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Apple Event में सुंबुल देसाई ने बटोरी लाइमलाइट, जानिए कौन हैं ये हेल्थ टेक की ग्लोबल लीडर

Apple Event में सुंबुल देसाई ने बटोरी लाइमलाइट, जानिए कौन हैं ये हेल्थ टेक की ग्लोबल लीडर

Apple के हालिया Awe Dropping इवेंट में जहां दुनिया भर की तकनीकी कंपनियों की नज़रें Apple Watch Series 11, Watch Ultra 3 और Watch SE 3 पर टिकी थीं, वहीं एक चेहरा सबकी उत्सुकता का विषय बना – डॉ. सुंबुल देसाई। वे Apple में हेल्थ सेक्शन की वाइस प्रेसिडेंट हैं।

टेक न्यूज़: Apple ने अपने Awe Dropping इवेंट में Apple Watch Series 11, Watch Ultra 3 और Watch SE 3 लॉन्च की हैं। इन नए वॉच मॉडल्स में हेल्थ से जुड़े उन्नत फीचर्स को पेश करने के लिए Apple की वाइस प्रेसिडेंट ऑफ हेल्थ, डॉक्टर सुंबुल देसाई इस इवेंट में मौजूद थीं। सुंबुल देसाई ने वॉच में नई हेल्थ-संबंधी क्षमताओं को जोड़ा है। उनके करियर की शुरुआत जर्नलिज्म इंटर्न के रूप में हुई थी, और आज वह Apple जैसी दिग्गज कंपनी में हेल्थ डिपार्टमेंट की वाइस प्रेसिडेंट हैं। 

उनकी देखरेख में Apple ने नए iPhone और वॉच मॉडल्स में स्वास्थ्य से जुड़े फीचर्स को शामिल किया है, जो यूज़र्स की फिटनेस और हेल्थ मॉनिटरिंग को और भी सहज और प्रभावी बनाते हैं।

कौन हैं सुंबुल देसाई?

डॉ. सुंबुल देसाई वर्तमान में Apple में हेल्थ डिविजन की वाइस प्रेसिडेंट हैं। उनकी देखरेख में Apple Watch और iPhone में कई हेल्थ से जुड़े फीचर्स जोड़े गए हैं, जो उपयोगकर्ताओं को बेहतर स्वास्थ्य निगरानी और देखभाल का अनुभव प्रदान करते हैं। इवेंट में उन्होंने नए हेल्थ मॉनिटरिंग टूल्स, फिटनेस ट्रैकिंग और मेडिकल डेटा एनालिटिक्स से जुड़े फीचर्स को विस्तार से समझाया।

उनकी भूमिका केवल तकनीकी उत्पादों तक सीमित नहीं है, बल्कि वे स्वास्थ्य सेवा को अधिक समावेशी, सुलभ और प्रभावशाली बनाने पर काम कर रही हैं। Apple जैसी वैश्विक कंपनी में वे हेल्थ सेक्टर का नेतृत्व कर रही हैं, जो उन्हें तकनीक और चिकित्सा जगत के बीच सेतु के रूप में स्थापित करता है।

शुरुआती करियर: पत्रकारिता से चिकित्सा तक का सफर

डॉ. सुंबुल देसाई ने अपने करियर की शुरुआत एक पत्रकार के रूप में की थी। उन्होंने दूरदर्शन और टाइम्स ऑफ इंडिया में जर्नलिज़्म इंटर्न के रूप में काम किया। इसके बाद उन्होंने वॉल्ट डिज्नी और एबीसी न्यूज जैसी बड़ी मीडिया कंपनियों में भी भूमिका निभाई। हालाँकि, उनका करियर धीरे-धीरे चिकित्सा क्षेत्र की ओर मुड़ा। 

वे स्टैनफोर्ड हेल्थकेयर में एसोसिएट चीफ मेडिकल ऑफिसर और स्टैनफोर्ड मेडिसिन में स्ट्रैटेजी एवं इनोवेशन की वाइस-चेयर रह चुकी हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता और रणनीतिक सोच ने उन्हें चिकित्सा और तकनीक के संगम पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर दिया।

व्यक्तिगत जीवन का मोड़: माँ की बीमारी से प्रेरणा

सुंबुल देसाई ने न्यूयॉर्क के रेनसेलर पॉलिटेक्निक इंस्टीट्यूट में एडमिशन लिया, जो टेक्नोलॉजी रिसर्च के लिए विश्व प्रसिद्ध है। उन्होंने कंप्यूटर साइंस को मुख्य विषय और कम्युनिकेशन को अतिरिक्त विषय के रूप में चुना। हालांकि, उन्हें शुरुआती सेमेस्टर में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आगे बढ़ती गईं। उनकी शिक्षा और कठिनाइयों से जूझने की क्षमता ने उन्हें न केवल एक प्रोफेशनल बल्कि एक मजबूत व्यक्तित्व भी बनाया।

सुंबुल की ज़िन्दगी का सबसे बड़ा मोड़ अगस्त 2001 में आया, जब उनकी माँ को अमेरिका के न्यूयॉर्क में स्ट्रोक हुआ। गंभीर हालत में ICU में वेंटिलेटर पर रखने के बाद कुछ समय बाद 9/11 हमले के पीड़ितों के लिए ICU खाली करना पड़ा। इस कठिन परिस्थिति में सुंबुल को अपनी माँ की देखभाल स्वयं करनी पड़ी। यह अनुभव उनके जीवन की दिशा बदल गया।

इसके बाद वे चिकित्सा क्षेत्र में और गहराई से जुड़ गईं। दिल्ली के अस्पतालों में काम करने के दौरान उन्हें अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उनका भारतीय जुड़ाव यहाँ भी स्पष्ट दिखा। हालांकि सुंबुल देसाई का जन्म स्वीडन में हुआ, लेकिन भारतीय संस्कृति और परिवार से उनका गहरा नाता है। उनकी शिक्षा, करियर और जीवन की प्रेरणा में भारत का योगदान महत्वपूर्ण रहा है। आज वे भारत के युवाओं के लिए एक प्रेरणा बन गई हैं, जो दिखाता है कि कठिन परिस्थितियों में भी आगे बढ़ा जा सकता है।

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