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AAP सरकार के क्लासरूम घोटाले पर ईडी की नजर, सिसोदिया-जैन पर शिकंजा

AAP सरकार के क्लासरूम घोटाले पर ईडी की नजर, सिसोदिया-जैन पर शिकंजा

दिल्ली क्लासरूम निर्माण घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में 37 ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई 2000 करोड़ के घोटाले और पूर्व मंत्री सिसोदिया व जैन की भूमिका को लेकर हुई।

Delhi News: दिल्ली में क्लासरूम निर्माण घोटाले की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को एक साथ दिल्ली के 37 ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की गई, जिसका मकसद वित्तीय अनियमितताओं की परतें खोलना है। माना जा रहा है कि यह छापेमारी करीब 2000 करोड़ रुपये के क्लासरूम कंस्ट्रक्शन घोटाले से जुड़ी हुई है, जिसमें दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्रियों के नाम सामने आए हैं।

क्या है पूरा मामला?

दिल्ली सरकार के तहत सरकारी स्कूलों में 12,000 से ज्यादा क्लासरूम बनाए जाने का प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। आरोप है कि इन क्लासरूम की लागत असामान्य रूप से ज्यादा दिखाई गई। एक क्लासरूम जिसकी अनुमानित लागत लगभग 4 से 5 लाख रुपये होनी चाहिए थी, उसकी वास्तविक लागत 25 लाख रुपये तक बताई गई। इस घोटाले में सरकारी फंड के दुरुपयोग और ठेके देने में गड़बड़ियों के आरोप लगाए गए हैं।

मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच

प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका के चलते कार्रवाई शुरू की। जानकारी के मुताबिक, 30 अप्रैल को ED ने इस घोटाले से जुड़ी एक FIR दर्ज की थी, जिसमें आम आदमी पार्टी की पिछली सरकार में मंत्री रहे मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के नाम भी शामिल हैं। इन्हीं के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं को लेकर केस दर्ज किया गया है।

किन जगहों पर हुई छापेमारी?

बुधवार को ED की टीमें दिल्ली-एनसीआर में 37 ठिकानों पर एक साथ पहुंचीं। इन जगहों में सरकारी ठेकेदार, निर्माण एजेंसियां, पूर्व अधिकारियों और अन्य संदिग्ध लोगों के ठिकाने शामिल हैं। कई जगहों से दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और लेन-देन से जुड़े सबूत जब्त किए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस छापेमारी का उद्देश्य घोटाले में शामिल नेटवर्क को पूरी तरह से उजागर करना है।

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