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धौला कुआं BMW कांड! नवजोत सिंह की मौत पर परिवार का दावा, आरोपी महिला ने बदल दिया रास्ता

धौला कुआं BMW कांड! नवजोत सिंह की मौत पर परिवार का दावा, आरोपी महिला ने बदल दिया रास्ता

दिल्ली के धौला कुआं में हुए BMW हादसे में वित्त मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी नवजोत सिंह की मौत हो गई। परिवार ने आरोप लगाया कि आरोपी महिला ने जानबूझकर उन्हें दूर अस्पताल ले जाकर देरी की, जिससे उनकी जान नहीं बच सकी।

BMW Accident: दिल्ली के धौला कुआं इलाके में हुए भीषण BMW हादसे ने पूरे देश को हिला दिया है। इस सड़क दुर्घटना में वित्त मंत्रालय (नॉर्थ ब्लॉक) के डिप्टी सेक्रेटरी नवजोत सिंह की मौत हो गई। उनकी पत्नी संदीपा कौर गंभीर रूप से घायल हैं और अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही हैं।

परिवार का गुस्सा और आरोप

नवजोत सिंह की मौत के बाद परिवार का गुस्सा साफ झलक रहा है। उनकी भाभी ने कहा कि यह सिर्फ एक सड़क हादसा नहीं है बल्कि इसमें लापरवाही और जानबूझकर की गई साजिश भी शामिल है। उनका आरोप है कि हादसे के तुरंत बाद नजदीकी अस्पताल ले जाने के बजाय नवजोत को दूर ले जाया गया। धौला कुआं के आस-पास कई बड़े अस्पताल मौजूद थे, लेकिन वैन सीधे आजादपुर की ओर ले जाई गई। परिवार का मानना है कि अगर समय पर पास के अस्पताल पहुंचाया जाता तो नवजोत की जान बच सकती थी।

मां-बाप का दर्द

परिवार का दुख और गुस्सा दोनों सामने आया। नवजोत की भाभी ने कहा कि उनके माता-पिता की उम्र 80 साल से ज्यादा है और बेटे की मौत ने उन्हें तोड़ दिया है। मां-बाप का रो-रोकर बुरा हाल है और वे सिर्फ एक ही बात कह रहे हैं कि हमें न्याय चाहिए। परिवार की मांग है कि चाहे गुनहगार अस्पताल हो, डॉक्टर हो या फिर हादसे में शामिल महिला, सभी को सजा मिलनी चाहिए।

वैन ड्राइवर का बड़ा खुलासा

इस पूरे मामले में अब नया मोड़ तब आया जब हादसे के बाद नवजोत और उनकी पत्नी को अस्पताल ले जाने वाले वैन ड्राइवर ने चौंकाने वाला खुलासा किया। ड्राइवर ने बताया कि उसने इंसानियत के नाते मदद की और दोनों घायलों को अपनी वैन में लिटाकर अस्पताल ले जाने लगा। तभी एक महिला भी उसकी वैन में बैठ गई। ड्राइवर के मुताबिक यह वही महिला थी जो BMW चला रही थी।

महिला ने क्यों मोड़ दिया रास्ता

ड्राइवर ने बयान दिया कि गाड़ी में बैठी महिला ने ही उसे रास्ता बदलने के लिए कहा। हादसा धौला कुआं पर हुआ था, लेकिन महिला ने उसे आजादपुर की ओर जाने के निर्देश दिए। जबकि वहां पहुंचने में कम से कम 30 मिनट लगते हैं। ड्राइवर के अनुसार महिला लगातार फोन पर किसी डॉक्टर से बात कर रही थी और कह रही थी – “सब कुछ तैयार रखो, हम आ रहे हैं।” यह सुनकर परिवार का शक और गहरा हो गया कि महिला ने नवजोत को बचाने के लिए सही कदम नहीं उठाया।

परिवार का शक और बढ़ा

ड्राइवर की इस गवाही के बाद नवजोत का परिवार और ज्यादा आशंकित हो गया है। उन्हें लगता है कि आरोपी महिला ने खुद को बचाने और किसी परिचित अस्पताल में पहुंचने के लिए जानबूझकर रास्ता बदला। इस वजह से नवजोत की हालत और बिगड़ गई और समय पर सही इलाज न मिलने से उनकी मौत हो गई।

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