भारतीय महिला क्रिकेट टीम की बाएं हाथ की धुरंधर स्पिनर गौहर सुल्ताना ने गुरुवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। 37 वर्षीय सुल्ताना ने 2008 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था और भारत की ओर से खेलते हुए अपनी प्रतिभा से लाखों क्रिकेट फैंस का दिल जीता।
स्पोर्ट्स न्यूज़: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की बाएं हाथ की स्पिनर गौहर सुल्ताना ने गुरुवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि खेल के शीर्ष स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करना उनके लिए सबसे बड़ा सम्मान रहा। 37 वर्षीय गौहर सुल्ताना ने 2008 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। उन्होंने भारत की तरफ से कुल 50 एकदिवसीय और 37 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। उन्होंने आखिरी बार अप्रैल 2014 में देश का प्रतिनिधित्व किया था।
गौहर सुल्ताना का अंतरराष्ट्रीय करियर
गौहर सुल्ताना ने भारत के लिए कुल 50 एकदिवसीय (ODI) और 37 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। एकदिवसीय मैचों में उन्होंने 66 विकेट लिए, जिसमें उनकी औसत 19.39 रही, जबकि टी20 अंतरराष्ट्रीय में उन्होंने 29 विकेट लिए और औसत 26.27 रही। सुल्ताना ने 2009 और 2013 में दो एकदिवसीय विश्व कप में भाग लिया और 11 मैचों में कुल 12 विकेट हासिल किए। इसके अलावा, उन्होंने 2009 से 2014 तक तीन टी20 विश्व कप में हिस्सा लिया और सात विकेट लिए।
उनका प्रदर्शन हर मौके पर टीम इंडिया के लिए निर्णायक साबित हुआ। हर विकेट, मैदान पर डाइव और टीम के साथियों के साथ हडल (मैदान पर रणनीति बनाने) ने उन्हें एक बेहतर क्रिकेटर और व्यक्ति बनाने में मदद की।
संन्यास पर प्रतिक्रिया
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी सुल्ताना ने घरेलू क्रिकेट और महिला प्रीमियर लीग (WPL) में खेलना जारी रखा। उन्होंने 2024 और 2025 में UP वारियर्स का प्रतिनिधित्व किया और अपनी स्पिन गेंदबाजी से टीम को मजबूती प्रदान की। सुल्ताना की मौजूदगी टीम के युवा खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा रही। उनके अनुभव और खेल की समझ ने मैदान पर और उसके बाहर टीम के माहौल को सशक्त किया।
सुल्ताना ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा, विश्व कप और विभिन्न दौरे में शीर्ष स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा। इसमें मेरे कौशल और जज्बे की परीक्षा हुई। हर विकेट, मैदान में हर डाइव, और टीम के साथियों के साथ हडल ने मुझे न केवल एक क्रिकेटर बल्कि एक बेहतर इंसान बनने में मदद की।