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दिशा पाटनी फायरिंग केस: पुलिस एनकाउंटर में शूटर ढेर, 4 पुलिसकर्मी घायल

दिशा पाटनी फायरिंग केस: पुलिस एनकाउंटर में शूटर ढेर, 4 पुलिसकर्मी घायल

बरेली में अभिनेत्री दिशा पाटनी के घर और पिता पर हुई फायरिंग के आरोपियों के साथ गाजियाबाद में एनकाउंटर हुआ; दो शूटर मरे, चार पुलिसकर्मी घायल हुए; जिगाना-पिस्टल और अपॉचे मोटरसाइकिल बरामद।

नोएडा: बॉलीवुड अभिनेत्री दिशा पाटनी के घर और उनके पिता पर हुई फायरिंग के मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस सनसनीखेज वारदात में शामिल दो शूटर बुधवार की शाम गाजियाबाद में पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो गए। करीब 15 मिनट तक चली इस गोलीबारी में जहां दोनों अपराधियों का अंत हुआ, वहीं चार पुलिसकर्मी भी बदमाशों की गोली से घायल हो गए।

बदमाशों की पहचान और आपराधिक इतिहास

पुलिस ने जिन अपराधियों को मार गिराया, उनकी पहचान हरियाणा के रोहतक निवासी रविन्द्र उर्फ बिंदर और सोनीपत निवासी अरुण के रूप में हुई है। दोनों ही रोहित गोदारा और गोल्डी बरार गैंग के सक्रिय सदस्य बताए जाते हैं। यही गैंग पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में रंगदारी व हत्या जैसी आपराधिक घटनाओं के लिए कुख्यात है।

जांच में पता चला कि रविन्द्र वर्ष 2020 से ही अपराध की दुनिया में सक्रिय था और उसने अपने साथियों संग कई वारदातों को अंजाम दिया था। अरुण भी गैंग का भरोसेमंद सदस्य माना जाता था। इन दोनों पर पहले से ही हत्या, रंगदारी और पुलिस पार्टी पर हमला करने जैसे मामलों में कई मुकदमे दर्ज थे।

ट्रोनिका सिटी में पुलिस-बदमाश मुठभेड़

सूचना मिलने पर दिल्ली स्पेशल सेल, नोएडा एसटीएफ, हरियाणा एसटीएफ और यूपी पुलिस ने ट्रोनिका सिटी (गाजियाबाद) क्षेत्र में घेराबंदी की। जैसे ही सफेद अपाचे मोटरसाइकिल पर दोनों बदमाश पहुंचे, पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। गिरफ्तारी से बचने के लिए शूटरों ने अचानक ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं।

इस गोलीबारी में दिल्ली स्पेशल सेल और नोएडा एसटीएफ के कुल चार जवान घायल हो गए। हालांकि पुलिस ने भी मोर्चा संभाला और जवाबी कार्रवाई की। करीब 15 मिनट की मुठभेड़ में दोनों अपराधी गोली लगने से ढेर हो गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

पाकिस्तान-नेपाल रास्ते आई जिगाना पिस्टल

मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से पुलिस ने जिगाना और ग्लॉक पिस्टल, दर्जनों कारतूस और अपाचे बाइक बरामद की। खास ध्यान जिगाना पिस्टल पर गया, जिसे गैंगस्टरों की पसंद माना जाता है। यह हथियार तुर्की में बनता है और पाकिस्तान से ड्रोन या नेपाल के रास्ते भारत में पहुंचता है।

जिगाना पिस्टल की खासियत यह है कि यह फायरिंग के दौरान जाम नहीं होती और एक साथ कई राउंड चला सकती है। सिद्धू मूसेवाला और अतीक अहमद हत्याकांड में भी इसी हथियार का इस्तेमाल हुआ था। इसकी कीमत भारत में 4 से 7 लाख रुपये तक होती है और यह पूरी तरह प्रतिबंधित है।

दिशा पाटनी परिवार पर हमले की जाँच 

11 सितम्बर को बरेली स्थित दिशा पाटनी के घर पर अज्ञात बदमाशों ने फायरिंग की थी। अगले दिन उनके पिता, सेवानिवृत्त डीएसपी जगदीश पाटनी को भी निशाना बनाया गया। यह घटनाएं पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बनीं और सुरक्षा एजेंसियों पर आरोपियों की तलाश का दबाव बढ़ गया।

छानबीन में पता चला कि इन हमलों के पीछे रविन्द्र और अरुण ही थे। दिशा पाटनी की बहन खुशबू पाटनी को भी सोशल मीडिया पर धमकियां दी गई थीं। मुखबिर की जानकारी और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से आखिरकार दोनों शूटरों का सफाया हो गया। इससे पाटनी परिवार को राहत तो मिली, लेकिन इसने विदेशी हथियारों की तस्करी और अंतरराज्यीय गैंग की सक्रियता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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