भारतीय पुरुष हॉकी टीम एफआईएच प्रो लीग में अपनी वापसी को लेकर पूरी तरह तैयार है। हाल ही में टीम को नीदरलैंड के खिलाफ खेले गए मुकाबले में 1-2 से हार का सामना करना पड़ा था, जिससे प्रो लीग की तालिका में भारत का स्थान चौथे नंबर पर आ गया है।
स्पोर्ट्स न्यूज़: एफआईएच प्रो लीग में भारतीय पुरुष हॉकी टीम सोमवार को नीदरलैंड के खिलाफ एक अहम मुकाबले में वापसी करेगी। पिछली बार भारत को नीदरलैंड के हाथों 1-2 की हार का सामना करना पड़ा था, जिससे वह अंकतालिका में चौथे स्थान पर खिसक गई है। अब शीर्ष स्थान की दौड़ में बने रहने के लिए भारतीय टीम को इस मुकाबले में खासतौर पर आखिरी समय में गोल खाने से बचना होगा।
इस मैच का परिणाम भारत के लिए बहुत मायने रखता है क्योंकि प्रो लीग के यूरोपीय चरण में अच्छा प्रदर्शन करना भारत के लिए विश्व कप की सीधी क्वालीफिकेशन की राह खोल सकता है।
नीदरलैंड शीर्ष पर, भारत चौथे स्थान पर
नीदरलैंड इस समय नौ मैचों में 17 अंकों के साथ तालिका में पहले स्थान पर है। उसके पीछे इंग्लैंड और बेल्जियम आठ-आठ मैचों में 16-16 अंक लेकर दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं, जबकि भारत नौ मैचों में 15 अंकों के साथ चौथे स्थान पर मौजूद है। प्रो लीग के शेष सात मैच भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं, खासकर यूरोपीय चरण के मैच, जहां मजबूत प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबला होगा।
भारत का यह प्रयास है कि वह प्रो लीग में शीर्ष चार में बना रहे ताकि वह अगले साल बेल्जियम और नीदरलैंड की संयुक्त मेजबानी में होने वाले हॉकी विश्व कप के लिए सीधे क्वालीफाई कर सके। अगर भारत इस प्रतियोगिता में शीर्ष स्थान हासिल करने में सफल नहीं होता है, तो उसे विश्व कप के लिए एशिया कप (5 से 14 सितंबर तक बिहार के राजगीर में) में अच्छा प्रदर्शन कर के क्वालीफाई करना होगा। इसलिए प्रो लीग में भारत के लिए हर मैच की महत्ता दोगुनी हो जाती है।
पिछले मैच में भारत का प्रदर्शन और चुनौती
नीदरलैंड के खिलाफ पिछला मैच काफी रोमांचक था। भारत ने पहले हाफ की शुरुआत में कप्तान हरमनप्रीत सिंह के पेनल्टी कॉर्नर गोल से बढ़त हासिल की। हालांकि, नीदरलैंड की टीम ने बेहतरीन वापसी की और थिज वान डैम के दो गोलों की मदद से मैच 2-1 से जीत लिया। डैम का विजयी गोल 58वें मिनट में आया, जिसने भारत को आखिरी वक्त में हार का सामना करना पड़ा। यह हार भारत के लिए एक चेतावनी भी थी कि मैच के अंतिम पलों में सतर्क रहना कितना जरूरी है।
भारत ने इस साल की शुरुआत में प्रो लीग का घरेलू चरण भुवनेश्वर में खेला था, जहां उसने आठ मैचों में पांच जीत के साथ 15 अंक जुटाए थे। घरेलू मैदान पर मिले आत्मविश्वास को यूरोपियन चरण में भी बनाए रखना भारत की बड़ी चुनौती है। घरेलू मैदान की तुलना में यूरोपीय चरण में न केवल मौसम और माहौल अलग होगा, बल्कि प्रतिद्वंद्वी भी अधिक मजबूत और अनुभवी हैं।