वर्चुअल माउथपीस बन गया है।" ट्रंप ने कहा कि इस तरह के अखबारों और मीडिया संस्थानों की वजह से उनके समर्थकों के बीच भ्रम और गलतफहमियां फैली हैं।
NYT पर पुराने आरोप
ट्रम्प ने यह भी आरोप लगाया कि न्यूयॉर्क टाइम्स ने पहले अमेरिकी उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस को समर्थन देने के लिए उनके खिलाफ अभियान चलाया। रिपब्लिकन पार्टी ने इसको पहले ही एक अवैध और पक्षपाती गतिविधि बताया था। चुनाव के दौरान NYT के पहले पन्ने पर कमला हैरिस की तस्वीर छपने की घटनाओं पर रिपब्लिकन पार्टी ने सवाल उठाए थे और इसे पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण बताया।
ट्रम्प के अनुसार अन्य मीडिया संस्थान भी दोषी
ट्रम्प ने केवल NYT पर ही आरोप नहीं लगाए, बल्कि एबीसी, डिज्नी, 60 मिनट, सीबीएस जैसे कई प्रमुख मीडिया संस्थानों पर भी आरोप लगाया कि वे लंबे समय से उनके खिलाफ झूठा प्रचार और गलत खबरें फैला रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि यह गतिविधियां न केवल अस्वीकार्य हैं बल्कि अमेरिका के कानून के खिलाफ भी हैं।
फ्लोरिडा में दायर होगा केस
ट्रम्प ने कहा कि यह मुकदमा फ्लोरिडा में दायर किया जाएगा। उनका उद्देश्य मीडिया संस्थानों की इस प्रकार की गतिविधियों को न्यायालय के सामने लाना है। ट्रंप ने इस मामले को अमेरिकी न्यायपालिका के सामने चुनौती देने के लिए तैयार किया है, ताकि मीडिया संस्थानों की जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
9 घंटा पहलेAsia Cup 2025: PCB को लगा बड़ा झटका, ICC ने खारिज की मैच रेफरी को हटाने की मांग
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एशिया कप 2025 में ‘नो हैंडशेक’ विवाद ने क्रिकेट जगत में काफी हलचल मचा दी थी। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने मैच के बाद भारतीय खिलाड़ियों द्वारा हाथ न मिलाने की घटना को लेकर नाराजगी जताई और इसकी शिकायत की।
स्पोर्ट्स न्यूज़: एशिया कप 2025 के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच हुए ‘नो हैंडशेक विवाद’ ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है। इस विवाद को लेकर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) से मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट (Andy Pycroft) को टूर्नामेंट से हटाने की मांग की थी। PCB का आरोप था कि टॉस के दौरान भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव से हाथ मिलाने से पाकिस्तान कप्तान सलमान अली आगा को रोका गया।
इस घटनाक्रम के बाद PCB ने ACC और ICC में शिकायत दर्ज कराई और यहां तक कहा कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे टूर्नामेंट का बॉयकॉट कर देंगे। लेकिन अब ICC ने PCB की इस मांग को औपचारिक रूप से खारिज कर दिया है।
नो हैंडशेक विवाद कैसे शुरू हुआ?
यह विवाद भारत से मिली करारी हार के बाद शुरू हुआ। भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हराया, लेकिन खेल खत्म होने के बाद खिलाड़ियों के बीच हैंडशेक न करने की घटना ने क्रिकेट प्रेमियों और मीडिया का ध्यान खींचा। PCB ने इसे ‘अनुचित व्यवहार’ बताया और इसे क्रिकेट की भावना के खिलाफ बताया।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने आरोप लगाया कि मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट ने टॉस के दौरान पाकिस्तान के कप्तान सलमान अली आगा को भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव से हाथ मिलाने से रोका। PCB ने इसे मैच रेफरी का पक्षपाती रवैया करार दिया और उन्हें टूर्नामेंट से हटाने की मांग की।
ICC का जवाब: निर्णय व्यक्तिगत नहीं, पूर्वनिर्धारित था
ICC ने PCB की मांग को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि यह निर्णय मैच रेफरी का व्यक्तिगत नहीं था। ग्राउंड पर मौजूद ACC अधिकारियों ने पहले ही पाइक्रॉफ्ट को निर्देश दिया था कि टॉस के दौरान हैंडशेक नहीं कराया जाएगा। ICC ने कहा कि यह एक सुरक्षा और प्रोटोकॉल से जुड़ा निर्णय था, न कि किसी पक्षपात का मामला।
ICC के सूत्रों ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को बताया कि “यह एक सामूहिक निर्णय था, जिसे पहले ही सूचित कर दिया गया था। मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट की भूमिका पूरी तरह निष्पक्ष रही है।”
PCB की प्रतिक्रिया
ICC के इस जवाब से PCB की मांग को झटका लगा है। हालांकि PCB ने पहले कहा था कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे यूएई के खिलाफ 17 सितंबर को होने वाले मैच का बॉयकॉट कर सकते हैं। इस घोषणा ने क्रिकेट प्रेमियों और खेल विश्लेषकों के बीच चिंता बढ़ा दी थी कि कहीं एशिया कप का रोमांच फीका न पड़ जाए। अब ICC के स्पष्ट जवाब के बाद PCB के सामने दो ही रास्ते हैं—
- ICC के फैसले को स्वीकार कर खेल में बने रहना
- टूर्नामेंट का बहिष्कार कर खुद को नुकसान में डालना
क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि यदि पाकिस्तान टीम यूएई के खिलाफ मैच नहीं खेलती तो सीधे तौर पर इसका फायदा यूएई को मिलेगा, जो सुपर-4 में प्रवेश कर जाएगी। वहीं, पाकिस्तान टूर्नामेंट से बाहर हो सकता है। वर्तमान में पाकिस्तान ग्रुप-ए की अंक तालिका में दो मैचों में से एक जीत के साथ दो अंक लेकर दूसरे स्थान पर है। यदि पाकिस्तान मैच से हटता है तो उसका एशिया कप से बाहर होना तय माना जा रहा है।
9 घंटा पहलेमेघालय में बड़ा राजनीतिक उलटफेर, एकसाथ आठ मंत्रियों ने दिया इस्तीफा, जानें वजह
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मेघालय की राजनीति में मंगलवार को बड़ा उलटफेर हुआ। मंत्रिमंडल विस्तार से पहले आठ मंत्रियों ने एकसाथ इस्तीफा सौंप दिया। मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने इस्तीफे राज्यपाल को सौंप दिए और शाम को नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी।
Meghalaya Politics: मेघालय की राजनीति में मंगलवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ। लंबे समय से चल रही चर्चाओं और अटकलों के बीच आखिरकार वह हुआ जिसकी संभावना जताई जा रही थी। राज्य की कोनराड संगमा सरकार में एकसाथ आठ मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री ने इन इस्तीफों को राज्यपाल के हवाले कर दिया है।
मंत्रिमंडल विस्तार से पहले इस्तीफों का तूफान
दरअसल, मेघालय में मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी पहले से चल रही थी। सरकार चाहती थी कि नए चेहरों को मौका देकर राजनीतिक संतुलन साधा जाए और संगठन को मजबूती मिले। इसी क्रम में मौजूदा मंत्रियों को पद छोड़ने के लिए कहा गया। नतीजा यह हुआ कि मंगलवार को एक झटके में आठ मंत्रियों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा सौंप दिया।
राज्यपाल से हुई मुलाकात
मंगलवार को मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने खुद राजभवन पहुंचकर राज्यपाल सीएच विजयशंकर से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने आठ मंत्रियों के इस्तीफे राज्यपाल को सौंप दिए। राजभवन से मिली जानकारी के मुताबिक राज्यपाल ने इन इस्तीफों को स्वीकार कर लिया है और अब नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
राजभवन में शाम पांच बजे शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन केवल सत्ता परिवर्तन का नहीं बल्कि मेघालय की राजनीति में नए समीकरणों का प्रतीक भी होगा।
इस्तीफा देने वाले मंत्रियों की सूची
राज्य की राजनीति में इन आठ नामों का महत्व काफी है। सभी अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे थे और लंबे समय से सरकार का हिस्सा थे। इस्तीफा देने वालों में शामिल हैं–
- माजेल अम्पारीन लिंगदोह
- कोमिंगोन यम्बोन
- रक्कम अम्पांग संगमा
- अबू ताहिर मंडल
- पॉल लिंगदोह
- किरमेन श्याला
- शकलियार वारजरी
- एएल हेक
इनमें से कई नाम राज्य की राजनीति में प्रभावशाली माने जाते हैं। ऐसे में उनके पद छोड़ने से सत्ता समीकरण बदलना तय है।
इस्तीफे के पीछे असली वजह क्या?
सवाल यह उठता है कि आखिरकार इतने बड़े पैमाने पर मंत्रियों ने इस्तीफा क्यों दिया। दरअसल, इसका सीधा संबंध मंत्रिमंडल विस्तार से है। राज्य सरकार चाहती है कि नए चेहरों को मौका मिले ताकि विभिन्न समुदायों और क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व और संतुलन बना रहे।
इसके अलावा, आने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए सरकार अपनी छवि को और मजबूत करना चाहती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम युवाओं और नए नेताओं को आगे लाने की कवायद है।
नए मंत्रियों के नाम पर चर्चा
इस्तीफों के बाद अब सबसे बड़ा सवाल है कि किन चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी। सूत्रों के मुताबिक, एनपीपी के तीन विधायक –
- वैलादमिकी शायला
- सोस्थनीस सोहतुन
- ब्रेनिंग संगमा
- मंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे हैं। इसके अलावा, कुछ और नाम भी सामने आ सकते हैं ताकि क्षेत्रीय संतुलन और पार्टी की रणनीति दोनों को साधा जा सके।
विपक्ष ने साधा निशाना
विपक्षी दलों ने इस घटनाक्रम को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। विपक्ष का कहना है कि बार-बार मंत्रिमंडल में फेरबदल और इस्तीफे राजनीतिक अस्थिरता का संकेत हैं। उनका आरोप है कि सरकार अपने ही नेताओं पर भरोसा नहीं कर पा रही और लगातार नए प्रयोग कर रही है। हालांकि, सत्तारूढ़ एनपीपी ने विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए कहा है कि यह फैसला राज्य के हित में लिया गया है और इससे सरकार और मजबूत होकर उभरेगी।
9 घंटा पहलेयुवराज सिंह और रॉबिन उथप्पा को ED का समन, गैरकानूनी बेटिंग एप मामले में होगी पूछताछ
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक बड़े मामले में पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह और रॉबिन उथप्पा को पूछताछ के लिए तलब किया है। यह मामला ऑनलाइन सट्टेबाजी एप प्लेटफॉर्म 1xBet से संबंधित बताया जा रहा है, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका जताई गई है।
Betting App Case: भारतीय क्रिकेट जगत और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एक बार फिर गुरुत्वपूर्ण जांच सामने आई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह और रॉबिन उथप्पा को ऑनलाइन बेटिंग ऐप केस में पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। रॉबिन उथप्पा को 22 सितंबर और युवराज सिंह को 23 सितंबर को दिल्ली स्थित ED मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है।
यह मामला 1xBet ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म से जुड़ा हुआ है और धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत इसकी जांच की जा रही है। इस केस में पहले ही दिल्ली में चार पूर्व भारतीय क्रिकेटर तलब किए जा चुके हैं। सुरेश रैना और शिखर धवन से पहले ही पूछताछ की जा चुकी है।
मामला क्या है?
ED इस मामले में यह समझने का प्रयास कर रही है कि युवराज सिंह और रॉबिन उथप्पा की 1xBet एप में क्या भूमिका रही और क्या उन्होंने इस ऐप के प्रचार में अपनी छवि का इस्तेमाल किया। जांच यह भी निर्धारित करने की कोशिश कर रही है कि क्या इनके बदले उन्हें कोई भुगतान या वित्तीय लाभ मिला। जांच के तहत ED यह पता लगा रही है कि इन दोनों क्रिकेटरों का इस अवैध नेटवर्क में कोई वित्तीय या गैर-वित्तीय साझेदारी तो नहीं थी। पूछताछ PMLA के तहत की जा रही है और दोनों खिलाड़ियों के बयान भी इसी अधिनियम के तहत दर्ज किए जाएंगे।
ईडी की कार्रवाई और अन्य शामिल हस्तियां
इस मामले में सोमवार को पूर्व तृणमूल कांग्रेस सांसद और अभिनेत्री मीमी चक्रवर्ती का बयान दर्ज किया गया। मंगलवार को बंगाली अभिनेता अंकुश हाजरा ने भी ED के सामने पेश होकर अपना बयान दर्ज कराया। वहीं, अभिनेत्री उर्वशी रौतेला, जो 1xBet की इंडिया ब्रांड एंबेसडर हैं, अभी तक अपने तय दिन पर पेश नहीं हुई हैं।
पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना और शिखर धवन को भी इसी मामले में दिल्ली में ED ने सवाल-जवाब के लिए बुलाया था। इसके अलावा, कुछ डिजिटल प्लेटफॉर्म और अन्य कंपनियां भी जांच के दायरे में आ चुकी हैं। पिछले महीने, ED ने अन्य ऑनलाइन बेटिंग एप परिमैच से जुड़े मामलों में कई राज्यों में छापेमारी भी की थी।
करोड़ों की ठगी और अवैध बेटिंग का आरोप
ED का मानना है कि ऑनलाइन बेटिंग एप्स न केवल अवैध हैं, बल्कि इनके जरिए बड़े पैमाने पर धन शोधन की गतिविधियां भी की जाती हैं। इन प्लेटफॉर्म्स पर आरोप है कि उन्होंने लाखों निवेशकों और उपयोगकर्ताओं से करोड़ों रुपये की ठगी की और बड़े पैमाने पर कर चोरी की। विशेष रूप से उन विज्ञापनों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है जिनमें क्रिकेटर और फिल्मी सितारे शामिल हैं। ED इस बात की जांच कर रही है कि क्या इन हस्तियों ने ऐप्स के प्रचार में अपनी छवि का इस्तेमाल किया और क्या उन्हें इसके लिए कोई भुगतान प्राप्त हुआ।
11 घंटा पहलेट्रंप के सलाहकार नवारो ने फिर साधा भारत पर निशाना, तेल और टैरिफ पर जताई आपत्ति
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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो ने भारत पर ऊंचे टैरिफ और रूस से तेल खरीदने को लेकर हमला बोला। उन्होंने भारत-चीन गठजोड़ पर भी आपत्ति जताई और कहा कि यह अमेरिका के लिए नुकसानदायक है।
Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भरोसेमंद और बड़बोले सलाहकार पीटर नवारो एक बार फिर भारत के खिलाफ बयानबाजी में उतर आए हैं। व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार नवारो ने सीएनबीसी को दिए एक इंटरव्यू में भारत पर रूस से तेल खरीदने और ऊंचे टैरिफ लगाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारत बातचीत की टेबल पर आ चुका है, लेकिन कई मुद्दे अब भी अमेरिका के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं।
भारत बातचीत की टेबल पर आ रहा है: नवारो
पीटर नवारो ने दावा किया कि भारत अब व्यापार वार्ता को लेकर गंभीर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को एक सकारात्मक और रचनात्मक ट्वीट किया था और ट्रंप ने भी उसी अंदाज में जवाब दिया। इसके बाद से दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है।
नवारो के मुताबिक भारत और अमेरिका अभी भी व्यापार बाधाओं पर काम कर रहे हैं, लेकिन समस्या यह है कि भारत के टैरिफ किसी भी बड़े देश की तुलना में सबसे अधिक हैं। उनका कहना है कि भारत न केवल ऊंचे टैरिफ लगाता है बल्कि गैर-टैरिफ बाधाएं भी बहुत ज्यादा हैं। अमेरिका को इसका सामना करना पड़ा है और यह स्थिति आसान नहीं है।
रूस से तेल खरीदने पर आपत्ति
नवारो ने भारत के रूस से तेल खरीदने के फैसले पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भारत ने 2022 के बाद पहली बार रूसी तेल खरीदना शुरू किया। उनका आरोप था कि रूस के यूक्रेन पर हमले के तुरंत बाद भारतीय रिफाइनर रूसी कंपनियों के साथ मिलकर काम करने लगे और इससे वैश्विक बाजार पर असर पड़ा।
उन्होंने इस कदम को "डकैतों की तरह काम करना" बताया और कहा कि भारत अनुचित व्यापार करके अमेरिकी वर्कर्स को नुकसान पहुंचा रहा है। उनका दावा था कि इससे भारत तो फायदा कमा रहा है लेकिन इसकी कीमत अमेरिकी करदाताओं को चुकानी पड़ रही है।
अमेरिका को क्यों है आपत्ति
अमेरिका का मानना है कि भारत द्वारा रूस से तेल खरीदना केवल ऊर्जा सुरक्षा का मामला नहीं है बल्कि इससे अप्रत्यक्ष रूप से रूस को हथियार खरीदने की ताकत मिलती है। नवारो ने कहा कि भारत रूसी तेल से जो पैसा बचा रहा है, उसका फायदा रूस अपने सैन्य खर्चों में कर रहा है और आखिरकार यह बोझ अमेरिका पर पड़ता है, क्योंकि उसे यूक्रेन की मदद के लिए और अधिक फंड देना पड़ता है।
भारत-चीन रिश्तों पर भी टिप्पणी
नवारो ने सिर्फ तेल ही नहीं बल्कि भारत और चीन के रिश्तों को लेकर भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि मोदी को चीन के साथ एक मंच पर देखना हैरानी भरा है, क्योंकि चीन भारत के लिए दीर्घकालिक खतरा है। साथ ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भारत की नजदीकियों पर भी उन्होंने सवाल उठाए।
भारत पर सबसे ऊंचे टैरिफ का आरोप
नवारो ने कहा कि भारत की व्यापार नीतियां अमेरिका के लिए बड़ी चुनौती हैं। उनका दावा है कि भारत किसी भी बड़े देश की तुलना में सबसे ऊंचे टैरिफ लगाता है। इसके अलावा गैर-टैरिफ बाधाएं भी इतनी ज्यादा हैं कि अमेरिकी कंपनियों के लिए भारतीय बाजार में काम करना बेहद मुश्किल है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को इससे निपटना पड़ता है, जैसे वह अन्य देशों के साथ करता है जो अनुचित व्यापार नीतियां अपनाते हैं।
अमेरिका और भारत के बीच बढ़ता तनाव
नवारो के बयान ऐसे समय आए हैं जब अमेरिका और भारत दोनों रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। रक्षा, तकनीक और ऊर्जा सहयोग पर दोनों देश बातचीत कर रहे हैं, लेकिन व्यापार के मुद्दे लगातार विवाद का कारण बन रहे हैं।
भारत का तर्क है कि उसके टैरिफ घरेलू उद्योगों और किसानों की सुरक्षा के लिए हैं। वहीं अमेरिका का कहना है कि खुले बाजार की स्थिति में भारत को व्यापार बाधाओं को कम करना चाहिए।
रूस से तेल क्यों खरीद रहा भारत
भारत ने कई बार साफ किया है कि उसका उद्देश्य अपनी ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करना है। रूस से मिलने वाला तेल सस्ता है और इससे भारत की तेल आपूर्ति स्थिर बनी रहती है। भारत का यह भी कहना है कि वह किसी भी देश पर एकतरफा निर्भर नहीं होना चाहता और उसके पास कई ऊर्जा स्रोत हैं।
13 घंटा पहलेएशिया कप 2025: अफगानिस्तान टीम को लगा झटका, स्टार गेंदबाज नवीन उल हक हुए बाहर
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एशिया कप 2025 के बीच में अफगानिस्तान क्रिकेट टीम को बड़ा झटका लगा है। टीम के अनुभवी और तेज गेंदबाज नवीन उल हक पूरे टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने इसके साथ ही उनके स्थान पर नया खिलाड़ी शामिल करने की घोषणा भी कर दी है।
स्पोर्ट्स न्यूज़: एशिया कप 2025 इस समय जोर-शोर से चल रहा है और इस टूर्नामेंट में कुल आठ टीमें हिस्सा ले रही हैं। अब तक कुल छह मुकाबले खेले जा चुके हैं और ग्रुप चरण में टीमों के प्रदर्शन ने सुपर-4 की तस्वीर धीरे-धीरे साफ करनी शुरू कर दी है। इसी बीच अफगानिस्तान की टीम को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि उनका स्टार खिलाड़ी चोट या किसी अन्य कारण से बाहर हो गया है
नवीन उल हक हुए बाहर
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि टीम के स्टार तेज गेंदबाज नवीन उल हक एशिया कप 2025 में अब कोई मैच नहीं खेल पाएंगे। उन्हें पहले से ही कंधे की चोट थी, और अब उनकी मेडिकल टीम ने उन्हें फिलहाल खेलने की अनुमति नहीं दी है। हालांकि, यह चोट नई नहीं है, बल्कि पुरानी चोट के ठीक न होने के कारण उन्हें पूरी तरह से टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा।
ACB के अधिकारियों ने कहा कि नवीन उल हक की फिटनेस पर मेडिकल टीम लगातार निगरानी रखेगी। जैसे ही वे पूरी तरह फिट होंगे, उन्हें अगले मैचों या आगामी सीरीज के लिए शामिल किया जा सकता है।
अब्दुल्ला अहमदजई को मौका
नवीन उल हक की अनुपस्थिति में अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने तेज गेंदबाज अब्दुल्ला अहमदजई को मुख्य स्क्वाड में शामिल किया है। इससे पहले अब्दुल्ला अहमदजई को रिजर्व खिलाड़ियों की सूची में रखा गया था, लेकिन अब वे प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बन सकते हैं।
अब्दुल्ला ने हाल ही में अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया है। उन्होंने अब तक एक टी20 इंटरनेशनल मैच खेला है और एक विकेट अपने नाम किया है। एशिया कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में यह उनके करियर के लिए शानदार अवसर साबित हो सकता है। टीम के लिए यह भी अहम है कि नए खिलाड़ी अनुभव हासिल कर सकें और टीम के गेंदबाजी बल को मजबूत बनाए।
अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति
एशिया कप 2025 में अफगानिस्तान ने अब तक केवल एक मैच खेला है और उसे जीत हासिल हुई है। टीम ने पहले मैच में हांगकांग को 94 रन से मात दी थी। इस जीत के साथ अफगानिस्तान ने टूर्नामेंट में मजबूत शुरुआत की है। टीम का अगला मैच 16 सितंबर को बांग्लादेश के खिलाफ है। इस मैच को जीतने के बाद अफगानिस्तान सुपर 4 में प्रवेश कर सकती है। टीम का प्रदर्शन और खिलाड़ियों की फिटनेस अब सुपर 4 में उनकी राह तय करेगी।
नवीन उल हक की गैरमौजूदगी में अब अफगानिस्तान को अपने गेंदबाजी संयोजन में बदलाव करना पड़ेगा। तेज गेंदबाजी की जिम्मेदारी अब मुख्य रूप से अब्दुल्ला अहमदजई और अन्य गेंदबाजों पर आएगी। टीम प्रबंधन का यह भी लक्ष्य है कि खिलाड़ियों को दबाव के बावजूद मैच में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए तैयार किया जाए।
13 घंटा पहलेNepal: सुशीला कार्की ने सत्ता संभालते ही किया बड़ा ऐलान, Gen-Z Protest में मारे गए युवाओं के लिए नेपाल में राष्ट्रीय शोक घोषित
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नेपाल की नई पीएम सुशीला कार्की ने कैबिनेट बनते ही बड़ा फैसला लिया। 17 सितंबर को राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया। Gen-Z Protest में मारे गए युवाओं को शहीद का दर्जा और उनके परिवारों को 15 लाख मुआवजा देने की घोषणा हुई।
Nepal Cabinet: नेपाल की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। सुशीला कार्की ने हाल ही में कार्यवाहक प्रधानमंत्री (Interim Prime Minister) के तौर पर शपथ ली है और शपथ ग्रहण के तुरंत बाद अंतरिम कैबिनेट का गठन किया गया। कैबिनेट का पहला और ऐतिहासिक फैसला यह रहा कि नेपाल में 17 सितंबर को राष्ट्रीय शोक (National Mourning Day) मनाया जाएगा। यह दिन उन युवाओं को समर्पित होगा, जिन्होंने हाल ही में हुए Gen-Z Protest के दौरान अपनी जान गंवाई।
राष्ट्रीय शोक का ऐलान
कैबिनेट ने घोषणा की है कि 17 सितंबर को पूरे देश में राष्ट्रीय शोक मनाया जाएगा। इस दिन नेपाल के सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। सिर्फ नेपाल में ही नहीं बल्कि विदेश स्थित नेपाली दूतावासों में भी झंडे को आधा झुकाकर श्रद्धांजलि दी जाएगी।
शहीद परिवारों को आर्थिक मदद
सुशीला कार्की की कैबिनेट ने शहीद परिवारों के लिए मुआवजे की राशि बढ़ाने का भी फैसला किया है। पहले प्रधानमंत्री कार्की ने 10 लाख नेपाली रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की थी, लेकिन आज कैबिनेट बैठक में इसे बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दिया गया। यह आर्थिक मदद उन परिवारों के लिए है जिन्होंने आंदोलन में अपने बच्चों को खो दिया। इसके अलावा घायल युवाओं और अन्य प्रभावितों को भी सरकार की तरफ से सहायता दी जाएगी।
प्रधानमंत्री का राष्ट्र को संबोधन
कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनने के बाद सुशीला कार्की ने पहली बार राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने साफ कहा कि यह पद उनके लिए गर्व का विषय नहीं बल्कि एक बड़ी जिम्मेदारी है। कार्की ने कहा कि देश ऐसे समय से गुजर रहा है जब हिंसा और अशांति ने गहरी चोट पहुंचाई है। उन्होंने Gen-Z Protest का जिक्र करते हुए कहा कि नेपाल ने 27 घंटे तक ऐसी हिंसा, लूटपाट और आगजनी देखी जो देश के इतिहास में पहली बार हुआ।
आंदोलन की पृष्ठभूमि
नेपाल में Gen-Z Protest की शुरुआत युवाओं के नेतृत्व में हुई थी। यह प्रदर्शन कई मुद्दों पर असंतोष जताने के लिए शुरू किया गया, लेकिन धीरे-धीरे यह आंदोलन हिंसक हो गया। देशभर में तोड़फोड़, लूट और झड़पों के चलते हालात बिगड़ गए। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस आंदोलन में 72 लोगों की जान चली गई। इनमें ज्यादातर वे छात्र और युवा थे जो कॉलेज और स्कूल जाने वाली उम्र के थे।
सुशीला कार्की का ऐतिहासिक कदम
सुशीला कार्की न सिर्फ इन हालात में नेपाल की सत्ता संभाल रही हैं बल्कि वे नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री भी बनी हैं। यह अपने आप में इतिहास है। कठिन परिस्थितियों में सत्ता संभालते हुए उन्होंने साफ किया कि वे हर उस परिवार के साथ खड़ी हैं जिसने अपने बच्चों को खोया है। उन्होंने कहा कि मारे गए युवाओं को सरकारी तौर पर शहीद घोषित किया जाएगा और उनके परिवारों को पूरी सहायता दी जाएगी।
कैबिनेट के दूसरे फैसले
कैबिनेट ने मंत्रालयों को निर्देश दिया है कि वे Gen-Z Protest के दौरान हुए नुकसान का विस्तृत ब्यौरा तैयार करें। इस रिपोर्ट में सार्वजनिक और निजी संपत्ति, सरकारी इमारतों और बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान का पूरा आकलन शामिल होगा। सरकार ने साफ किया है कि इस आंदोलन ने देश को गहरी चोट दी है और अब प्राथमिकता देश को फिर से सामान्य स्थिति में लाना है।
72 लोगों ने गंवाई जान
द हिमालयन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल में हुए इस विरोध प्रदर्शन में अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रधानमंत्री कार्की ने कहा कि उन्हें उन परिवारों का दर्द गहराई से महसूस होता है जिन्होंने अपने बच्चों को खो दिया है। उनका कहना था कि यह आंदोलन सिर्फ राजनीतिक या सामाजिक नहीं बल्कि एक मानवीय त्रासदी में बदल गया है।
अंतरराष्ट्रीय नजरिया
नेपाल में हुई यह घटना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा में है। विदेशों में बसे नेपाली नागरिक भी इस आंदोलन और हिंसा से दुखी हैं। यही कारण है कि कैबिनेट ने विदेश स्थित दूतावासों में भी झंडे आधे झुकाने का फैसला लिया है। यह कदम साफ करता है कि सरकार इस मुद्दे को केवल घरेलू नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर भी मान्यता दे रही है।
सुशीला कार्की की अपील
अपने संबोधन में सुशीला कार्की ने युवाओं से अपील की कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर संवाद और सहयोग का रास्ता अपनाएं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विरोध करना अधिकार है लेकिन यह तभी सार्थक है जब इसे शांति के साथ किया जाए। प्रधानमंत्री ने भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार युवाओं की हर चिंता को गंभीरता से सुनेगी और समाधान निकालेगी।
14 घंटा पहलेदेहरादून सहस्त्रधारा में बादल फटने से तबाही, दुकानें बहीं, दो लोग लापता
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देहरादून के सहस्त्रधारा में देर रात बादल फटने से भारी तबाही हुई। कई दुकानें बह गईं और लाखों का नुकसान हुआ। जिला प्रशासन ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। दो लोग लापता हैं और उनकी तलाश जारी है।
Dehradun Cloudburst: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सहस्त्रधारा में देर रात बादल फटने की घटना हुई। भारी बारिश के चलते क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। जिला प्रशासन ने तुरंत बचाव अभियान शुरू किया और आसपास के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। घटना में कई दुकानें बह गईं और लाखों का नुकसान हो गया। फिलहाल दो लोग लापता बताए जा रहे हैं जिनकी तलाश एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम कर रही है।
प्रशासन ने तुरंत संभाली कमान
घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी सविन बंसल ने रात में ही मोर्चा संभाला। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को अलर्ट किया और मौके पर बचाव दल भेजा। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और लोक निर्माण विभाग ने जेसीबी और अन्य भारी उपकरणों की मदद से राहत और बचाव कार्य शुरू किया। प्रशासन फिलहाल अलर्ट मोड पर है और लगातार स्थिति की निगरानी कर रहा है।
चंद्रभागा नदी उफान पर, लोगों का रेस्क्यू
देहरादून में बादल फटने का असर आसपास के इलाकों में भी दिखा। ऋषिकेश में चंद्रभागा नदी उफान पर आ गई और पानी हाईवे तक पहुंच गया। नदी में फंसे तीन लोगों को SDRF की टीम ने सुरक्षित बाहर निकाला।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताया दुख
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सहस्त्रधारा में हुई अतिवृष्टि से दुकानों के नुकसान की सूचना मिली है। सीएम ने आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन और बचाव दल मौके पर जुटे हैं और वे खुद स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने ईश्वर से सभी के सुरक्षित रहने की प्रार्थना की।
स्कूलों में अवकाश घोषित
भारी बारिश और आपदा की स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी ने देहरादून में कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया। देर रात से लगातार हो रही बारिश के कारण आईटी पार्क और आसपास के इलाकों में सड़कों पर जलभराव हो गया। कई गाड़ियां पानी के तेज बहाव में खिलौनों की तरह बहती नजर आईं।
क्षतिग्रस्त हुआ पुल और मलबा जमा
देहरादून-हरिद्वार नेशनल हाईवे पर फन वैली और उत्तराखंड डेंटल कॉलेज के पास एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया। वहीं तमसा नदी भी उफान पर है। टपकेश्वर महादेव मंदिर परिसर में 1 से 2 फीट मलबा जमा हो गया है, जिससे मंदिर परिसर में काफी नुकसान हुआ है।
लाखों का नुकसान, अनहोनी टली
तेज बारिश और बहाव से सहस्त्रधारा में नदी किनारे की कई दुकानें पूरी तरह बह गईं। इस आपदा में लाखों का आर्थिक नुकसान हुआ है। हालांकि प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और रात में ही लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने से बड़ी अनहोनी टल गई।
रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर जारी
एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं। लापता दो व्यक्तियों की तलाश तेज की गई है। भारी उपकरणों की मदद से मलबा हटाने और रास्ते खोलने का काम जारी है। जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
14 घंटा पहलेमोदी के जन्मदिन पर मध्यप्रदेश को मिलेगा मेगा गिफ्ट, धार में बनेगा देश का सबसे बड़ा पीएम मित्रा टेक्सटाइल पार्क
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर मध्यप्रदेश के धार में देश के सबसे बड़े पीएम मित्रा टेक्सटाइल पार्क का शिलान्यास करेंगे। यह मेगा प्रोजेक्ट 2100 एकड़ में बनेगा और 3 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देगा।
PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन यानी 17 सितंबर को मध्यप्रदेश के धार जिले में देश के सबसे बड़े पीएम मित्रा टेक्सटाइल पार्क का शिलान्यास करेंगे। यह मेगा प्रोजेक्ट न सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि पूरे भारत के लिए रोजगार और औद्योगिक विकास का नया अध्याय साबित होगा। इस पार्क से 3 लाख से अधिक लोगों को सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की उम्मीद है।
पीएम मित्रा टेक्सटाइल पार्क योजना क्या है
भारत सरकार ने टेक्सटाइल उद्योग को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए सात राज्यों में पीएम मित्रा पार्क की योजना शुरू की है। इसका उद्देश्य खेती से लेकर कपड़े के निर्यात तक की पूरी प्रक्रिया को एक ही जगह पर उपलब्ध कराना है। इस मॉडल को 5F चेन नाम दिया गया है जिसमें फार्म, फाइबर, फैक्ट्री, फैशन और फॉरेन शामिल हैं। यानी कपास की खेती से लेकर कपड़ों के विदेशी बाजार तक पहुंच का सफर अब एक ही परिसर में पूरा होगा।
धार क्यों चुना गया
इस मेगा पार्क के लिए धार जिले के भैंसोला क्षेत्र को चुना गया है। यहां से माल को झाबुआ और रतलाम होते हुए सीधे एक्सप्रेसवे के जरिए मुंबई के जेएनपीटी और गुजरात के कांडला पोर्ट तक आसानी से भेजा जा सकेगा। इसके अलावा बदनावर–थांदला हाईवे और पीथमपुर–मऊ–नीमच हाईवे से भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। यही वजह है कि यह इलाका देश के पहले और सबसे बड़े पीएम मित्रा टेक्सटाइल पार्क के लिए आदर्श माना गया।
कितनों को मिलेगा रोजगार
धार जिले में बनने वाले इस पार्क से 3 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। इसमें स्थानीय आदिवासी समुदाय, श्रमिकों और हुनरमंद महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। धार, झाबुआ, आलीराजपुर और बड़वानी जिलों के लोगों को इस परियोजना से सीधा लाभ मिलेगा। सरकार का लक्ष्य है कि रोजगार सिर्फ बड़ी कंपनियों तक सीमित न रहे बल्कि स्थानीय स्तर पर भी लोगों को अवसर मिले।
पार्क की विशेषताएं
यह पार्क आधुनिक तकनीक और वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस होगा। यहां उद्योगों को प्लग एंड प्ले यूनिट्स उपलब्ध होंगी यानी उन्हें सिर्फ मशीनें लगानी होंगी क्योंकि बिजली और पानी की सुविधा पहले से मौजूद रहेगी। सूक्ष्म और छोटे उद्योगों के लिए 81 प्लॉट तय किराए पर दिए जाएंगे ताकि स्थानीय उद्यमियों को भी बढ़ावा मिले। पार्क में लॉजिस्टिक हब, वेयरहाउस और बड़ा पार्किंग एरिया होगा जिससे कंटेनर और ट्रक आसानी से खड़े किए जा सकेंगे। विदेशी कंपनियों के लिए भी यह एक आकर्षण का केंद्र बनेगा।
पर्यावरण के अनुकूल पहल
यह पार्क पूरी तरह से पर्यावरण अनुकूल तरीके से विकसित किया जाएगा। इसे सोलर एनर्जी से संचालित करने की योजना है। यहां जीरो लिक्विड डिस्चार्ज सिस्टम लगाया जाएगा ताकि किसी भी तरह का गंदा पानी बाहर न जाए। रोजाना 20 एमएलडी पानी का ट्रीटमेंट कर उसे परिसर की सफाई और पौधों की सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इस पहल से यह प्रोजेक्ट अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरेगा और खासकर यूरोपीय बाजारों के लिए अधिक आकर्षक होगा।
बिजली और पानी की व्यवस्था
इस पार्क में प्रतिदिन लगभग 150 मेगावाट बिजली की खपत होगी। इसमें से 10 मेगावाट बिजली सीधे सोलर पैनलों से मिलेगी। साथ ही उद्योगों से निकलने वाले पानी को 24 घंटे में शुद्ध किया जाएगा ताकि पर्यावरण पर कोई असर न पड़े।
श्रमिकों के लिए सुविधाएं
पार्क में श्रमिकों और कर्मचारियों के लिए विशेष सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके लिए 3500 बेड का हॉस्टल, डॉरमैट्री, अस्पताल, कमर्शियल कॉम्प्लेक्स और पेट्रोल पंप जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इस तरह श्रमिकों को रहने, स्वास्थ्य और रोजमर्रा की जरूरतों की चिंता नहीं करनी पड़ेगी।
अन्य राज्यों में कहां बन रहे हैं पार्क
मध्यप्रदेश के धार जिले में बनने वाला यह पार्क देश का पहला और सबसे बड़ा होगा। इसके अलावा तमिलनाडु के विरुद्धनगर, तेलंगाना के वारंगल, गुजरात के नवसारी, कर्नाटक के कलबुर्गी, उत्तर प्रदेश के लखनऊ और महाराष्ट्र के अमरावती में भी पीएम मित्रा टेक्सटाइल पार्क की योजना पर काम चल रहा है। इन जगहों पर निर्माण कार्य अभी शुरुआती चरण में है।
क्यों है यह प्रोजेक्ट खास
धार का पीएम मित्रा टेक्सटाइल पार्क इसलिए खास है क्योंकि यहां एक ही जगह पर उत्पादन से लेकर निर्यात तक की पूरी प्रक्रिया होगी। यह न केवल लाखों लोगों को रोजगार देगा बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। यह पार्क भारत को वैश्विक टेक्सटाइल हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
1 दिन पहलेओम प्रकाश आर्यल बने गृह मंत्री, राष्ट्रीय शोक और आर्थिक मदद सहित तीन बड़े फैसले किए लागू
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ओम प्रकाश आर्यल नेपाल के नए गृह मंत्री बने। उन्होंने जेन जेड आंदोलन के बाद राष्ट्रीय शोक घोषित किया, मृतकों के परिवार को आर्थिक सहायता दी और शवों की सुरक्षित ढुलाई के लिए वाहन और हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की।
Nepal: ओम प्रकाश आर्यल नेपाल के नए गृह मंत्री बने हैं। वे सुप्रीम कोर्ट के जानेमाने वकील हैं और पूर्व प्रधानमंत्री सुशीला कार्की के भरोसेमंद सहयोगी माने जाते हैं। उन्होंने पहले की सरकारों के खिलाफ 50 से अधिक पिटीशन दायर की हैं। उनके गृह मंत्रालय में आने के बाद कई अहम फैसले लिए गए हैं, जो नेपाल के शांति और सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।
ओम प्रकाश आर्यल के पहले तीन बड़े फैसले
ओम प्रकाश आर्यल ने गृह मंत्रालय में आते ही तीन बड़े कदम उठाए। पहला, जेन जेड आंदोलन में मारे गए युवाओं के सम्मान में राष्ट्रीय शोक घोषित किया और नेपाल का झंडा आधा झुका रहेगा। दूसरा, मृतकों के परिवार को 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। तीसरा, शव को उनके घर तक सुरक्षित पहुँचाने के लिए मुफ्त वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे और दुर्गम क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जाएगा। ये कदम देश में शोक और सामाजिक स्थिरता बनाए रखने की दिशा में लिए गए हैं।
सुशीला कार्की के चौंकाने वाले फैसले
प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने अपने कैबिनेट का छोटा सा विस्तार किया है, लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती जेन जेड आंदोलन की मांगों को पूरा करना है। उन्होंने चार अहम फैसले लिए हैं। पहला, जेन जेड आंदोलन में मारे गए युवाओं को शहीद का दर्जा दिया गया। दूसरा, शहीद परिवारों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक मदद का ऐलान किया गया। तीसरा, हिंसा, हत्या, आगजनी और लूटपाट की न्यायिक जांच कराई जाएगी। चौथा, सभी घायलों को मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
हिंसक प्रदर्शन की जांच और कार्रवाई
हालांकि सुशीला कार्की ने जेन जेड को कुछ राहत दी है, उन्होंने स्पष्ट किया कि नेपाल में हुए हिंसक प्रदर्शनों की जांच कराई जाएगी। सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुँचाने वाले लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा। यह कदम देश में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी माना गया है।
जेन जेड आंदोलन से हुए नुकसान
जेन जेड आंदोलन के दौरान नेपाल में राष्ट्रपति भवन, संसद, प्रधानमंत्री आवास और सिंह दरबार समेत सैकड़ों सरकारी और निजी इमारतें जल गईं। कुल मिलाकर लगभग 1000 इमारतें ऐसी हैं जो अब कार्यालय या आवास के लिए उपयुक्त नहीं हैं। इनमें से 300 से ज्यादा इमारतें पूरी तरह से जल चुकी हैं। आगजनी और तोड़फोड़ की वजह से नेपाल को लगभग 25 अरब रुपये का नुकसान हुआ है।
नया नेपाल बनाने की चुनौती
सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश और प्रधानमंत्री सुशीला कार्की के सामने अब नेपाल को फिर से स्थिर और विकसित बनाना बड़ी चुनौती है। एक ओर जेन जेड कैबिनेट में अपने लोगों को शामिल करना चाहता है, वहीं दूसरी ओर कार्की के लिए देश को नया और सुरक्षित नेपाल बनाने की जिम्मेदारी है। ओम प्रकाश आर्यल के फैसले और प्रधानमंत्री कार्की की नीतियां इस दिशा में अहम भूमिका निभाएंगी।