बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने तेजस्वी यादव पर दो EPIC नंबर रखने और गलत जानकारी देने का आरोप लगाया। चुनाव आयोग ने कहा कि तेजस्वी का नाम और EPIC नंबर वैध हैं, कोई बदलाव नहीं हुआ।
Bihar Politics: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले सियासी बयानबाजी तेज़ हो गई है। इस बार विवाद का केंद्र बना है विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव का EPIC नंबर, यानी उनका मतदाता फोटो पहचान पत्र। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने तेजस्वी यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पास दो EPIC नंबर हैं और उन्होंने चुनाव आयोग को गुमराह करने की कोशिश की है।
संबित पात्रा का आरोप
संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि तेजस्वी यादव के पास दो अलग-अलग EPIC नंबर हैं। उन्होंने कहा कि यह केवल दस्तावेज़ी गड़बड़ी नहीं, बल्कि एक बड़ी साजिश है। पात्रा ने सवाल उठाया कि अगर राज्य का विपक्ष का सबसे बड़ा नेता दो मतदाता पहचान पत्र रख सकता है, तो आम कार्यकर्ता और नेता क्या नहीं कर सकते।
उन्होंने कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर निशाना साधते हुए कहा कि ये पार्टियां भारत के चुनाव आयोग पर झूठे आरोप लगाकर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं।
तेजस्वी यादव का दावा
राजद नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए दावा किया था कि उनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची से गायब है और उनका EPIC नंबर बदल दिया गया है। उन्होंने इसे एक साजिश बताया और कहा कि अगर मेरे जैसे नेता का EPIC नंबर बदला जा सकता है, तो आम जनता के साथ क्या हो सकता है।
उन्होंने कहा कि यह मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की तरफ इशारा करता है, जिससे हजारों लोगों के वोट कट सकते हैं। तेजस्वी ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा कि आखिर कैसे उनका EPIC नंबर बदल गया।
चुनाव आयोग की सफाई
तेजस्वी यादव के आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि उनका नाम मतदाता सूची में शामिल है और कोई भी EPIC नंबर नहीं बदला गया है। आयोग ने कहा कि तेजस्वी का EPIC नंबर वही है जो उन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव में अपने नामांकन पत्र में दर्ज कराया था।
चुनाव आयोग ने साफ शब्दों में कहा कि उनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में क्रमांक 416 पर मौजूद है और EPIC नंबर RAB0456228 है। आयोग के अनुसार, तेजस्वी द्वारा बताई गई दूसरी EPIC संख्या RAB2916120 अस्तित्वहीन है। इसकी कोई आधिकारिक रिकॉर्डिंग नहीं है और यह संभव है कि यह नंबर कभी जारी ही नहीं हुआ हो।
पुराने रिकॉर्ड की जांच में भी कोई दूसरा नंबर नहीं मिला
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने बीते 10 वर्षों के रिकॉर्ड की जांच की, लेकिन तेजस्वी यादव के नाम पर RAB2916120 नंबर से जुड़ा कोई वैध रिकॉर्ड नहीं मिला। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संभव है कि यह नंबर कभी आधिकारिक रूप से बनाया ही न गया हो। इसकी सच्चाई जानने के लिए आगे जांच जारी है कि कहीं यह फर्जी दस्तावेज़ तो नहीं है।
SIR प्रक्रिया को लेकर भी उठे सवाल
बिहार में इन दिनों मतदाता सूची का Special Intensive Revision (SIR) चल रहा है। तेजस्वी यादव ने इसी प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए और कहा कि इस दौरान कई मतदाताओं के नाम काटे गए हैं। उन्होंने दावा किया कि यह जानबूझकर किया गया है ताकि चुनाव में प्रभावित किया जा सके।
लेकिन पात्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि SIR प्रक्रिया पारदर्शी है और इसी ने राजद और कांग्रेस की सच्चाई उजागर की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राजद को बूथ कैप्चरिंग और गुंडागर्दी की राजनीति में महारत रही है और अब जब पारदर्शिता बढ़ी है, तो उन्हें डर लग रहा है।