Columbus

धर्मनिरपेक्ष शब्द संविधान का हिस्सा कैसे बना? विहिप नेता ने खड़े किए सवाल, जानिए पूरा मामला

धर्मनिरपेक्ष शब्द संविधान का हिस्सा कैसे बना? विहिप नेता ने खड़े किए सवाल, जानिए पूरा मामला

विहिप नेता मिलिंद परांडे ने कहा कि संविधान में 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द मूल रूप से शामिल नहीं था। यह आपातकाल के दौरान बिना बहस के जोड़ा गया, जिस पर अब समाज में चर्चा होनी चाहिए।

Maharashtra: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री मिलिंद परांडे ने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि संविधान निर्माताओं ने 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द को संविधान में शामिल करने का समर्थन नहीं किया था। उन्होंने कहा कि यह शब्द संविधान निर्माण के समय मौजूद नहीं था और इसे बाद में संसद में बिना किसी चर्चा के जोड़ा गया।

संविधान सभा में हुई थी चर्चा

मिलिंद परांडे ने बताया कि संविधान सभा के समय इस बात पर चर्चा हुई थी कि 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द को शामिल किया जाए या नहीं, लेकिन डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद सहित किसी ने भी इसका समर्थन नहीं किया। उनका कहना है कि उस समय यह विचार था कि संविधान को किसी विचारधारा में नहीं बांधना चाहिए और उसे स्वतंत्र रूप में बनाना चाहिए।

आपातकाल के दौरान जोड़ा गया शब्द

विहिप नेता ने कहा कि 'धर्मनिरपेक्ष' और 'समाजवाद' जैसे शब्द आपातकाल के दौरान 42वें संशोधन के तहत जोड़े गए थे। उस समय संसद की सामान्य प्रक्रिया निलंबित थी और कोई खुली बहस नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि इस तरह संविधान में शब्द जोड़ना उचित प्रक्रिया नहीं थी और इस पर आज के समय में समाज में चर्चा होनी चाहिए।

लोकतांत्रिक चर्चा की आवश्यकता

मिलिंद परांडे का कहना है कि यह जरूरी है कि 'धर्मनिरपेक्ष' जैसे शब्दों को लेकर समाज और संसद में खुली चर्चा हो, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि क्या इन्हें सही तरीके से संविधान में जोड़ा गया था। उन्होंने यह भी कहा कि आज देश में इस विषय पर विमर्श शुरू हो गया है और अगर यह चर्चा आगे बढ़ती है तो सही दिशा में जाएगी।

हिंदू समाज को बांटने की साजिश

मिलिंद परांडे ने आरोप लगाया कि कुछ ताकतें हिंदू समाज को आपस में लड़ाने की साजिश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म और उसके त्योहारों के बारे में गलत जानकारी फैलाकर युवाओं को अपनी परंपराओं से दूर किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से भ्रम फैलाया जा रहा है और हिंदू समाज में फूट डालने की कोशिश हो रही है।

बांग्लादेश और कुछ राज्यों में हो रहे अत्याचार

परांडे ने कहा कि आज देश के कुछ राज्यों और बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि कुछ जगहों पर हिंदुओं की नागरिकता को नकारा जा रहा है। उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद ऐसे सभी हिंदुओं को भारत की नागरिकता दिलाने के लिए प्रयास कर रही है और संगठन उनका साथ दे रहा है।

Leave a comment