मुंबई में जारी गणेश उत्सव 2025 के दौरान टीवी इंडस्ट्री के कई सितारे उत्सव का हिस्सा बने। इन्हीं में शामिल रहे लोकप्रिय टीवी कपल जैस्मीन भसीन और अली गोनी। दोनों अपने दोस्तों और सह-कलाकारों के साथ गणपति बप्पा के दर्शन करने पहुंचे।
Aly Goni Ganpati Controversy: मुंबई में इस समय गणेश उत्सव की रौनक हर जगह देखने को मिल रही है। छोटे और बड़े पर्दे के सितारे अपने घरों और पंडालों में गणपति बप्पा की स्थापना कर श्रद्धा और भक्ति से पूजा कर रहे हैं। इसी कड़ी में टीवी इंडस्ट्री के पॉपुलर कपल जैस्मीन भसीन और अली गोनी ने भी गणपति का स्वागत किया।
उन्होंने अपने करीबी दोस्तों और इंडस्ट्री के साथियों के साथ मिलकर गणपति उत्सव में हिस्सा लिया। इस मौके पर उनके घर पर भक्तिमय माहौल के साथ-साथ दोस्तों की मौजूदगी ने रंग जमा दिया।
वायरल वीडियो में क्या दिखा?
सोशल मीडिया पर सामने आए इस वीडियो में जैस्मीन भसीन और उनकी करीबी दोस्त निया शर्मा जोर-जोर से “गणपति बप्पा मोरया” के नारे लगाती नजर आ रही हैं। वहीं, बगल में खड़े अली गोनी बिल्कुल चुप रहते हैं। यहां तक कि जैस्मीन द्वारा कहे जाने के बावजूद भी अली एक बार भी ‘गणपति बप्पा मोरया’ नहीं बोलते।
इसी वजह से कई सोशल मीडिया यूजर्स ने अली के रिएक्शन पर सवाल खड़े कर दिए। कुछ ने कहा कि वह मुस्लिम होने के कारण ऐसा नहीं कर रहे, तो कुछ ने इसे “अनादर” करार दिया।
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
वीडियो सामने आते ही इंटरनेट पर बहस छिड़ गई। एक वर्ग ने अली गोनी की आलोचना करते हुए लिखा कि अगर वह उत्सव में सहज नहीं हैं, तो उन्हें वहां जाना ही नहीं चाहिए था। एक यूजर ने लिखा, इतना असहज महसूस हो रहा है तो आया क्यों? जैस्मीन को सोचना चाहिए। दूसरे यूजर ने सोनाक्षी सिन्हा और उनके पति की तुलना करते हुए कहा, इससे अच्छा तो सोनाक्षी का पति है, जो हर मौके पर खुलकर साथ देता है।
तीसरे कमेंट में एक शख्स ने लिखा, लेकिन मुंह क्यों बना रहा है, इतना कम से कम शालीनता से मुस्कुरा तो सकता था। हालांकि, सभी यूजर्स अली की आलोचना करने वालों में शामिल नहीं थे। बड़ी संख्या में फैंस उनके समर्थन में भी सामने आए। उन्होंने लिखा कि हर किसी को अपनी आस्था और धार्मिक विश्वास के मुताबिक बर्ताव करने का अधिकार है।
एक यूजर ने कमेंट किया, क्या जैस्मीन ने अली को कभी नमाज पढ़ने या रोजे रखने के लिए मजबूर किया? अगर नहीं, तो अब क्यों अली पर सवाल उठा रहे हो। दूसरे ने लिखा, दूसरों की आस्था का सम्मान करना चाहिए। अगर अली ने नारा नहीं लगाया तो इसमें क्या गलत है? यह उनकी पर्सनल चॉइस है। तीसरे ने कहा, जैस्मीन को उससे जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए। हर किसी का धर्म और विश्वास उसका निजी मामला है।
धार्मिक आस्था बनाम सामाजिक दबाव
यह पहली बार नहीं है जब किसी सेलिब्रिटी को धार्मिक आयोजनों के दौरान अपनी व्यक्तिगत आस्था की वजह से ट्रोल किया गया हो। भारतीय मनोरंजन जगत में अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां सितारों से उम्मीद की जाती है कि वे सार्वजनिक आयोजनों में सभी की भावनाओं के अनुरूप ही प्रतिक्रिया दें। अली गोनी के मामले में भी यही हुआ। जहां कुछ लोगों ने इसे धार्मिक असहिष्णुता का नाम दिया, वहीं अन्य ने इसे उनके निजी अधिकार और व्यक्तिगत आस्था का सम्मान बताया।