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बिहार पुलिस के श्वान दस्ते में बढ़ावा, 30 नए प्रशिक्षित कुत्ते होंगे शामिल

बिहार पुलिस के श्वान दस्ते में बढ़ावा, 30 नए प्रशिक्षित कुत्ते होंगे शामिल

बिहार पुलिस के श्वान दस्ते में 30 नए प्रशिक्षित कुत्ते शामिल होंगे, जिससे कुल संख्या 97 हो जाएगी। ये कुत्ते ड्रग्स, शराब, विस्फोटक और वीवीआईपी सुरक्षा में मदद करेंगे।

पटना: बिहार पुलिस के श्वान दस्ते में जल्द ही 30 नए प्रशिक्षित कुत्तों का शामिल होना तय है। इनकी तैनाती के बाद दस्ते में कुल कुत्तों की संख्या 97 हो जाएगी। यह कुत्ते न केवल अपराध और मादक पदार्थों की पहचान में मदद करेंगे, बल्कि वीवीआईपी सुरक्षा कार्यक्रमों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। अतिरिक्त महानिदेशक (सीआईडी) प्रशांत कुमार ने बुधवार को पटना में इस जानकारी की पुष्टि की।

बिहार श्वान दस्ते में 30 और कुत्ते शामिल

प्रशांत कुमार ने बताया कि इन 30 कुत्तों को फिलहाल हैदराबाद स्थित इंटीग्रेटेड इंटेलिजेंस ट्रेनिंग एकेडमी (IITA) में प्रशिक्षित किया जा रहा है। अगले दो से तीन महीनों में ये कुत्ते बिहार लौटकर श्वान दस्ते का हिस्सा बन जाएंगे। इससे पुलिस की सुरक्षा और अपराध नियंत्रण क्षमता में और मजबूती आएगी।

वर्तमान में बिहार पुलिस के पास 67 प्रशिक्षित कुत्ते हैं, जबकि दस्ते की स्वीकृत संख्या 200 है। इन कुत्तों को विभिन्न कार्यों के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है, जैसे विस्फोटक, मादक पदार्थ, शराब की पहचान और अपराधियों का पीछा करना।

श्वान दस्ते के लिए 50 और कुत्तों की खरीद

प्रशांत कुमार ने बताया कि श्वान दस्ते के कार्यक्षेत्र और जिम्मेदारी बढ़ने के कारण 50 और कुत्तों की खरीद की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। पंजाब स्थित होमगार्ड प्रशिक्षण संस्थान से यह खरीद अगले कुछ महीनों में पूरी कर ली जाएगी।

इसके अलावा, दस्ते की ताकत बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पहले से मौजूद 67 कुत्तों में 19 को विस्फोटक पदार्थ, 21 को अपराधियों का पीछा करने और 21 को शराब की पहचान का प्रशिक्षण दिया गया है। छह कुत्ते मादक और मनोवैज्ञानिक पदार्थों का पता लगाने में दक्ष हैं।

बिहार पुलिस श्वान दस्ते में विभिन्न नस्ल के कुत्ते तैनात

बिहार पुलिस के श्वान दस्ते में विभिन्न नस्लों के कुत्ते शामिल हैं। इसमें 55 लैब्राडोर, छह बेल्जियन मालिनोइस, चार जर्मन शेफर्ड और दो गोल्डन रिट्रीवर शामिल हैं। ये कुत्ते राज्य के अलग-अलग पुलिस रेंज मुख्यालयों में तैनात हैं और नियमित तौर पर प्रशिक्षण प्राप्त करते रहते हैं।

एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि इन कुत्तों को वीवीआईपी कार्यक्रमों के सुरक्षा निरीक्षण में भी तैनात किया जाता है। हाल के समय में इनकी मदद से अवैध शराब और मादक पदार्थों की कई खेपों का पता लगाया गया और उन्हें जब्त किया गया।

श्वान दस्ते से सुरक्षा और अपराध नियंत्रण मजबूत

प्रशांत कुमार ने कहा कि श्वान दस्ते का महत्व सिर्फ अपराध रोकने तक सीमित नहीं है। इन कुत्तों की मदद से बड़ी जांचों और वीवीआईपी सुरक्षा कार्यक्रमों में समय पर चेतावनी और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। प्रशिक्षित कुत्तों की संख्या बढ़ने से पुलिस की कार्रवाई और तेजी से और प्रभावी होगी।

उन्होंने यह भी बताया कि भविष्य में श्वान दस्ते की क्षमता दोगुनी करने की योजना बनाई जा रही है। इस योजना के अंतर्गत और अधिक कुत्तों को प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि राज्य में अपराध नियंत्रण और सुरक्षा दोनों क्षेत्रों में बेहतर परिणाम मिल सकें।

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