अयोध्या में 8 अक्टूबर से 14 अक्टूबर 2025 तक भव्य राम महायज्ञ और राम नाम जप अनुष्ठान का आयोजन होगा। इस दौरान 20 हजार राम भक्त कलश यात्रा निकालेंगे और देशभर से 151 विद्वान श्रीमद्भागवत महापुराण पारायण करेंगे। आयोजन में आठ राज्यों के मुख्यमंत्री और प्रतिष्ठित संत शामिल होंगे, जो इसे सनातन धर्म का महाकुंभ बनाएंगे।
उत्तर प्रदेश: अयोध्या में 8 अक्टूबर से 14 अक्टूबर 2025 तक भव्य राम महायज्ञ, रामार्चा पूजन और राम नाम जप अनुष्ठान आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन का शुभारंभ कलश यात्रा से होगा, जिसमें करीब 20 हजार राम भक्त भाग लेंगे। देशभर से 151 विद्वान महापुराण पारायण करेंगे, वहीं आठ राज्यों के मुख्यमंत्री और योग गुरु बाबा रामदेव सहित कई प्रतिष्ठित संत और महापुरुष इस भव्य धार्मिक एवं आध्यात्मिक आयोजन में शामिल होंगे।
कलश यात्रा से होगा अनुष्ठान का शुभारंभ
अयोध्या में यह धार्मिक महायज्ञ कल सुबह 10 बजे करीब 20 हजार राम भक्तों के कलश यात्रा निकालने के साथ शुरू होगा। इस यात्रा के माध्यम से भक्तों को भक्ति और धार्मिक उत्साह का अनुभव होगा। जिला प्रशासन ने इस भव्य आयोजन को देखते हुए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। यात्रियों की सुरक्षा और व्यवस्थाओं के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
विद्वानों का संगम और महापुराण का पाठ
जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्री वल्लभाचार्य जी महाराज ने बताया कि पहली बार देश में एक ही स्थान पर 501 विद्वान एक साथ 501 श्री रामार्चा महायज्ञ का अनुष्ठान करेंगे। इस कार्यक्रम में अयोध्या धाम भव्य आध्यात्मिक आयोजन का साक्षी बनने जा रहा है। वृन्दावन के संत मालूक पीठाधीश्वर स्वामी राजेंद्र दास जी महाराज अपनी मुखारबिंद से राम नगरी में श्रीमद्भागवत की कथा सुनाएंगे। वहीं स्वामी बिहारी दास जी महाराज भक्तमाल की कथा का अमृतपान कराएंगे।
संत समाज और राजनीतिक हस्तियों का संगम
इस आयोजन में संत समाज का भी दिव्य संगम देखने को मिलेगा। योग गुरु बाबा रामदेव सहित अनेक प्रतिष्ठित संत और महापुरुष इस अनुष्ठान में भाग लेंगे। वहीं देश के राजनीतिक क्षेत्र के दिग्गज नेताओं का भी आगमन होने की संभावना है। आठ राज्यों के मुख्यमंत्री इस आयोजन में भाग लेंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ 8 या 9 अक्टूबर को शामिल होंगे। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 11 अक्टूबर को अयोध्या पहुंचेंगे। छत्तीसगढ़ से सीएम विष्णु देव सहाय भी राम महायज्ञ का हिस्सा होंगे।
दैनिक कार्यक्रम और संत सम्मेलन
अयोध्या में आयोजित होने वाले इस महायज्ञ में प्रतिदिन शाम 5 से 8 बजे तक संत सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन में सनातन धर्म के विस्तार, अयोध्या धाम के विकास और हिंदू परंपरा की प्राचीन से आधुनिक यात्रा पर विशेष मंथन होगा। आयोजन का उद्देश्य धार्मिक भक्ति को प्रोत्साहित करना और भक्तों के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संवाद स्थापित करना है।
अयोध्या में महाकुंभ जैसा दृश्य
इस आयोजन को भव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए पूरे शहर में तैयारियां पूरी की गई हैं। राम भक्तों की भारी भीड़, संत समाज का संगम और राजनीतिक हस्तियों की उपस्थिति इस महायज्ञ को देशभर में एक महत्वपूर्ण धार्मिक और आध्यात्मिक घटना बना रही है। यह आयोजन केवल धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि सनातन धर्म का महाकुंभ सिद्ध होगा।