Zomato और HDFC पेंशन ने डिलीवरी पार्टनर्स के लिए ‘एनपीएस प्लेटफॉर्म वर्कर्स मॉडल’ शुरू किया है, जिससे वे औपचारिक सेवानिवृत्ति लाभ प्राप्त कर सकेंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 अक्टूबर को इस मॉडल का शुभारंभ किया। पहले 72 घंटों में 30,000 से अधिक डिलीवरी पार्टनर्स ने अपने पीआरएएन नंबर बनवा लिए।
NPS model: ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी Zomato और HDFC पेंशन ने डिलीवरी पार्टनर्स के लिए ‘एनपीएस प्लेटफॉर्म वर्कर्स मॉडल’ पेश किया है, ताकि उन्हें औपचारिक सेवानिवृत्ति लाभ मिल सकें। इस पहल का औपचारिक शुभारंभ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 अक्टूबर को पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) के कार्यक्रम में किया। पहले 72 घंटों में 30,000 से अधिक डिलीवरी पार्टनर्स ने अपने पीआरएएन नंबर बना लिए, और कंपनी 2025 के अंत तक इस संख्या को एक लाख से अधिक करने का लक्ष्य रखती है।
मॉडल की औपचारिक शुरुआत
इस नए मॉडल को औपचारिक रूप से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 अक्टूबर 2025 को पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में पेश किया। जोमैटो ने बयान में कहा कि इस पहल के शुरू होने के 72 घंटों के भीतर 30,000 से ज्यादा डिलीवरी पार्टनर्स ने अपने पीआरएएन (स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या) बना लिए। कंपनी ने यह भी कहा कि 2025 के अंत तक वे एक लाख से ज्यादा डिलीवरी पार्टनर्स को उनके एनपीएस सेवानिवृत्ति खातों के साथ जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
प्लेटफॉर्म कर्मचारियों की बढ़ती संख्या
Zomato गिग-फर्स्ट मॉडल पर काम करता है, जो वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही तक औसतन 5,09,000 स्वतंत्र मासिक सक्रिय डिलीवरी पार्टनर्स को सपोर्ट करता है। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्लेटफॉर्म कर्मचारियों की संख्या वित्त वर्ष 2029-30 तक बढ़कर 2.35 करोड़ होने का अनुमान है। यह आंकड़ा इस बात का संकेत है कि आने वाले वर्षों में गिग वर्कर्स की संख्या में तेजी से वृद्धि होने वाली है।
औपचारिक सेवानिवृत्ति योजना की कमी
वर्तमान में प्लेटफॉर्म कर्मचारियों में औपचारिक सेवानिवृत्ति लाभों की पहुंच बहुत सीमित है। इसके कारण इस वर्ग में सेवानिवृत्ति बचत दर लगभग न के बराबर है। इस नई पहल से अब गिग वर्कर्स अपनी रिटायरमेंट योजना को सरल और व्यवस्थित तरीके से शुरू कर सकेंगे।
गिग वर्कर्स के लिए लाभ
HDFC पेंशन के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ श्रीराम अय्यर ने बताया कि सभी लोगों की औपचारिक सेवानिवृत्ति योजना तक पहुंच नहीं होती। ‘एनपीएस प्लेटफॉर्म वर्कर्स मॉडल’ के माध्यम से अब गिग वर्कर्स अपनी रिटायरमेंट से जुड़ी योजना बना सकते हैं। यह मॉडल न केवल उन्हें भविष्य के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगा, बल्कि देश के एक बड़े हिस्से को दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा के दायरे में लाने में भी योगदान देगा।
इस योजना के तहत डिलीवरी पार्टनर्स को नियमित योगदान का विकल्प मिलेगा और समय के साथ उनके योगदान पर बाजार आधारित रिटर्न भी मिलेगा। रिटायरमेंट के समय उन्हें पेंशन के रूप में भुगतान किया जाएगा, जिसे मासिक या एकमुश्त राशि के रूप में लिया जा सकता है।
जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम
Zomato ने इस पहल को सफल बनाने के लिए अपने डिलीवरी पार्टनर्स के बीच प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान भी शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य है कि हर वर्कर योजना की प्रक्रिया, योगदान और लाभ को अच्छे से समझ सके। इससे कर्मचारियों को अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने का भरोसा मिलेगा।
डिजिटल प्लेटफॉर्म और सामाजिक सुरक्षा
इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म कंपनियां अपने कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा की दिशा में गंभीर कदम उठा रही हैं। आने वाले समय में इस तरह के मॉडल अन्य कंपनियों के लिए भी मार्गदर्शन का काम करेंगे। इससे भारत में अनौपचारिक क्षेत्र के कर्मचारियों को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने का रास्ता खुलेगा।