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गुरुवायुर मंदिर विवाद: तालाब में रील बनाने पर जैसमीन जाफर ने मांगी माफी, मंदिर प्रशासन ने उठाया बड़ा कदम

गुरुवायुर मंदिर विवाद: तालाब में रील बनाने पर जैसमीन जाफर ने मांगी माफी, मंदिर प्रशासन ने उठाया बड़ा कदम

केरल के प्रसिद्ध गुरुवायुर श्री कृष्ण मंदिर में एक्ट्रेस जैसमीन जाफर द्वारा पवित्र तालाब में इंस्टाग्राम रील बनाने के बाद विवाद उत्पन्न हो गया है। वीडियो वायरल होने के बाद भक्त और सांस्कृतिक संगठन आक्रोशित हुए और मंदिर प्रशासन ने विशेष पुण्यहम आयोजित करने का निर्णय लिया।

एंटरटेनमेंट: केरला में बिग बॉस फेम एक्ट्रेस जैसमीन जाफर ने गुरुवायुर मंदिर के पवित्र तालाब में रील बनाकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। वीडियो सामने आने के बाद मंदिर प्रशासन, गुरुवायुर देवस्वम बोर्ड, ने घोषणा की है कि तालाब में पुण्यहम (शुद्धिकरण अनुष्ठान) आयोजित किया जाएगा। इस वायरल वीडियो में जैसमीन जाफर को एक गैर-हिंदू प्रतिभागी के साथ तालाब में प्रवेश करते हुए देखा गया, जिससे इंस्टाग्राम रील बनाई जा रही थी। इस घटना ने भक्तों और सांस्कृतिक संगठनों में नाराजगी पैदा कर दी है।

क्या है विवाद की वजह?

बिग बॉस फेम एक्ट्रेस जैसमीन जाफर ने गुरुवायुर मंदिर के तालाब में रील फिल्माई, जिसमें एक गैर-हिंदू प्रतिभागी भी शामिल था। मंदिर के देवास्वम बोर्ड के अनुसार, तालाब अत्यंत पवित्र माना जाता है और यहाँ फोटोग्राफी, फिल्मांकन और गैर-हिंदुओं का प्रवेश सख्त वर्जित है।वीडियो के वायरल होने के बाद मंदिर प्रशासन ने कहा कि जाफर के कृत्य ने मंदिर की परंपराओं का उल्लंघन किया और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई। इस घटना के बाद मंदिर में छह दिनों तक विशेष पुण्यहम अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे।

देवास्वम बोर्ड ने बताया कि अनुष्ठान में 18 पूजाएं और 18 शीवेलियां दोहराई जाएंगी। इस अवधि में मंदिर दर्शन पर भी प्रतिबंध रहेगा। तालाब जहां भगवान कृष्ण को पारंपरिक रूप से स्नान कराया जाता है, उसकी पवित्रता बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। मंदिर प्रशासक ने औपचारिक शिकायत दर्ज कर कहा कि जैसमीन जाफर के कृत्य ने मंदिर की धार्मिक आस्थाओं को चोट पहुंचाई। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि मंदिर परिसर की पवित्रता हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता होगी और उल्लंघनों से सख्ती से निपटा जाएगा।

जैसमीन जाफर का बयान

भारी आलोचना के बाद जैसमीन जाफर ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। उन्होंने कहा, मेरा किसी को ठेस पहुंचाने का या परेशानी पैदा करने का इरादा नहीं था। अज्ञानतावश मेरी गलती हुई है और मैं ईमानदारी से माफी मांगती हूं। जाफर ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें मंदिर के नियमों और तालाब में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध की जानकारी नहीं थी। उनके बयान से पता चलता है कि यह एक अज्ञानतावश हुई घटना थी, लेकिन सोशल मीडिया पर इसे लेकर बहस ने तूल पकड़ लिया।

गुरुवायुर मंदिर, जिसे अक्सर "दक्षिण का द्वारका" कहा जाता है, केरल के प्रमुख और प्रतिष्ठित तीर्थस्थलों में से एक है। यह मंदिर भगवान कृष्ण के बाल रूप को समर्पित है और लाखों श्रद्धालुओं को हर साल आकर्षित करता है। मंदिर की कठोर परंपराएं, जैसे अन्नप्राशन, तुलाभरम और दैनिक शीवेली जुलूस इसे अद्वितीय बनाते हैं। 

इसके तालाब और अनुष्ठानिक आयोजन इसकी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को और बढ़ाते हैं। मंदिर की लोकप्रियता इतनी है कि कुछ पूजाओं के लिए प्रतीक्षा अवधि कई महीनों या वर्षों तक हो सकती है।

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