हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को अमेरिका से लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट LCA Mk1A प्रोग्राम के लिए तीसरा GE-404 इंजन मिल गया है। यह इंजन स्वदेशी तेजस फाइटर जेट के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारतीय वायुसेना को बड़ी संख्या में लड़ाकू विमानों की आवश्यकता है।
नई दिल्ली: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को अमेरिका से तीसरा GE-404 इंजन मिल गया है, जो LCA Mk1A तेजस फाइटर जेट के उत्पादन और डिलीवरी शेड्यूल के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस इंजन के मिलने से भारतीय वायुसेना के स्वदेशी लड़ाकू विमानों की संख्या बढ़ाने की प्रक्रिया में तेजी आएगी और HAL समय पर अपने डिलीवरी लक्ष्यों को पूरा करने में सक्षम होगा।
HAL के अधिकारियों के अनुसार, सितंबर 2025 के अंत तक एक और GE-404 इंजन भारत पहुंच जाएगा, जिससे उत्पादन प्रक्रिया और अधिक सुचारू हो जाएगी। ये इंजन Mk1A तेजस जेट का उन्नत संस्करण उड़ाने के लिए आवश्यक हैं और भारतीय वायु सेना की स्वदेशी तकनीक पर आधारित ताकत को और मजबूती देंगे।
इंजन सप्लाई में सुधार से डिलीवरी पर असर
डिफेंस अधिकारियों के मुताबिक, GE-404 इंजन की सप्लाई चेन में सुधार होने से HAL को LCA Mk1A की डिलीवरी समय पर करने में मदद मिलेगी। इस उन्नत वर्जन के फाइटर जेट्स के लिए इंजन की समय पर उपलब्धता बेहद जरूरी है। HAL ने इस वित्तीय वर्ष के अंत तक कुल 12 GE-404 इंजन प्राप्त होने की उम्मीद जताई है।
भारतीय वायुसेना ने पहले ही 83 LCA Mk1A फाइटर जेट्स का ऑर्डर दे रखा है और साथ ही 97 और विमानों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी के अंतिम चरण में रखा गया है। इससे भारतीय वायुसेना का आधुनिक और स्वदेशी लड़ाकू विमान बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य तेजी से पूरा होगा।
716 मिलियन डॉलर की इंजन डील
HAL और भारत सरकार ने साल 2021 में जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के साथ 99 F404-IN20 इंजनों की खरीद के लिए 716 मिलियन डॉलर का समझौता किया था। हालांकि, दक्षिण कोरिया के एक कंपोनेंट सप्लायर की वजह से सप्लाई में देरी हुई, जिसके कारण डिलीवरी शेड्यूल मार्च 2025 तक खिसक गया। अब सप्लाई चेन में सुधार के साथ HAL तेजी से काम कर रहा है और उम्मीद है कि इस साल की डिलीवरी प्रतिबद्धताओं को पूरा किया जाएगा। यह सुधार न केवल डिलीवरी प्रक्रिया को तेज करेगा, बल्कि भारतीय वायुसेना को समय पर आधुनिक लड़ाकू विमानों से लैस करने में मदद करेगा।
भारतीय वायुसेना का लक्ष्य है कि वह कुल 352 तेजस विमान अपने बेड़े में शामिल करे, जिसमें Mk1A और Mk2 वेरिएंट शामिल हैं। HAL ने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष में इंजन सप्लाई पूरी तरह स्थिर हो जाएगी। कंपनी ने 2026-27 तक हर साल 30 विमानों का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
LCA Mk1A जैसे आधुनिक फाइटर जेट्स की समय पर डिलीवरी से न केवल भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ेगी, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को भी मजबूती मिलेगी।